पशुपति व्रत नियम और विधान – पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें? | Pashupati Vrat mein agar koi Galti Ho Jaaye To Kya Karen

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पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें | Pashupati Vrat mein agar koi Galti Ho Jaaye To Kya Karen : हेलो मित्रों नमस्कार आज का यह लेख पशुपति व्रत से संबंधित है जिसमें हम बताएंगे पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें, यानी कि अगर आप पशुपति व्रत कर रहे हैं और आपसे उस व्रत में किसी भी प्रकार की छोटी – मोटी गलती हो जाती है तो ऐसे में आपको क्या करना चाहिए जिससे व्रत में गलती होने पर भी आपका व्रत पूर्ण रूप से सफल हो जाए इसके विषय में हम बताने वाले हैं.

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दोस्तों अक्सर करके जब हमें किसी भी विषय को लेकर अच्छी खासी जानकारी नहीं होती है तो हम जब भी उस कार्य को करते हैं चाहे वह कोई कार्य पूजा पाठ से संबंधित हो या फिर किसी और से तो उसमें कोई न कोई गलती अवश्य हो जाती है तब हमारे मन में तरह-तरह के अशुभ विचार आने लगते हैं.

मन में बेचैनी होने लगती है और फिर उस कार्य को करने की ओर हमारा ध्यान नहीं जाता है इसलिए अगर आप कोई व्रत कर रहे हैं तो सबसे पहली बात है कि आप व्रत को कब ,कैसे, किस विधि, के द्वारा करना चाहिए इसकी जानकारी अवश्य कर लें.

तभी उस व्रत को करें दूसरी बात अगर आपको उस व्रत से संबंधित सारी जानकारी अच्छे से मालूम है और किसी कारणवश आपसे कोई भूल हो जाती है तो आपको ऐसा क्या उपाय करना चाहिए जिससे आपका व्रत पूर्ण हो जाए इसके विषय में हम इस लेख में बताने वाले हैं ऐसे में अगर आप लोग इस जानकारी को पाना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.

पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें ?| Pashupati Vrat mein agar koi Galti Ho Jaaye To Kya Karen ?

अगर किसी भी जातक या जातिका से पशुपति व्रत करने में कोई गलती हो जाती है तो ऐसे में उसे क्या करना चाहिए अगर आपने घर में जहां पर नल लगा हो या फिर आप जहां पर भी पानी भरने जाते हो उसी स्थान पर खड़े होकर.

pashupati

अपने हाथ जोड़कर अपने पूर्वजों, पितरों, अपने कुल देवी देवता, और पशुपतिनाथ भगवान को याद करके सच्चे दिल से अपने शब्दों में अपनी गलती मानकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें उसके पश्चात पशुपति व्रत को दोबारा विधिवत रूप से करें.

पशुपति व्रत में महिलाओं को मासिक धर्म आ जाए तो क्या करें | Pashupati Vrat Mein mahilaon ko masik Dharm a Jaaye To Kya Karen ?

अगर महिलाओं ने पशुपति व्रत को किया है और अगले सोमवार आपको मासिक धर्म आ गया तो ऐसे में आप उस सोमवार को पशुपति व्रत ना करें बल्कि अगले सोमवार के दिन फिर से आप विधिवत रूप से पशुपति व्रत करें और 5 सोमवार तक इस व्रत को करके पूर्ण करें महावारी के समय व्रत इसलिए नहीं रखना चाहिए क्योंकि उस समय महिलाएं अपवित्र मानी जाती हैं ऐसे में पूजा घर में जाना उनके लिए वर्जित माना जाता है क्योंकि पूजा घर एक पवित्र स्थान होता है वहां सकारात्मकता होती है इसीलिए महिलाओं को ऐसी स्थिति में व्रत नहीं करना चाहिए.

पशुपति व्रत की सामग्री | Pashupati Vrat ki samagri

पशुपति व्रत करने में फल ,फूल ,अक्षत ,धूपबत्ती, अगरबत्ती, कपूर, भगवान को भोग लगाने के लिए खीर या मिष्ठान में कोई भोग और बेलपत्र, नारियल, कलावा, 11 रुपय, आरती के लिए थाली, और ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति भावना की आवश्यकता होती है.

