Radha Stotram – श्री संपूर्ण राधास्तोत्रम् पाठ विधि-विधान, बाधा निवारण एवं 6 लाभ | radha stotram

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

राधास्तोत्रम् | Radha stotram : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से radha stotram के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोग राधारानी के बारे में जानते ही होंगे हमारी राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की पार शक्ति और उनकी प्रिय है सभी ब्रजवासी राधा रानी को प्यार से वारी बोल कर पुकारते हैं.

पूरे ब्रज में ऐसी मान्यता है कि अगर कृष्ण भगवान को प्रसन्न करना हो तो राधारानी की उपासना करें ऐसे में अब आप लोग सोच रहे होंगे कि राधा रानी की उपासना कैसे की जाए तो हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसा बताया गया है कि श्री राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए राधा स्त्रोतम का पाठ करना चाहिए यह स्त्रोत राधा रानी को समर्पित किया गया है इस स्त्रोत को ब्राह्मण पुराण के अंतर्गत बताया गया है.

राधास्तोत्रम्,, राधाष्टक,, राधा स्तोत्र,, राधिका स्तोत्र,, राधाष्टमी,, राधा स्त्रोत,, राधा अष्टकम,, राधा अष्टक स्तोत्र,, राधा कृष्ण अष्टकम,, राधा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र,, राधा अष्टमी बधाई,, radhashtakam,, राधा अष्टमी फोटो,, राधा गायत्री,, राधास्तोत्रम् क्या है,, राधास्तोत्रम् का पाठ कैसे करे,, राधास्तोत्रम् का पाठ करने के लाभ,, Radha stotram ka path karne ke labh,, Radha stotram ka path kaise kare,, Radha stotram kya hai,, राधा सहस्त्रनाम स्तोत्रम,, राधा अष्टमी श्लोक,, राधा जन्म स्तुति,, राधा स्त्रोत का पाठ,, radha स्तोत्र,, रुद्राष्टक स्तोत्र lyrics,, राधा अष्टमी मंत्र,, राधा षोडश नाम स्तोत्र,, रुद्राष्टक नमामीशमीशान,, राधा सहस्त्रनाम pdf,, रुद्राष्टक पीडीएफ,, राधा कृष्ण कोट्स,, राधा सहस्त्रनाम स्तोत्र,, राधा कृष्ण युगल स्तोत्र,, राधा उपनिषद,, राधा स्तुति,

ऐसा कहा जाता है कि इस स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करने से राधा रानी की असीम कृपा प्राप्त होती है और उनकी कृपा मिलने पर भगवान श्री कृष्ण अपने आप प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण को एक ही स्वरूप माना गया है यह स्त्रोत बहुत ही शक्तिशाली है इस स्त्रोत के द्वारा राधा को प्रसन्न करके भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं.

तो चलिए अब हम आप लोगों को इस लेख में radha stotram के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि इस स्त्रोत का पाठ कैसे किया जाता है ? या फिर इस स्त्रोत का पाठ करने के लाभ कौन से हैं ? इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाए.

राधास्तोत्रम् क्या है ? | Radha stotram kya hai ?

श्री राधा स्त्रोत भगवान श्री कृष्ण की दासी भक्ति प्रदान करता है कुछ कहानियों के अनुसार हमें यह जानकारी मिली है कि ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान श्री कृष्ण ने राधा से कहा था कि वास्तव में हम दो नहीं है और यह भी कहा था कि जो मैं हूं वह तुम हो और जो तुम हो वह मैं हूं इसका कहने का अर्थ यह है कि हमारे शरीर दो जरूर हैं लेकिन हमारी आत्माएं एक ही है.

Radha

 

राधा और कृष्ण दोनों एक दूसरे के आराधक और आराध्य हैं यह दोनों एक दूसरे की आराधना करते हैं इनकी प्रेम कहानी बहुत ही सच्ची और पवित्र है यह दोनों एक ही आत्मा से जुड़े हैं पूरे विश्व में प्रेम के नाम पर राधा कृष्ण का नाम लिया जाता है ऐसे में अगर आप में से कोई भी व्यक्ति भगवान कृष्ण और राधा को प्रसन्न करना चाहता है तो इसके लिए उस व्यक्ति को सबसे पहले राधा को प्रसन्न करना होगा क्योंकि जब तक राधा प्रशन नहीं होंगी तब तक भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न नहीं होते हैं.

राधा की उपासना करने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए राधा स्त्रोतम का पाठ करना चाहिए इस स्त्रोत का पाठ करने से राधा के साथ भगवान श्री कृष्ण भी अति प्रसन्न होते हैं और आपके ऊपर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं तो चलिए अब हम आपको राधा कृष्ण को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली राधा स्त्रोतम पाठ बताएंगे जो आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होगा यह स्त्रोत हमने आपको नीचे लिखित में दिया है और इसका पाठ कैसे करना है इसके बारे में भी बताया है.

