नौ ग्रहों की साधना कैसे करे? नव ग्रह तांत्रिक एवं एकाक्षरी बीज मंत्र क्या है ?

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Nav graho ki sadhana kya hoti hai ? nav graho ki sadhana kaise karni chahiye ? नौ ग्रहों की साधना कैसे करे ? नौ ग्रहों (nine planets) हमारी जिंदगी (life) को प्रभावित करते हैं। जन्म कुंडली (birth certificate) में ग्रह शुभ भी होते हैं और अशुद्ध (Impure) भी। अगर कुंडली (Horoscope) में ग्रह दोष है तो जानकार हमें ग्रहों से संबंधित (related) दान और मंत्र (Mantra) जप को बोलते हैं ।

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यहां प्रस्तुत है नवग्रहों Navagrahas के बीज beej मंत्र Mantra  तांत्रिक (tantric) मंत्र (Mantra) जप संख्या और दान संबंधी जानकारी। इन मंत्रों का जाप करने से पूर्व अपने को शुद्ध पवित्र  करना आवश्यक होता है। तथा अपने इष्ट देवता को सर्वप्रथम स्मरण करके गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके बाद में यथा जाप संख्या का संकल्प लेते हुए इन मंत्रों  को जब करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण का दोष क्या है ? Surya

सूर्य जब कुंडली में सूर्य ग्रहण का दोष हो तब उसके निवारण के लिए सूर्य मंत्र का जाप किया जाता है जिससे सूर्य देव प्रसन्न होकर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।

सूर्य तांत्रिक मंत्र क्या है ? Surya Tantric Mantra

ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स:सूर्याय नमः ।

सूर्य एकाक्षरी बीज मंत्र क्या है ? Surya Ekakshari Beej Mantra

ऊँ घृणि सूर्याय नमः

इस मंत्र को प्रातः काल यथा विधि के साथ जब करना चाहिए इसकी जप संख्या 7000 है। मंत्र जाप के समाप्ति पर यथासंभव दान-माणिक्य, गेहूं, कमल ,गुड, ताम्र ,लाल कपड़े ,लाल पुष्प स्वर्ण ।

चंद्र ग्रह दोष क्या है ? Chandra

चंद्र ग्रह की स्थिति कुंडली में सही ना होने पर इस मंत्र का पूर्ण विधि के साथ जाप करना चाहिए।

चंद्र तांत्रिक मंत्र क्या है ? Chandra Tantric Mantra

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्र मसे नमः ।

चंद्र एकाक्षरी मंत्र क्या है ? Chandra  Ekakshari Mantra

ऊँ सो सोमाय नम:।

चंद्र देव का जाप 11,000 बार बताया गया है। इनके लिए दान में वंश पात्र, तंदुल, कपूर ,घी, शंख।

मंगल ग्रह दोष क्या है ? Mangal

मंगल देव देवताओं के सेनापति हैं तथा जब इनकी स्थिति ठीक नहीं होती तो मनुष्य को बहुत अधिक कष्टों का सामना करना पड़ता है । इन को शांत करने के लिए निम्न मंत्र का जाप आवश्यक होता है । ! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

मंगल तांत्रिक मंत्र क्या है ? Mangal Tantric Mantra

ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नमः।

मंगल एकाक्षरी मंत्र क्या है ? Mangal Ekakshari Mantra

ऊँ ऊँ अंगारकाय नमः।

इनके मंत्र के जप संख्या 1000 है। तथा इनके दान में गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र ,गुड स्वर्ण पत्र ताम्र।

बुध ग्रह दोष क्या है ? Budha

बुध ग्रह को बुद्धि का देवता माना गया है। तथा कुंडली में इनकी स्थिति अगर नीच भाव की हो तो यह बहुत अधिक कष्ट देते हैं। इन को शांत करने या इन्हें उच्च की स्थिति में लाने के लिए निम्न मंत्र का शास्त्रोक्त उच्चारण करना चाहिए।

बुध तांत्रिक मंत्र क्या है  ? Budha Tantric Mantra

ऊँ बुं बुधाय नमः।

बुध एकाक्षरी मंत्र क्या है ?  Budha Ekakshari Mantra 

ऊँ बुं बुधाय नमः।

इस मंत्र की जप संख्या 9000 है। दान के रुप में मूंग, हरा वस्त्र ,सुवर्ण ,कांस्य ,आदि करना चाहिए।

