पशुपति व्रत के नियम : पशुपति व्रत के फायदे सम्पूर्ण विधि मंत्र जाने | Pashupati vrat : पशुपति व्रत के नियम

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

Pashupati vrat : हेलो नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से pashupati vratv के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि पशुपतिनाथ व्रत कैसे किया जाता है और पशुपतिनाथ व्रत करने की विधि क्या है और इसकी महिमा क्या होती है पशुपति व्रत नाथ कैसे करें अगर आप पशुपतिनाथ व्रत के लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अवश्य पढ़ें कुछ लोग तो इस व्रत की विधि अपने तरीके से लिखने की कोशिश करते हैं.

pashupati vrat, pashupati vrat katha, pashupati vrat vidhi, pashupati vrat ki katha, pashupati vrat ki samagri, pashupati vrat ka udyapan, पशुपति व्रत कथा, पशुपति व्रत कथा विधि, पशुपति व्रत कथा इन हिंदी, पशुपति व्रत कथा और विधि, पशुपति व्रत कथा बताइए, पशुपति व्रत कथा प्रदीप मिश्रा, पशुपति व्रत कथा नियम, पशुपति व्रत कथा सुनाएं, पशुपति व्रत कथा बताएं, पशुपति व्रत का कथा, pashupatinath vrat katha book, pashupati vrat ke bare mein, pashupati vrat benefits, pashupati vrat katha vidhi, pashupati vrat katha, pashupati vrat ki katha, pashupati vrat katha in hindi, pashupati vrat kab hota hai, pashupati vrat kya hota hai, pashupati vrat ki kahani, pashupatinath ji ki vrat katha, pashupatinath ji ke vrat, पशुपति व्रत की कथा, पशुपति व्रत की कथा सुनाइए, पशुपति व्रत कथा के बारे में बताइए, पशुपति व्रत कथा की विधि, पशुपति व्रत कथा की विधि बताइए, पशुपति व्रत के कथा बताइए, पशुपति व्रत की कथा सुनाई, पशुपति व्रत की कथा क्या है, पशुपति व्रत कथाएं, pashupati vrat ka mahatva, pashupati vrat ki mahima, pashupati vrat vidhi, pashupatinath vrat katha vidhi, पशुपति व्रत के नियम, पशुपति व्रत के नियम बताइए, पशुपति व्रत के नियम और विधि, पशुपति व्रत के नियम प्रदीप मिश्रा, पशुपति व्रत नियम, pashupati vrat ke niyam, upvas ke niyam, pashupati vrat niyam, pashupatinath vrat ke niyam, upvas ke niyam in hindi, pashupati vrat ka niyam, pashupati vrat ke fayde, pashupati ke vrat ki vidhiपशुपति व्रत की आरती, पशुपति व्रत की आरती lyrics, पशुपति व्रत की आरती in hindi, पशुपति व्रत की आरती हिंदी में, pashupati ki aarti, pashupatinath ki aarti, pashupati bhagwan ki aarti, pashupati vrat kab aata hai, pashupati aarti, pashupatinath aarti download, pashupati ji ki aarti, pashupati vrat ki katha, पशुपति व्रत की आरती pdf, पशुपति व्रत क्यों किया जाता है, पशुपति मंत्र क्या है, पशुपति व्रत कब करना चाहिए, पशुपति व्रत कब से शुरू करना चाहिए, पशुपति व्रत कब शुरू करना चाहिए, पशुपतिनाथ व्रत किसे करना चाहिए, पशुपतिनाथ व्रत कैसे करना चाहिए, पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए, पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, पशुपति व्रत में शाम को क्या खाना चाहिए, पशुपति के व्रत में क्या खाना चाहिए, पशुपतिनाथ व्रत की विधि, पशुपतिनाथ व्रत की विधि प्रदीप मिश्रा, पशुपतिनाथ व्रत की विधि विधान, पशुपतिनाथ व्रत की विधि पंडित प्रदीप मिश्रा, पशुपतिनाथ व्रत की विधि उद्यापन, पशुपतिनाथ के व्रत की विधि, पशुपतिनाथ व्रत करने की विधि बताएं, पशुपतिनाथ व्रत करने की विधि बताइए, पशुपतिनाथ व्रत विधि, pashupatinath ki vidhi, pashupatinath ki vrat vidhi, pashupatinath ki vidhi bataiye, pashupatinath ki vrat ki vidhi, pashupatinath vrat karne ki vidhi, पशुपतिनाथ की व्रत की विधि, पशुपतिनाथ व्रत की विधि क्या है, पशुपतिनाथ व्रत विधि इन