पशुपति व्रत के नियम | Pashupati Vrat ke Niyam

Prayer

पशुपति व्रत में पालन किए जाने वाले सभी प्रकार के नियमों को नीचे एक क्रम से बताया जा रहा है जो निम्न प्रकार के हैं जैसे,

  1. पशुपति व्रत में ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए.
  2. पशुपति व्रत को चेतना से परिपूर्ण होकर व्रत को करना चाहिए.
  3. पशुपति व्रत में हिंसा कार्य बिल्कुल भी ना करें.
  4. पशुपति व्रत में किसी के प्रति कोई छल कपट की भावना अपने मन में ना रखें.
  5. पशुपति व्रत में नदियों में स्नान करना नियम बताया गया है लेकिन अगर आपके घर के आसपास कोई नदी नहीं है तो आप घर पर ही स्नान वाले जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर उससे स्नान कर सकते हैं.
  6. पशुपति व्रत में पहले सोमवार जिस मंदिर में आप इस व्रत की पूजा करें तो 5 सोमवार तक उसे मंदिर में लगातार पूजा करें.
  7. पशुपति व्रत को करते समय अपने मन में क्रोध को ना आने दे.
  8. पशुपति व्रत में तंबाकू पान गुटखा मांस मछली इन सब का सेवन करना बंद कर दें.
  9. पशुपति व्रत में पवित्रता और शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.

पशुपति प्रति के प्रमुख नियम है अगर आप लोग पशुपति व्रत में इन नियमों का पालन करते हैं तो आपको पशुपति व्रत करने से प्राप्त होने वाले सभी लाभ प्राप्त होंगे.

पशुपति व्रत कैसे किया जाता है ? | Pashupati Vrat kaise kiya jata hai ?

पशुपति व्रत में सोमवार के दिन प्रात काल स्नानादि से निवृत्त होकर सुबह और संध्याकाल दोनो टाइम भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है बस दोनों टाइम की पूजा में फर्क इतना है कि शाम के टाइम भगवान शिव की पूजा की आपको घर से भगवान शिव को भोग लगाने के लिए खीर बनाकर ले जाना होता है आप भगवान को तीन हिस्सों में भोग लगाएं और 6 दीपक जलाएं उसके बाद भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करें .

भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र

विधिवत पूजा-अर्चना करने के बाद छह दीपक में से एक दीपक और 3 भोग हिस्सों में से एक भोग का हिस्सा अपने घर ले आए और उस दीपक को अपने घर की चौखट पर रखकर भगवान से अपनी समस्याएं दूर करने की प्रार्थना करें उसके बाद भोग को घर के लोगों में बांट दें और खुद भी उस प्रसाद को ग्रहण करें.

इसी तरह से पांच सोमवार आप पशुपति व्रत को करें पांचवें सोमवार के दिन आप जल वाला नारियल लेकर उस पर कलावा लपेटकर भगवान शिव के समक्ष अर्पित करते हैं और 180 बेलपत्र या चावल जो हो सके आपसे वह भगवान शिव को अर्पित करें और हो सके तो पंडितों को 11,101 जो रुपया हो सके दान करें तब जाके आपका व्रत पूर्ण होगा.

पशुपति व्रत के लाभ | Pashupati Vrat ke Labh

अगर कोई भी व्यक्ति में पशुपति व्रत को विधिवत रूप से करता है तो उस व्यक्ति को माता पार्वती और भगवान शिव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे उस व्यक्ति के जीवन में सुख शांति है यश मान सम्मान आदि में वृद्धि होने के साथ-साथ शारीरिक मानसिक तरीके के लाभ भी प्राप्त होते हैं.

FAQ : पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें

पशुपति व्रत में कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?

पशुपति व्रत में पुरुषों को ओम नमः शिवाय और महिलाओं को नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए.

पशुपति व्रत में व्रत करने वाले लोग क्या खा सकते हैं ?

जो लोग पशुपति व्रत करते हैं वह लोग कटु के आटे का हलवा खीर और सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं.

पशुपति कौन से देवता है?

पशुपति भगवान शिव का स्वरूप है इसीलिए इन्हें भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है.

निष्कर्ष

प्रिय मित्रों जैसा कि आज हमने इस लेख में पशुपति व्रत में अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें इस टॉपिक से संबंधित जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने आप लोगों को पशुपति व्रत में अगर गलती हो जाए तो क्या करना चाहिए इसके लिए भगवान शिव के साथ-साथ अपने कुलदेवता और अपने पूर्वजों से क्षमा याचना मांगने के विषय में बताया है.

क्योंकि मान्यता है अपने पूर्वजों से क्षमा याचना मांगने से किसी भी कार्य में हुई त्रुटि के बावजूद भी वह कार्य सफल माना जाता है इसलिए अगर आप पशुपति व्रत कर रहे हैं और आप से कोई गलती हो जाती है तो आप यह उपाय अवश्य करें तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी भी साबित हुई होगी.

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