गुरु ग्रह को कैसे शांत करे ? Guru

गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है। तथा मनुष्यों की कुंडली में इनका भी महत्वपूर्ण स्थान है। अगर यह नीच भाव में है। तो इनके प्रभाव से मनुष्य बहुत अधिक कष्ट उठाता है। इनका मंत्र बृहस्पतिवार को जप करना चाहिए। जिससे इनकी दृष्टि हो जायेगी ।

गुरु तांत्रिक मंत्र क्या होता है ? Guru Tantric Mantra

ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नमः।

गुरू एकाक्षरी मंत्र बताइए ? Guru Ekakshari Mantra

ऊँ ब्रं बृहस्पतये नमः।

इनके मंत्र की जप संख्या 19000 है। दान के रुप में अश्व, शर्करा ,हल्दी ,पीला वस्त्र ,पीत दाने पुष्पराग तथा लवण।

शुक्र ग्रह को प्रेम का प्रतीक माना गया है। जब भी अपने उच्च भाव में होते हैं। तो परिवार में सुख शांति कायम रहती है। तथा आपस में प्रेम भाव बना रहता है। जब इनकी स्थिति नीच की हो जाती है ।

तो पारिवारिक कला झगड़े विवाद इत्यादि होते रहते हैं। इनको शांत करने के लिए शुक्रवार के दिन निम्न मंत्र का जाप अत्यधिक प्रभावित होता है।

शुक्र तांत्रिक मंत्र बताइए ?  Shukra Tantric Mantra

ऊँ द्रां द्री द्रौ शुक्राय नमः।

शुक्र एकाक्षरी मंत्र क्या होता है ? Shukra Ekakshari Mantra

ऊँ शुं शुक्राय नमः।

इस मंत्र की जाप संख्या 16000 है। तथा दान के रुप में धेनु, हीरा ,रौप्य, स्वर्ण, सुगंध इत्यादि करना चाहिए।

शनि की ढैया क्या है ? Shani

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शनि ग्रह के विषय में प्रत्येक व्यक्ति को मालूम है ।शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया बहुत ही कष्टदायक होती है। इसको शांत करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए। जिससे इस कष्ट से व्यक्ति को छुटकारा मिल सके।

शनि तांत्रिक मंत्र बताइए : Shani Tantric Mantra

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नमः।

शनि एकाक्षरी मंत्र कैसा होता है Shani Ekakshari Mantra

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

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उनके  मंत्र की संख्या 23000 है। दान के रूप में तिल ,तेल, कुलित्थ, महिषी , श्याम वस्त्र।

राहु और केतु को शांत कैसे करे ? Rahu

राहु और केतु ऐसे ग्रह होते हैं। जोकि मनुष्य के कुंडली में इन दोनों में से कोई न कोई उच्च निम्न का ही होता है। अतः इनको शांत करने या इनके लाभ को पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। तथा यथासंभव दान भी करना चाहिए।

राहु तांत्रिक मंत्र कैसा होता है ? Rahu Tanric Mantra

ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स:राहवे नमः।

राहु एकाक्षरी मंत्र बताइए ? Rahu Ekakshari Mantra

ऊँ रां राहवे नमः।

इस मंत्र की जाप संख्या 18000 बताई गई है। तथा दान के रुप में गोमेद ,अश्व, कृष्ण वस्त्र, कंबल ,तिल ,तेल ,लोहा ,अभ्रक।

केतु तांत्रिक मंत्र बताइए ?Ketu Tantric Mantra

ऊँ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम :।

केतु एकाक्षरी मंत्र बताइए ? Ketu Ekakhari Mantra

ऊँ के केतवे नमः

इन मंत्रों का यथा विधि के साथ नित्य जाप करने से  कष्टों से से व्यक्ति को छुटकारा मिल जाता है। तथा वह एक सुखमय जीवन जीने की कामना कर सकता है।

इस मंत्र की जप संख्या 17000 है। तथा दान के रुप में तिल, कंबल, कस्तूरी, शस्त्र, नीम, वस्त्र, तेल, कृष्ण पुष्प, छाग, लोह पात्र।

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सभी तांत्रिक साधनाएं एवं क्रियाएँ सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से दी गई हैं, किसी के ऊपर दुरुपयोग न करें एवं साधना किसी गुरु के सानिध्य (संपर्क) में ही करे अन्यथा इसमें त्रुटि से होने वाले किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे |

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