हिंदी, पशुपतिनाथ व्रत का विधि, pashupatinath ki puja vidhi, pashupatinath vrat udyapan, pashupatinath vrat ke udyapan vidhi, pashupatinath vrat udyapan vidhi, pashupatinath vrat ka udyapan, पशुपतिनाथ के व्रत की विधि विधान, पशुपतिनाथ की विधि व्रत की विधि, पशुपतिनाथ व्रत विधि प्रदीप मिश्रा, प्रदीप मिश्रा द्वारा पशुपतिनाथ व्रत की विधि, प्रदीप मिश्रा के पशुपतिनाथ व्रत की विधि, प्रदीप मिश्रा जी के पशुपतिनाथ व्रत की विधि, pashupati vrat mein kya khana chahie, pashupati vrat me kya khana chahiye, pashupati vrat mein kya khayen, pashupati vrat me kya khaye, pashupatinath vrat kaise kiya jata hai, pashupatinath vrat kaise karte hain, pashupatinath ka vrat kaise karna chahie, pashupatinath ka vrat kaise kiya jata hai, pashupatinath vrat kaise karen, pashupatinath vrat karne ki vidhi, pashupatinath ka vrat kaise karte hain, pashupati vrat kab aata hai, pashupati vrat kaise karna chahie, pashupati vrat kab hai, pashupati vrat kab hota hai, pashupati vrat ke bare mein, pashupati vrat kaise karte hain, pashupati vrat karne ki vidhi, pashupatastra kya hai, pashu ka mahatva, pashu kya hai, pashupati mantra hindi, pashu pravati kya hai, guru ka mantra kya hai, mantra kya hote hain, mantra kya hai hindi, pashupatinath mantra in hindi, pashupati vrat kaise kiya jata hai, pashupati vrat kab kiya jata hai, pashupati vrat kya hai, pashupati vrat kaise kiye jaate hain, guruwar ka vrat kyon kiya jata hai, pashupati ka vrat kaise kiya jata hai, pashupati vrat kaise rakha jata hai, pashupati vrat pradeep mishra, pashupati vrat samagri list, pashupati vrat ki vidhi by pradeep mishra, pashupatinath vrat by pradeep mishra, pashupatinath vrat benefits, pashupatinath vrat vidhi pradeep mishra, pashupati vrat ke niyam, pashupati vrat ke fayde, pashupati vrat ke udyapan vidhi, pashupati vrat ke udyapan ki vidhi, pashupati vrat ke udyapan ki samagri, pashupati vrat ki vidhi, pashupati vrat ke niyam pradeep mishra, pashupati vrat ke bare mein, pashupati vrat ki vidhi batao, pashupati vrat ki vidhi bataiye, pashupati vrat ki vidhi bataen, pashupati vrat ghar per kaise karen, shiv chaudas ka vrat, pashupati vrat hindi, pashupati vrat kya hota hai, pashupati vrat katha hindi mein, pashupati vrat kitne hote hain, pashupati mantra benefits, pashupati vrat ki samagri list, pashupati vrat ki udyapan vidhi, pashupati vrat ki aarti, pashupati vrat ki thali, pashupatinath ji vrat ki vidhi, pashupati vrat pradeep ji mishra, pashupati vrat mishra ji, pashupati aarti time, pashupati aarti time today, pashupati vrat ke niyam in hindi, pashupati vrat mein, pashupati vrat me kya khana chahiye, pashupati vrat mein kya khana chahie, pashupati vrat me kya bhog lagaye, pashupati vrat me sham ki puja, pashupati vrat mantra, pashupati vrat m kya khana chahiye, pashupati vrat mein kya hota hai, pashupati vrat nath ki katha, pashupati vrat nath, pashupati vrat niyam, pashupati vrat niyam in hindi, pashupatinath vrat vidhi, pashupati nath vrat katha, pashupati nath vrat udyapan vidhi, pashupatinath vrat ka udyapan, pashupati vrat kab hota hai, pashupati vrat puja vidhi, pashupati vrat pooja samagri, pashupati vrat prasad, pashupati vrat puja time, pashupati vrat pdf, pashupati vrat pooja thali, pashupati vrat pradeep sharma,

