राधा कृपा कटाक्ष | radha kripa kataksh : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से radha kripa kataksh के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोग भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रेम के बारे में जानते ही होंगे आज के इस युग में भगवान श्री कृष्ण और राधा को सच्चे प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
राधा और कृष्ण के प्रेम को जीवात्मा और परमात्मा का मिलन कहा जाता है शास्त्रों के मुताबिक कहा जाता है कि राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका ही नहीं बल्कि भगवान श्री कृष्ण की आत्मा थी राधा को शक्ति स्वरूपा प्रेम की देवी कहां गया है राधा रानी का नाम कृष्ण के पहले लिया जाता है भगवान श्री कृष्ण के रोम-रोम में राधा का नाम बसा हुआ है।
अगर आप में से कोई भी व्यक्ति राधा रानी की कृपा को जानना चाहता है तो आज उसे हम एक बेहतरीन शक्तिशाली श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र’ का पाठ करने के बारे में बताएंगे श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के रचियता स्वयं महादेव हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है.
कि श्री राधा की कृपा प्राप्त करने के लिए और राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए महादेव ने या स्त्रोत पार्वती माता को सुनाया था अगर आप में से कोई भी व्यक्ति इस स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ नहीं कर पाता है तो उसे अष्टमी , दशमी , एकादशी , त्रयोदशी और पूर्णिमा के दिन इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
तो चलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से radha kripa kataksh के बारे में बताएंगे उसके साथ श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने की विधि , श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के लाभ क्या है ? इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
अगर आप में से कोई भी व्यक्ति राधा रानी के बारे में जानना चाहता है तो वह हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
- 1. राधा कृपा कटाक्ष | radha kripa kataksh
- 2. राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र | radha kripa kataksh
- 3. श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने की विधि | radha kripa kataksha stotra ka path karne ki vidhi
- 4. श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के लाभ | radha kripa kataksha stotra ke labh
- 5. FAQ : radha kripa kataksh
- 5.1. राधा रानी का बीज मंत्र क्या है?
- 5.2. कृपा कटक्ष क्या है?
- 5.3. राधा रानी की कृपा कैसे प्राप्त करें?
- 6. निष्कर्ष
राधा कृपा कटाक्ष | radha kripa kataksh
श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र पूरे वृंदावन में बहुत ही प्रसिद्ध है स्त्रोत को वृंदावन का राष्ट्रीयगान कहा जाता है श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र की रचना महादेव ने की थी। इस स्त्रोत में राधा रानी के श्रृंगार , रूप आदि के बारे में वर्णन किया है इस स्त्रोत को सबसे पहले भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाया था।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि राधा रानी की एक बहुत ही शक्तिशाली प्रार्थना है जिसे राधा चालीसा के नाम से जाना जाता है ऐसा कहा जाता है कि जब तक राधा का नाम ना लिया जाए तब तक ऐसे में श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने के लिए बताया गया है जो लोग इस पाठ को नियमित रूप से करते हैं उन्हें राधा कृष्ण के चरण कमलों की प्राप्ति होती है ।
श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र में 4- 4 पंक्तियों के 13 अंतरों और 2-2 पंक्तियों के 6 श्लोक में राधा जी की स्तुति दी गई है उसमें राधा रानी के श्रृंगार रूप और कल्याण के बारे में बताया गया है भगवान भोलेनाथ ने इस स्त्रोत में राधा रानी के संपूर्ण जीवन के श्रृंगार रूप और कल्याण की बात की है अगर आप में से कोई भी व्यक्ति राधा रानी के इस स्त्रोत का जाप करता है तो राधा रानी अपने भक्तों पर कृपा अवश्य करेंगे।
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र | radha kripa kataksh
मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणि
प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि
व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥
अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थिते
प्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले ।
वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥२॥
अनङ्ग-रण्ग मङ्गल-प्रसङ्ग-भङ्गुर-भ्रुवां
सविभ्रमं ससम्भ्रमं दृगन्त–बाणपातनैः ।
निरन्तरं वशीकृतप्रतीतनन्दनन्दने
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥३॥
तडित्–सुवर्ण–चम्पक –प्रदीप्त–गौर–विग्रहे
मुख–प्रभा–परास्त–कोटि–शारदेन्दुमण्डले ।
विचित्र-चित्र सञ्चरच्चकोर-शाव-लोचने
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥४॥
मदोन्मदाति–यौवने प्रमोद–मान–मण्डिते
प्रियानुराग–रञ्जिते कला–विलास – पण्डिते ।
अनन्यधन्य–कुञ्जराज्य–कामकेलि–कोविदे
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥५॥
अशेष–हावभाव–धीरहीरहार–भूषिते
प्रभूतशातकुम्भ–कुम्भकुम्भि–कुम्भसुस्तनि ।
प्रशस्तमन्द–हास्यचूर्ण पूर्णसौख्य –सागरे
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥६॥
मृणाल-वाल-वल्लरी तरङ्ग-रङ्ग-दोर्लते
लताग्र–लास्य–लोल–नील–लोचनावलोकने ।
ललल्लुलन्मिलन्मनोज्ञ–मुग्ध–मोहिनाश्रिते
