महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थ ,रचयिता, जाप विधि और लाभ | mahamrityunjay mantra meaning in hindi

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महामृत्युंजय मंत्र मीनिंग इन हिंदी | Mahamrityunjay mantra meaning in hindi : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से mahamrityunjay mantra meaning in hindi के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोग जानते होंगे कि महामृत्युंजय मंत्र किस देवता का है अगर नहीं जानते हैं तो हम आप लोगों को बता दें कि महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का मंत्र है इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में किया गया है।

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इसके अलावा शिवपुराण सहित अन्य ग्रंथों में भी इसका विशेष महत्व बताया गया है संस्कृत में महामृत्युंजय मंत्र उस व्यक्ति को कहते हैं जो मृत्यु को जीतने वाला हो अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव की स्तुति करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए महामृत्युंजय मंत्र के जाप से संसार के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं क्योंकि यह मंत्र एक जीवन दान देने वाला है.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सकारात्मकता बढ़ जाती है और इस मंत्र का जाप करने से हर तरह का डर और टेंशन खत्म हो जाता है। इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से mahamrityunjay mantra meaning in hindi के बारे में बताएंगे इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता कौन हैं.

इस मंत्र का जाप कैसे किया जाता है और इस मंत्र के फायदे क्या है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं अगर आप लोग इस जानकारी को संपूर्ण तरह से प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।

महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता | Mahamrityunjay mantra ke rachayita

शिवजी का चाँद

अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता कौन है तो हम आप लोगों को बताने की महामृत्युंजय मंत्र की रचना करने वाले का नाम मार्कंडेय ऋषि तपस्वी और तेजस्वी मृकण्ड ऋषि के पुत्र थे ऐसा कहा जाता है कि घनिष्ठ तपस्या के बाद मृकण्ड ऋषि को इस संतान के रूप में एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी जिसका नाम इन्होंने मार्कंडेय रखा था लेकिन इनके बेटे के लक्षण देखकर इन्होंने ज्योतिषियों से कहा कि यह शिशु अल्पायु है और इस बच्चे की उम्र मात्र 12 वर्ष की है।

महामृत्युंजय मंत्र | Mahamrityunjay mantra

ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

मृत्युंजय मंत्र का हिन्दी में अर्थ | Mrityunjay mantra ka hindi me arth

आज हम भगवान शिव जो त्रिनेत्र धारी है उनकी आराधना करते हैं जो अपनी शक्ति के द्वारा संसार का पालन पोषण करते हैं उन शक्ति रूप भगवान से हम प्रार्थना करते हैं कि वह हमें इस जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्ति दे और हमें मोक्ष प्रदान करें।
जिस भारती एक कंकड़ी अपनी बेल की पक जाने पर आजाद होकर जमीन पर गिर जाता है उसी भांति हमें भी इस बैल रूपी सांसारिक जीवन में जन्म मृत्यु के सभी बंधनों से मुक्ति प्रदान कर मोक्ष प्रदान करना चाहिए।

महामृत्युंजय मंत्र मीनिंग इन हिंदी | Mahamrityunjay mantra meaning in hindi

shivling

मंत्र मंत्र का अर्थ 
त्रयंबकमत्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
यजामहेहम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय
सुगंधिममीठी महक वाला, सुगंधित।
पुष्टिएक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता
वर्धनमवह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
उर्वारुकककड़ी।
इवत्रजैसे, इस तरह।
बंधनात्रवास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
मृत्युमृत्यु से
मुक्षियाहमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
मात्र न
अमृतातअमरता, मोक्ष।

महामृत्युंजय मंत्र का सरल अनुवाद | Mahamrityunjay mantra ka saral anuvad

इस मंत्र का मतलब हमारे हिंदू धर्म के अनुसार यह बताया गया है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं जिनके तीन नेत्र हैं जो हर स्वास में जीवन शक्ति का संचालन करते रहते हैं और पूरे जगत का पालन पोषण भी करते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र उत्पत्ति | Mahamrityunjay mantra utpatti

दोस्तों अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई थी तो आज हम आप लोगों को बताएंगे कि महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई थी महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति ऋषि मार्कंडेय के द्वारा की गई थी ऋषि मार्कंडेय जी ही एक ऐसे एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने महामृत्युंजय मंत्र का ज्ञान प्राप्त किया था उन्होंने यह मंत्र माता सती को दिया जिससे वह चंद्रमा को अपने पिता राजा दक्ष के श्राप से बचा सके।

इस मंत्र को धारण करने के लिए भगवान शिव के द्वारा दृष्टि शंकराचार्य को दिया गया था उन्होंने इसके बाद में ऋषि दधीचि को सौंपा और उन्होंने राजा क्षुव को इसका ज्ञान दिया था और उन्हीं द्वारा इस मंत्र को शिव पुराण में जोड़ा गया है।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की विधि | Mahamrityunjay mantra ka jaap karne ki vidhi

shivling

आप लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे किया जाता है इसकी विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आप लोगों को बता दें कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के लिए आपको प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निश्चिंत हो जाना है और प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के शिवलिंग के सामने बैठकर इस मंत्र का जाप करना है। इस मंत्र का जाप अकाल मृत्यु असमय मौत का डर दूर करने के लिए किया जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र जप के अन्य फायदे | Mahamrityunjay mantra jap ke any fayde

  1. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से भय छुटकारा मिल जाता है लेकिन इसके लिए इस मंत्र का जाप आपको 1100 बार करना चाहिए।
  2. महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है लेकिन इसके लिए इस मंत्र का 11000 बार जाप किया जाता है।
  3. अगर आप लोग पुत्र की प्राप्ति करना चाहते हैं या फिर उत्पत्ति के लिए अकाल मृत्यु से बचने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं सवा लाख की संख्या में मंत्र जाप करने से अनिवार्य ही आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाते हैं।
  4. अगर कोई भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस साधना को करता है तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं।

FAQ : mahamrityunjay mantra meaning in hindi

मृत्युंजय मंत्र बोलने से क्या होता है?

ऐसा कहा जाता है कि हमारे शिव पुराण के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं इसका जाप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतानबाधा कई दोषों का नाश होता है।

महामृत्युंजय का मूल मंत्र क्या है?

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ। आज के इस पूरे संसार के पालनहार तीन नेत्रों वाले शिव की हम पूजा करते हैं। 

महामृत्युंजय जाप कितने दिन करना चाहिए?

महामृत्युंजय मंत्र का सामान्य तौर पर कम से कम 45 और अधिकतम 84 दिनों में पूर्ण करना चाहिए।

निष्कर्ष

जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से mahamrityunjay mantra meaning in hindi के बारे में बताएं इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे किया जाता है और उसकी जॉब करने के फायदे क्या है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो उसको उसकी जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा भी यह जानकारी आपको अच्छी लगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

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