लेकिन आज हम आप लोगों को पशुपतिनाथ व्रत जैसे किया जाता है वैसे बताएंगे इसीलिए किसी भी गलत जानकारी को जानने से पहले उसे गूगल पर सर्च करके उसे अच्छी तरह से पढ़ ले क्योंकि गलत व्रत करने से अच्छा है व्रत करे ही ना अगर आप इस पशुपतिनाथ व्रत की पूरी जानकारी जानना चाहते हैं.

तो हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें क्या आप जानते हैं कि इस पशुपति व्रत को भगवान शंकर के लिए किया जाता है अगर आप भी भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस pashupati vratv का पूजन अवश्य करें और अगर पूरे विधि विधान पूर्वक इनका व्रत करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंततः कि आज हम आप लोगों को कुछ के व्रत , उद्यापन , कथा पूरी संपूर्ण विधि के बारे में बताएंगे।

पशुपति व्रत क्यों किया जाता है ? | Pashupati vrat kyu kiya jata hai ?

पशुपति व्रत भगवान शंकर के लिए किए जाने वाला व्रत है यह एक पावन व्रत माना जाता है जो भी व्यक्ति इस व्रत को कहना चाहता है उसे सोमवार के दिन सुबह स्नान आदि से संपन्न होने के बाद पक्ष कपड़े पहन कर एक पूजा की थाली तथा कलर्स तैयार कर लेना चाहिए उसके बाद भगवान शंकर के मंदिर में जाकर इनकी पूजा की संपूर्ण विधि पूर्वक इनकी पूजा करनी चाहिए।

पशुपति मंत्र क्या है ? | Pashupati mantra kya hai ?

संजीवय संजीवय फट ।

विद्रावय विद्रावय फट ।

सर्वदुरितं नाशय नाशय फट .

पशुपति व्रत कब करना चाहिए ? | Pashupati Vrat Kab Se Karna Chahiye ?

अगर आप लोग पशुपतिनाथ रस को करना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत करने के लिए आपको सोमवार का दिन निश्चित करना होगा इसकी तिथि निश्चित करने की जरूरत नहीं है आप इस व्रत को शुक्ल पक्ष या फिर कृष्ण पक्ष होलाष्टक हो या फिर कोई तारा अस्त हो इस व्रत को आप कभी भी कर सकते हैं।

पशुपतिनाथ व्रत कब नहीं करना चाहिए ? | Pashupatinath Vrat Kab Nahi Karna Chahiye

pashupati

वैसे तो भगवान पशुपतिनाथ खुद ही इस संसार के समस्त पशु हैं इसीलिए इन्हें इस संसार के मनुष्य देव आदि के नाथ माने जाते हैं इसीलिए पशुपतिनाथ भी नहीं चाहते कि उनका कोई भी भक्त कष्ट में हो इसीलिए पशुपतिनाथ भी नहीं चाहते कि बीमार व्यक्ति बुजुर्ग व्यक्ति गर्भवती महिला इन के व्रत को रखें।