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥७॥
सुवर्णमलिकाञ्चित –त्रिरेख–कम्बु–कण्ठगे
त्रिसूत्र–मङ्गली-गुण–त्रिरत्न-दीप्ति–दीधिते ।
सलोल–नीलकुन्तल–प्रसून–गुच्छ–गुम्फिते
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥८॥
नितम्ब–बिम्ब–लम्बमान–पुष्पमेखलागुणे
प्रशस्तरत्न-किङ्किणी-कलाप-मध्य मञ्जुले ।
करीन्द्र–शुण्डदण्डिका–वरोहसौभगोरुके
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥९॥
अनेक–मन्त्रनाद–मञ्जु नूपुरारव–स्खलत्
समाज–राजहंस–वंश–निक्वणाति–गौरवे ।
विलोलहेम–वल्लरी–विडम्बिचारु–चङ्क्रमे
कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१०॥
मखेश्वरि क्रियेश्वरि स्वधेश्वरि सुरेश्वरि
त्रिवेद–भारतीश्वरि प्रमाण–शासनेश्वरि ।
रमेश्वरि क्षमेश्वरि प्रमोद–काननेश्वरि
व्रजेश्वरि व्रजाधिपे श्रीराधिके नमोस्तुते ॥१२॥
इती ममद्भुतं-स्तवं निशम्य भानुनन्दिनी
करोतु सन्ततं जनं कृपाकटाक्ष-भाजनम् ।
भवेत्तदैव सञ्चित त्रिरूप–कर्म नाशनं
लभेत्तदा व्रजेन्द्र–सूनु–मण्डल–प्रवेशनम् ॥१३॥
राकायां च सिताष्टम्यां दशम्यां च विशुद्धधीः ।
एकादश्यां त्रयोदश्यां यः पठेत्साधकः सुधीः ॥१४॥
यं यं कामयते कामं तं तमाप्नोति साधकः ।
राधाकृपाकटाक्षेण भक्तिःस्यात् प्रेमलक्षणा ॥१५॥
ऊरुदघ्ने नाभिदघ्ने हृद्दघ्ने कण्ठदघ्नके ।
राधाकुण्डजले स्थिता यः पठेत् साधकः शतम् ॥१६॥
तस्य सर्वार्थ सिद्धिः स्याद् वाक्सामर्थ्यं तथा लभेत् ।
ऐश्वर्यं च लभेत् साक्षाद्दृशा पश्यति राधिकाम् ॥१७॥
तेन स तत्क्षणादेव तुष्टा दत्ते महावरम् ।
येन पश्यति नेत्राभ्यां तत् प्रियं श्यामसुन्दरम् ॥१८॥
नित्यलीला–प्रवेशं च ददाति श्री-व्रजाधिपः ।
अतः परतरं प्रार्थ्यं वैष्णवस्य न विद्यते ॥१९॥
॥ इति श्रीमदूर्ध्वाम्नाये श्रीराधिकायाः कृपाकटाक्षस्तोत्रं सम्पूर्णम ॥
श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने की विधि | radha kripa kataksha stotra ka path karne ki vidhi
- अगर आप में से कोई भी व्यक्ति श्री राधा रानी की पूजा करना चाहता है तो आज हम आपको राधा रानी की पूजा करने के कई ऐसे रास्ते बताएंगे जो बहुत ही प्रसिद्ध तरीके से राधा रानी को प्रसन्न कर सकते हैं।
- श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने के लिए आपको निश्चित दिन रखने की आवश्यकता है अगर आप प्रतिदिन इसे स्त्रोत का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो आप अष्टमी , दशमी , एकादशी , त्रयोदशी अर्थात पूर्णिमा के दिन भी स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं।
- उसके पश्चात अपने घर के मंदिर में राधा और कृष्ण की तस्वीर को स्थापित करें।
- तस्वीर स्थापित करने के बाद विधि विधान पूर्वक राधा कृष्ण की पूजा करें।
- उनके मनपसंद चीजों भोग लगाएं।
- पूजा करने के पश्चात ” श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र ” का पाठ प्रारंभ करें।
- इसी प्रकार प्रतिदिन या फिर तिथि के अनुसार स्त्रोत का पाठ करें कुछ दिनों बाद आप को इसका लाभ नजर आने लगेगा।
श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के लाभ | radha kripa kataksha stotra ke labh
- कई ऐसे भक्त हैं जो राधा रानी को और फिक्र दिल से चाहते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं ऐसे व्यक्तियों को राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग उपाय बताए गए हैं उसी उपाय में से एक ऐसा स्त्रोत राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए दिया गया है ” श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र ” दिया गया है।
- अगर कोई भी व्यक्ति राधा रानी की कृपा को प्राप्त करने के लिए ” श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र ” का पाठ करता है तो उस व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि अगर आप में से कोई भी व्यक्ति राधा रानी को प्रसन्न करता है तो भगवान श्री कृष्णा अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं और उन व्यक्तियों को भगवान श्री कृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है।
- राधा रानी की विधि विधान पूर्वक पूजा करने से और उस पूजा में श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद गोलोक धाम की प्राप्ति होती है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र में भगवान शिव ने राधा के संपूर्ण सिंगार , रूप और कल्याण का वर्णन किया है।
- अगर आप में से कोई भी व्यक्ति श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करता है तो उस व्यक्ति को भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
- श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है।
- राधा रानी की पूजा अर्चना करने से और उस पूजा अर्चना श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने से सभी प्रकार के आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं।
- राधा रानी के इस स्त्रोत का पाठ अगर आप प्रतिदिन नहीं कर सकते हैं तो आप अष्टमी , दशमी , एकादशी , त्रयोदशी और पूर्णिमा के दिन भी स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है।
FAQ : radha kripa kataksh
राधा रानी का बीज मंत्र क्या है?
कृपा कटक्ष क्या है?
राधा रानी की कृपा कैसे प्राप्त करें?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से radha kripa kataksh के बारे में बताया इसके अलावा श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने की विधि , श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र के लाभ के बारे में बताया अगर आपने हमारे इसलिए को अच्छे से पढ़ा है.
तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।