अपने प्रेम को कैसे पाएं ? – श्रीमद्भगवद्गीता How to Get Love in Hindi

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प्यार,प्रेम और इश्क भले ही इसके नाम अनेक है किन्तु इनका अर्थ एक ही है बिलकुल उस ईस्वर की तरह जिसके नाम और रूप तो अनेक है किन्तु वह एक ही है , शायद आप भी khoye pyar ko wapis pane ke tarike खोजते-खोजते यंहा तक पहुचे हो इस लिए आज हम आप को बतायेंगे की इसी प्रेम के बारे में भगवान श्री कृष्ण जी गीता में कहते है की ,

प्रेम संसार का सबसे पवित्र बंधन है  , पर सच  पूछो तो इस  बंधन से मुक्ति पाना स्वतन्त्रता नहीं है |

यद्यपि आप नहीं समझे, तो समझाता हूँ , यदि कोई आप का प्रेम ठुकराए और यदि आप का प्रेम समझ ना पाए तो क्या होगा ? आप कुछ उदास हो जायेंगे |

कुछ लोग छल करके प्रेम पाना चाहते है, तो कुछ बलपूर्वक प्रेम अधिकार पाना चाहते है|  किन्तु ये अवश्यक नही की जिससे आप प्रेम करते हो उसे भी आप से प्रेम हो, क्योकि प्रेम कोई वस्तु नही है | जिसे छल एवं बलपूर्वक प्राप्त किया जा सके |

प्रेम न तो राज्य है और न ही धन | जिसे आप बल से वश में कर सकते हैं | प्रेम वो शक्ति है जो आप के लिए सारे बंधन तोड़ शक्ति है| किन्तु स्वयं किसी बंधन में नही फंसती है|

जिसे भी आप प्रेम करते हो उसे स्वतंत्र छोड़ दीजिये| क्योंकि स्वतंत्रता ही वो भाव है जो जीव को सबसे अधिक प्रिय है | यद्दपि प्रेम सच्चा होगा तो उसे अवश्य समझ में आ जायेगा |

तब तक पूर्ण विश्वास और पूर्ण भाव से प्यार कीजिये | द्वार फट जायेगा तो प्रेम आ ही जायेगा और मन प्रसन्न होकर बोलेगा राधे राधे|

 

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