पशुपतिनाथ व्रत किसे करना चाहिए ? | Pashupatinath Vrat Kaise Karna Chahiye ?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पशुपतिनाथ व्रत कौन व्यक्ति रख सकता है तो आज हम आप लोगों को बताएगी कि pashupati vratv को पुरुष महिला द्वारा किया जाता है अगर स्त्री को मासिक धर्म है तो वह अपने घर के किसी भी सदस्य से इस पूजा को करवा सकती हैं अगर पूजा आरंभ नहीं हो तो फिर व्रत भी किया जा सकता है।

पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए ?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पशुपति के व्रत में क्या खाना चाहिए तो आपको पशुपति के व्रत में सुबह के समय फलाहार करना चाहिए और शाम के समय पूजा के बाद आपको भोजन ग्रहण करना चाहिए शाम के समय आपने जो भी प्रसाद भगवान को अर्पित किया है.

उसमें से 2 भाग को भगवान को अर्पित कर देना है और तीसरे बाग को आप प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लेना है उसके बाद आपको भोजन ग्रहण कर लेना है खाने में आप नमक दोनों समय खा सकते हैं इस व्रत में नमक खाने का परहेज नहीं बताया गया है। लेकिन आपको इस व्रत में व्रत वाला नमक खाना है यानी कि सेंधा नमक खाना है।

पशुपतिनाथ व्रत की विधि | Pashupatinath Vrat Sampurna Vidhi

अगर आप लोग पशुपतिनाथ व्रत करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले सुबह सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से संपन्न होने के बाद और स्वच्छ कपड़े पहनने के बाद आपको पूजा की एक थाली तैयार करनी हैं उस थाली में आपको कुमकुम, अबीर, गुलाल, अष्टगंधा, लाल चन्दन, पीला चन्दन, अक्षत (बिना खंडित चावल) रखे।

वैसे तो कई लोग अपनी इच्छा अनुसार धतूर , भांग आंकड़ा आदि आप लोग अपनी थाली में रखें अगर आपके पास यह सारी चीजें नहीं है तो कोई जरूरी नहीं है क्योंकि भगवान भोलेनाथ को किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं होती है बस वह अपने भक्तों के मन में प्रेम देखना चाहते हैं इसीलिए अगर आप प्रेम से पूजा की थाली के साथ तांबे के लोटे में शुद्ध जल लेकर और उन्हें बेलपत्र चढ़ाएं तो भगवान भोलेनाथ ऐसे ही प्रसन्न हो जाते हैं.

लेकिन आपको एक बात का ख्याल रखना है कि इस पूजा की थाली में जो भी वस्तु आपने रखी है वही वस्त्र आपको शाम को भी इस्तेमाल करना है इसीलिए आपको उन वस्तुओं को अधिक मात्रा में रखना है अगर आपके पास अधिक बेलपत्र नहीं है तो आप मंदिर में रखें उन्हें बेलपत्र को धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं मंदिर जाने से पहले आपको एक बात का ख्याल रखना है कि आप जिस मंदिर में जाकर पहला व्रत रख रहे हैं.

शिवजी का चाँद

उसी मंदिर में जाकर और सभी व्रतों को रखना है आप किसी ऐसे मंदिर में जा कर पूजा करें जहां पर आसानी से आप व्रत के दौरान पूजा सही से कर सकें जैसे ही आप मंदिर में जाते हैं सबसे पहले आपको भगवान भोलेनाथ को प्रणाम करना है और अपने मन में व्रत का संकल्प लेना है उसके बाद शिवलिंग के पास पहुंचकर उसके आसपास की थोड़ी साफ सफाई कर देनी है और शिवलिंग का जल से अभिषेक करना है और अभिषेक करते समय आपको जल्दबाजी नहीं करनी है.

