पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी | Pushpanjali mantra in hindi : हेलो दोस्तों नमस्कार आज मैं इस लेख में पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी टॉपिक पर जानकारी दूंगी, जिसमें संपूर्ण पुष्पांजलि मंत्र बताने की साथ-साथ इस मंत्र को कब ,कहां, किस तरह, से बोलना चाहिए इसके विषय में सारी जानकारी देंगे. पुष्पांजलि का अर्थ होता है, पुष्प या फिर से बनी माला अंजली किसी देवी देवता या फिर महान पुरुष को अर्पित करना.
इस क्रिया के द्वारा हम अपनी भक्ति भावना को दूसरों के सामने व्यक्त करते हैं जिसकी सामने वाला व्यक्ति या भगवान अनुभूति करता है. वेद पुराणों में बताया जाता है भगवान को पुष्पांजलि करते समय पुष्प अर्पित करने मंत्र का उच्चारण करने से भगवान आपको समस्त पूजा के बराबर शुभ फल प्रदान करते हैं.
इसीलिए हम यहां पर पुष्पांजलि मंत्र के विषय में विस्तार से संपूर्ण जानकारी बताने वाले है. ऐसे में जो लोग इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो वह लोग कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.l
- 1. पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी | Pushpanjali mantra in hindi
- 2. पुष्पांजलि मंत्र को कब कहां और क्यों बोला जाता हैं ? | Pushpanjali mantra ko kab kaha aur kyu bola jata hai ?
- 3. FAQ : पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी
- 3.1. पुष्पांजलि का उदाहरण क्या है ?
- 3.2. मंदिर में पुष्पांजलि क्या है ?
- 3.3. पुष्पांजलि कब दी जाती है ?
- 4. निष्कर्ष
पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी | Pushpanjali mantra in hindi
पुष्पांजलि इन हिंदी संपूर्ण मंत्र नीचे दर्शाया जा रहा है.
मंत्र
प्रथम:
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।
ते ह नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: ॥
मंत्र का भावार्थ : इस श्लोक में बताया गया है समस्त देवों ने यज्ञ के माध्यम से यज्ञ समान प्रजापति का पूजन किया, जो यज्ञ तथा तत्सम उपासना के धर्म विधि कहलाए|
इस श्लोक में यह भी बताया गया है जहां पर समस्त देवी देवता निवास करते हैं जिसे स्वर्ग लोक नाम से जाना जाता है उस स्थान को यज्ञाचरण द्वारा प्राप्त करके साधक महानता (गौरव) प्राप्त करते हैं.
द्वितीय:
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने।
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।
स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय।
महाराजाय नम: ।
मंत्र का भावार्थ :इस श्लोक के माध्यम से एक जातक या जातिका के द्वारा कुबेर जी से की जा रही वंदना को दर्शाया गया है यानी कि इस इस लोक का तात्पर्य है कि जो अदृश्य शक्ति हमारे लिए सब कुछ अनुकूल करने वाली है.
उस श्रवण कुबेर को वंदन करता हूं या करती हूं और हमारी प्रार्थना है कि वह कुबेर देव मुझ पर अपनी कृपा करके हमारी समस्त मनोकामनाए पूर्ण करें.
तृतीया:
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने।
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे।
स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय।
महाराजाय नम: ।
मंत्र का भावार्थ :इस इस लोक में राज्य की व्याख्या की गई है जिसमें प्रजा और प्रजा के संचालक का कहना है हमारा राज्य सर्व कल्याणकारी राज्य है जिसमें सभी प्रकार की उपभोग वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तभी हमारा राज लोकराज्य हो ,
जिस पर परम श्रेष्ठ महाराज की अधिकता हो हमारा राज्य छितिज की सीमा तक पूर्ण रूप से सुरक्षित हो हमारा राज्य समुद्र तक फैली पृथ्वी तक दीर्घायु अखंड राज्य बने इतना ही नहीं राज्य को लेकर प्रजा का यह भी कहना है हमारा राज्य सृष्टि के अंत तक सुरक्षित रहे.
चतुर्थ:
ॐ तदप्येषः श्लोकोभिगीतो।
मरुतः परिवेष्टारो मरुतस्यावसन् गृहे।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवाः सभासद इति ॥
॥ मंत्रपुष्पांजली समर्पयामि ॥
मंत्र का भाव अर्थ :इस श्लोक में राज्य की कीर्ति के लिए श्लोक गाए गए जिसमें अविक्षित के सबसे योग पुत्र मारुति जो राज्य सभा के सभासद हैं ऐसे महान मरुतगणों द्वारा परिवेष्टित यह राज्य हमें प्राप्त हो यही प्रार्थना करते हैं.
पुष्पांजलि मंत्र को कब कहां और क्यों बोला जाता हैं ? | Pushpanjali mantra ko kab kaha aur kyu bola jata hai ?
पुष्पांजलि मंत्र को विशेष पूजा कार्यक्रम जैसे : हवन, यज्ञ, विवाह समारोह, गृह प्रवेश आदि कार्यक्रमों में देव शक्तियों को मंत्र सहित पुष्पांजलि दी जाती है जिसके बाद पूजा पूर्ण हो जाती हैं.
पुष्पांजलि मंत्र को कोई भी शुभ कार्य करने से पहले विधिवत तरीके से करने से वह कार्य पूर्ण रूप से सफल होता है यानी कि उस कार्य में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आती है.
पुष्पांजलि कितने प्रकार से दी जा सकती हैं.
1. हिंदू धर्म में पूजा के समय भगवान को श्रद्धा भक्ति के साथ पुष्प अर्पित करने को भी पुष्पांजलि कहते हैं इसका अर्थ होता है भगवान के समक्ष पुष्प अर्पित करके अपनी भक्ति और श्रद्धा को ईश्वर के समक्ष प्रदर्शित करना.
2. दूसरी बात जब किसी व्यक्ति की अर्थी जाती है तो उस समय भी उसके ऊपर पुष्प अर्पित किए जाते हैं इसे भी एक प्रकार की पुष्पांजलि कार्यक्रम कहा जा सकता है.
3. इसी के साथ में जब कोई व्यक्ति अच्छा कार्य करता है या किसी परिजन को प्राप्त करता है तो उस व्यक्ति को फूलों की माला पहनाई जाती है तो इस प्रक्रिया को भी पुष्पांजलि प्रक्रिया के अंतर्गत ही रखा जाएगा.
4. इसी प्रकार से सभी कार्य जिसमें पुष्प अर्पित किए जाते हैं वह पुष्पांजलि कार्यक्रम के अंतर्गत ही आएंगे.
FAQ : पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी
पुष्पांजलि का उदाहरण क्या है ?
मंदिर में पुष्पांजलि क्या है ?
पुष्पांजलि कब दी जाती है ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने इस लेख में पुष्पांजलि मंत्र इन हिंदी टॉपिक पर विशेष जानकारी प्रदान की है जिसमें हमने पुष्पांजलि मंत्र को हिंदी भावार्थ सहित बताया है. जिसे पढ़ने के बाद आप लोग मंत्र के साथ साथ उसका क्या अर्थ होगा इसके विषय में भी जान सकते हैं तो दोस्तों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी साथ में उपयोगी साबित हुई होगी.