कब्र पर मिट्टी डालने की दुआ : Qabar par mitti dalne ki dua | कब्र पर मिट्टी देने की मुस्लिम दुआ

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Qabar par mitti dalne ki dua दोस्तों दुनिया में जिसने भी जन्म लिया है उसको इस दुनिया से एक दिन जाना ही होता है मृत्यु एक ऐसा अटल सत्य है जिसे सभी को स्वीकार करना पड़ता है ऐसे में अंतिम समय में व्यक्ति के मृत शरीर पर शमशान में जाने वाले सभी लोग मिट्टी डालते हैं।

वैसे तो हिंदू धर्म में ज्यादातर लोगों को मरने के बाद जला दिया जाता है परंतु कुछ ऐसे केस होते हैं जहां पर लोगों को जमीन के अंदर खोदकर गाड़ दिया जाता है परंतु मुस्लिम धर्म में सभी मरने वाले व्यक्तियों को मिट्टी के अंदर ही दफन किया जाता है।

मिट्टी देने की दुआ क्या होती है? मिट्टी कैसे दी जाती है? यह बात सभी लोग शायद नहीं जानते होंगे क्योंकि शमशान घाट में लगभग सभी लोग चाहते हैं तो शव के ऊपर मिट्टी जरूर डालना चाहते हैं।

ऐसे में हम यह नहीं जानते हैं कि मरने वाले व्यक्ति के ऊपर मिट्टी कैसे डाली जाती है मिट्टी देते समय क्या दुआ की जाती है मय्यत को मिट्टी कब देनी चाहिए आदि प्रश्नों के उत्तर यदि नहीं जानते हैं तो आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से मिट्टी देने की Qabar par mitti dalne ki dua के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे ।

कब्र पर मिट्टी डालने की दुआ | Qabar par mitti dalne ki dua 

किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी कब्र या शव पर तीन बार मिट्टी डाली जाती है मिट्टी देते वक्त दुआ पढ़ना चाहिए हिंदू धर्म में शव को जलाया जाता है इसलिए उस पर लकड़ी रखी जाती है परंतु मुस्लिम धर्म में शव को दफनाया जाता है इसलिए उस पर मिट्टी डाली जाती है मिट्टी यदि मुस्लिम संप्रदाय में दे रहे हैं तो उनके लिए दुआ के रूप में नीचे दिए जा यही दुआ पढ़ी जाती है.

“अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु”

कब्र पर मिट्टी डालते समय दोनों हाथ में मिट्टी लेकर सिर के तरफ से डालते हुए Qabar par mitti dalne ki dua पढ़ें.

मुस्लिम क्या इस्लाम संप्रदाय में किसी भी व्यक्ति के गुजर जाने के बाद कुरान और सुन्नत में कई दुआएं शामिल की गई हैं मरने के बाद मय्यत या मुर्दा को जमीन में दफन आते वक्त दुआएं पढ़ी जाती हैं.

1. पहली बार Qabar par mitti dalne ki dua पढ़े

“मिन्हा खलक ना कुम”

MINHA  KHLAK  NAKUM

“अल्लाह ने हमे इसी मिट्टी से पैदा किया।”

2. दूसरी बार Qabar पर मिट्टी डालते वक़्त यह dua पढ़े

“व फिहा नोइदोकुम”

WA  FIHA  NOIDU  KUM

“और इसी मिट्टी में हम को जाना है।”

3. तीसरी बार कब्र पर मिट्टी डालते वक़्त यह dua पढ़े

“व मिन्हा नुखरे जोकुम तरतुल उखरा।”

WA  MINHA  NUKHRE  JOKUM  TARATAN  UKHRA

“और इसी मिट्टी से उठा कब्र को और इसी से क़यामत के दिन तुम्हें दुबारा निकाल कर खड़ा करेंगे”

मैयत को मिट्टी कब देना चाहिए ? 

मुस्लिम में जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी कब्र को कब्रिस्तान मैं इंसान की लंबाई के अनुसार खोदी जाती है और उसके अंदर सुलाकर तख्त को बंद कर दिया जाता है उसके बाद ही मिट्टी डाली जाती है।

कब्र के ऊपर इंसान को तीन बार मिट्टी डालनी होती है इससे अधिक बार मिट्टी डालने का प्रावधान इस्लाम में नहीं है।

1. मिट्टी देने की दुआ याद नहीं है या भूल जाए तो क्या करे ?

यदि किसी भी व्यक्ति को Qabar par mitti dalne ki dua याद नहीं है तो या फिर भूल जाता है तो अपने आसपास जो भी भाई खड़ा है उससे पूछ कर पढ़ सकते हैं क्योंकि बहुत से लोग जिनके घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो वह काफी परेशान होने के कारण दुआ भूल जाते हैं जिससे उन्हें दुआ पढ़ने में दिक्कत होती है या याद नहीं रहती है अथवा भूल जाते हैं।

2. हिंदू धर्म में दुआ कैसे की जाती है ?

यदि हिंदू धर्म में कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के समय ओम शांति ओम शांति ओम शांति मंत्र का जाप 3 बार करके उसकी चिता पर लकड़ी रखी जाती है।

हिंदू धर्म में कब्र  नहीं बनाई जाती है इसलिए अंतिम संस्कार में जाने वाले सभी व्यक्तियों को चिता के ऊपर लकड़ी ही रखने का प्रावधान शास्त्रों में वर्णित है। यदि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसे दफन किया जाता है तो उसकी कब्र पर मिट्टी डालने का प्रावधान है।

हिंदू धर्म में अन्य कई भी मंत्र और श्लोक अंतिम संस्कार के रूप में पढ़े जाते हैं परंतु बहुत कम लोग हैं अंतिम संस्कार के समय मंत्र पढ़ते हैं।

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