आराम से धीरे धीरे जल को भगवान भोलेनाथ को समर्पित करें और अपने मन में “ॐ नमः शिवाय” या “श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ” मंत्र का जाप करना है भोलेनाथ को हल्के हाथों से साफ करें उसके बाद भोलेनाथ को बेलपत्र समर्पित करना है इसके बाद जैसे ही आप घर पहुंचते हैं उस पूजा की थाली को आप अपने पूजा घर में रख दें.

उसके बाद शाम के समय उसी पूजा की थाली के साथ बेलपत्र और मिठाई का प्रसाद रख लें साथ ही 6 दिए भी रख लो उसके बाद मंदिर में जाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करके बेलपत्र चढ़ाकर उनकी पूजा करें और मिठाई के तीन हिस्से बनाकर महादेव के सामने अर्पित कर दें और महादेव के सामने वह 6 दिए जला दें 5 दिए जलाने के बाद अपने मन में कामना करते हुए भोलेनाथ से प्रार्थना करें उसके बाद उस एक दिए और मिठाई के तीसरे भाग को लेकर घर चले आए.

घर आकर अंदर आने से पहले हाथ पर उस दिए को जला दें और वही छोड़ दें उसके बाद शाम की फलाहार से पहले उस प्रसाद को खा ले याद रखें कि आपको उस प्रसाद को किसी के साथ बांटना नहीं है इसी तरह आपको इस पशुपतिनाथ का पहला व्रत संपूर्ण करना है और हर सोमवार को इस व्रत को रखना है।

पशुपति व्रत कथा | Pashupati vratv katha

पशुपतिनाथ व्रत कथा को शुरू करने से पहले आपको अपने हाथ में अक्षत यानि कि चावल के दाने ले लेना है और उनके साथ जितने भी लोग पूजा में बैठे हैं उनको भी चावल दे देना है जैसे ही आप की कथा समाप्त हो जाती है उन अक्षरों भगवान भोलेनाथ के सामने चढ़ा देना है।

एक बार की बात है भगवान् शिव, नेपाल की सुन्दर तपोभूमि के प्रति आकर्षित होकर, एक बार कैलाश छोड़ कर यहीं आकर रम गये। इस क्षेत्र में वह 3 सींग वाले मृग (चिंकारा) बन कर, विचरण करने लगे। अतः इस क्षेत्र को पशुपति क्षेत्र, या मृगस्थली भी कहते हैं। शिव को इस प्रकार अनुपस्थित देख कर ब्रह्मा, विष्णु को चिंता हुई और दोनों देवता भगवान शिव की खोज में निकले।

इस सुंदर क्षेत्र में उन्होंने एक देदीप्यमान, मोहक 3 सींग वाले मृग को विचरण करते देखा। उन्हें मृग रूप में शिव होने की आशंका होने लगी। ब्रह्मा जी ने योग विद्या से तुरंत पहचान लिया कि यह मृग नहीं, बल्कि भगवान आशुतोष ही हैं। ब्रह्मा जी ने तत्काल ही उछल कर उन्होंने मृग का सींग पकड़ने का प्रयास किया। इससे मृग के सींग के 3 टुकड़े हो गये।

उसी सींग का एक टुकड़ा इस पवित्र क्षेत्र में गिरा और यहां पर महारुद्र उत्पन्न हुए, जो श्री पशुपति नाथ के नाम से प्रसिद्ध हुए। शिव जी की इच्छानुसार भगवान् विष्णु ने नागमती के ऊंचे टीले पर,भगवान शिव को मुक्ति दिला कर, लिंग के रूप में स्थापना की, जो पशुपति के रूप में विख्यात हुआ।

पशुपति व्रत के नियम | Pashupati vrat ke niyam

Shiv

  1. इस व्रत को रखने से पहले आपको इसके नियम जान लेना आवश्यक होता है सोमवार के दिन इस उपवास को रखना चाहिए लेकिन उसके 1 दिन पहले से ही आपको ब्रम्हचर्य का पालन करना है सोमवार के दिन आपको सूर्य उदय होने से पहले आपको घर में झाड़ू , पोछा , स्नान करें अगर आपके घर के आसपास कहीं पर भी पवित्र नदी बहती हो तो उसमें जाकर आप अदनान कर सकते हैं अन्यथा आप अपने घर में ही अपमान करें लेकिन उसमें थोड़ा सा गंगाजल डालने के बाद स्नान करें।
  2. जैसे ही आपका स्नान खत्म हो जाता है उसके बाद आपको पूजा की थाली बना लेना है और उस थाली में आपको धूप दीप , शमी पत्र , बेलपत्र , भांग धतूरा , मदार का फूल , पंचामृत आदि उस थाली में रख लेना है और उसके बाद शिव मंदिर जाना है।
  3. जिस मंदिर में जाकर आपने पहला व्रत रखा है उस मंदिर में आपको सारे सोमवार व्रत रखना है।
  4. उसके बाद शिव मंदिर में घी का दीपक जलाएं अगर हो सके तो मिट्टी का अथवा आटे का दीपक जलाएं शिवलिंग के आसपास साफ-सफाई अवश्य रखें और शिवलिंग पर जल अवश्य चढ़ाएं।
  5. शिव जी का जल से अभिषेक करते हुए आपको अपने मन में शिव का कोई भी मंत्र जाप करना है उसके बाद पंचा अभिषेक तथा दूध दही घी शहद तथा सबसे अंत में जल को भगवान शिव को अर्पित करना है।
  6. पंचाभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र मदार का फूल इन सारी सामग्रियों को भगवान शिव को अर्पित करना है और मिष्ठान अर्पित करना है।
  7. उसके बाद भगवान शिव को धूप दीप दिखाना है धूप दीप दिखाने के बाद अपने घर आ जाएं और कुछ फलाहार करें।
  8. उसके बाद शाम शाम को मंदिर जाने से पहले अपनी थाली में छह दीपक रख लेना है उन छह दीपक में से पांच दीपक को मंदिर में प्रज्वलित कर देना है उसके बाद है उस छठे दीपक को अपने साथ घर ले आना है घर लाने के बाद घर में प्रवेश करने से पहले उसे अपने मुख्य द्वार पर हाथ अर्थात दाहिनी और द्वार पर जला देना है।
  9. आपने मंदिर में जो भी मिष्ठान तीन भागों में करके चढ़ाया था उस तीसरे भाग को आप ग्रहण करें लेकिन याद रहे आपको उस तीसरे भाग को किसी के साथ बांटना नहीं है उसे आप ग्रहण कर ले ध्यान दें आपको इस व्रत में नमक का प्रयोग नहीं करना है।
  10. इसी प्रकार आपको लगातार पांच सोमवार पशुपति व्रत करना है उसके बाद पांचवें दिन आपको इस व्रत का उद्यापन कर देना है उद्यापन करने के लिए नीचे अवश्य पढ़ें।

उद्यापन की विधि

इस का उद्यापन करने के लिए पांचवी सोमवार को यानी उद्यापन वाले दिन आपको उसी प्रकार पूजा की सारी विधि संपन्न होने के बाद उद्यापन वाले दिन आपको नारियल का प्रयोग करना है इस सोमवार को मंदिर जाकर पूजा की सारी विधि संपन्न होने के बाद एक पानी वाला नारियल लेकर उस नारियल को कलावे से बांध लेना है और अपनी मनोकामना मन में दोहरा कर उस नारियल को शिव मंदिर में शिवलिंग के पास रख देना है।

इस प्रकार आपको यह जाति संपूर्ण कर लेना है व्रत संपन्न होने के बाद आपको समस्त ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए व्रत के पांचवे दिन आपको अपने मन में शिव भगवान के किसी भी मंत्र का जाप करना चाहिए पुरुष को इस “ऊँ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए और महिला को केवल इस “नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए।

पशुपति व्रत की आरती | Pashupati vratv ki aarti

recitation of durga saptashati

ॐ जय गंगाधर जय हर जय गिरिजाधीशा ।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा ॥ ॐ जय गंगाधर …
कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रमविपिने ।
गुंजति मधुकरपुंजे कुंजवने गहने ॥ ॐ जय गंगाधर …
कोकिलकूजित खेलत हंसावन ललिता ।
रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर …
तस्मिंल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता ।
तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता ॥ ॐ जय गंगाधर …
क्रीडा रचयति भूषारंचित निजमीशम्‌ ।
इंद्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्‌ ॥ ॐ जय गंगाधर …
बिबुधबधू बहु नृत्यत नामयते मुदसहिता ।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वर सहिता ॥ ॐ जय गंगाधर …
धिनकत थै थै धिनकत मृदंग वादयते ।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते॥ ॐ जय गंगाधर …
रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता ।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां ॥ ॐ जय गंगाधर …
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते ।
अंगुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते ॥ ॐ जय गंगाधर …
कपूर्रद्युतिगौरं पंचाननसहितम्‌ ।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्‌ ॥ ॐ जय गंगाधर …
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम्‌ ।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम्‌ ॥ ॐ जय गंगाधर …
मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम्‌ ।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम्‌ ॥ ॐ जय गंगाधर …
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम्‌ ।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणं ॥ ॐ जय गंगाधर …
शंखनिनादं कृत्वा झल्लरि नादयते ।
नीराजयते ब्रह्मा वेदऋचां पठते ॥ ॐ जय गंगाधर …
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा ।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर …
ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा ।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा ॥ ॐ जय गंगाधर …
संगतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते ।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते ॥ ॐ जय गंगाधर …
॥ इति श्री पशुपति नाथ आरती संपूर्णम् ॥
॥जय शिव शंंभू , हर-हर महादेव॥

FAQ : Pashupati Vratv

पशुपतिनाथ का व्रत कैसे किया जाता है?

अगर आप लोग पशुपतिनाथ औरतों को करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको सुबह के समय जल्दी उठकर स्नान आदि से निश्चिंत होने के बाद भगवान शिव का अभिषेक एवं पूजन करना चाहिए उसके बाद शाम के समय आपको इनकी पूजा-अर्चना करना चाहिए इस व्रत में आपको सुबह के समय फलाहार या मिठाई का भोग लगाना चाहिए उसके बाद शाम के समय आपको घर से छह दीपक ले जाकर जी के साथ और कुछ मिष्ठान के साथ दीपक जला देना है।

पशुपतिनाथ के कितने व्रत करना चाहिए?

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि पशुपतिनाथ व्रत कितने दिन करना चाहिए तो आपको पशुपतिनाथ का व्रत सोमवार के दिन करना चाहिए और शास्त्रों के अनुसार ऐसा बताया गया है कि भगवान शिव और पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है इस व्रत को शिव पूजन भी कहा जाता है इस व्रत को करने के लिए आप दिन में एक बार भोजन कर सकते हैं।

पशुपतिनाथ का मंत्र कौन सा है?

पशुपतिनाथ का एक बहुत ही सरल मंत्र है और इसे शिव प्रसाद प्राप्ति मंत्र कहा जाता है मम शिवप्रसाद प्राप्ति कामनया महेशनवमी-निमित्तं शिवपूजनं करिष्ये। इस व्रत में आपको गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए और भगवान शिव को बेलपत्र और गंध से पूजा करके फलों का भोग लगाना चाहिए उसके बाद आपको शिव भगवान की आरती करना चाहिए।

निष्कर्ष

जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से Pashupati Vratv की संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है इसके साथ-साथ हमने पशुपतिनाथ व्रत की कथा भी बताई है और इस व्रत को कैसे किया जाता है की संपूर्ण विधि बताई है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ाओ तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

Leave a Comment