राधास्तोत्रम् | Radha stotram

Radha

गृहे राधा वने राधा राधा पृष्ठे पुरः स्थिता ।
यत्र यत्र स्थिता राधा राधैवाराध्यते मया ॥ १॥

जिह्वा राधा श्रुतौ राधा राधा नेत्रे हृदि स्थिता ।
सर्वाङ्गव्यापिनी राधा राधैवाराध्यते मया ॥ २॥

पूजा राधा जपो राधा राधिका चाभिवन्दने ।
स्मृतौ राधा शिरो राधा राधैवाराध्यते मया ॥ ३॥

गाने राधा गुणे राधा राधिका भोजने गतौ ।
रत्रौ राधा दिवा राधा राधैवाराध्यते मया ॥ ४॥

माधुर्ये मधुरा राधा महत्त्वे राधिका गुरुः ।
सौन्दर्ये सुन्दरी राधा राधैवाराध्यते मया ॥ ५॥

राधा रससुधासिन्धु राधा सौभाग्यमञ्जरी ।
राधा व्रजाङ्गनामुख्या राधैवाराध्यते मया ॥ ६॥

राधा पद्मानना पद्मा पद्मोद्भवसुपूजिता ।
पद्मे विवेचिता राधा राधैवाराध्यते मया ॥ ७॥

राधा कृष्णात्मिका नित्यं कृष्णो राधात्मको ध्रुवम् ।
वृन्दावनेश्वरी राधा राधैवाराध्यते मया ॥ ८॥

जिह्वाग्रे राधिकानाम नेत्राग्रे राधिकातनुः ।
कर्णे च राधिकाकीर्तिर्मानसे राधिका सदा ॥ ९॥

कृष्णेन पठितं स्तोत्रं राधिकाप्रीतये परम् ।
यः पठेत् प्रयतो नित्यं राधाकृष्णान्तिगो भवेत् ॥ १०॥

आराधितमनाः कृष्णो राधाराधितमानसः ।
कृष्णाकृष्टमना राधा राधाकृष्णेति यः पठेत् ॥ ११॥

इति ब्रह्माण्डापुराणान्तर्गतं व्यासेदेवविरचितं राधास्तोत्रं सम्पूर्णम् ।

राधास्तोत्रम् का पाठ कैसे करे ? | Radha stotram ka path kaise kare ?

अब हम आपको राधा स्त्रोतम का पाठ करने की विधि क्या है इसके बारे में जानकारी लेंगे ताकि आप लोग इस विधि के द्वारा स्त्रोत का पाठ करके श्री राधा और भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न कर पाए.

Radha

  1. राधा स्त्रोतम का पाठ करने के लिए राधा अष्टमी वाले दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे या फिर आप चाहे तो इस स्त्रोत का पाठ प्रतिदिन कर सकते हैं नहीं तो अष्टमी , दशमी , एकादशी , त्रयोदशी अर्थात पूर्णिमा के दिन भी इस स्त्रोत का पाठ किया जा सकता है.
  2. दिन निश्चित करने के पश्चात अपने घर के मंदिर में राधा कृष्ण की तस्वीर को स्थापित करें.
  3. उसके बाद राधा कृष्ण की तस्वीर की विधि विधान पूर्वक पूजा करें उनकी प्रिय चीज उन्हें अर्पित करें.
  4. उनके समक्ष धूप – दीप जलाएं और उनकी तस्वीर के सामने बैठकर राधा स्त्रोतम पाठ करने का संकल्प लें.
  5. कृष्ण और राधा का प्रिय भोग खीर, मालपुए, मीठा हलवा, केले, नारियल और मिठाई लगाएं.
  6. उसके पश्चात राधा की आरती करें और उसके साथ कृष्ण भगवान की आरती भी करें.
  7. उसके पश्चात उनकी मूर्ति के सामने बैठकर radha stotram का पाठ करें.
  8. जितने भी दिन का अपने संकल्प लिया है इतने दिन तक इस स्त्रोत का पाठ अवश्य करें.
  9. दिन में एक बार इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए अगर आप तिथि के अनुसार इस स्त्रोत का पाठ करते हैं तो आपको इसका लाभ कुछ दिनों बाद मिलेगा लेकिन अगर आप इस स्त्रोत का पाठ प्रतिदिन करते हैं तो आपको इसका लाभ जल्द ही नजर आने लगेगा.

राधास्तोत्रम् का पाठ करने के लाभ | Radha stotram ka path karne ke labh

इस स्त्रोत का पाठ करने के कई लाभ ऐसे बताए गए हैं जो बहुत ही शक्तिशाली हैं तो आइए जानते हैं कि वह लाभ कौन से हैं.

Radha

  1. राधा स्त्रोतम का पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण और राधा प्रसन्न हो जाती है और उसी के साथ उन की असीम कृपा हमें प्राप्त होती है.
  2. राधा स्त्रोतम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.
  3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि राधा और कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए राधा स्त्रोतम का पाठ करना चाहिए.
  4. राधा स्त्रोतम का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में और उसके घर में सुख – समृद्धि आती है.
  5. यह स्त्रोत इतना ज्यादा शक्तिशाली है कि इसका पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और उनकी कृपा हमेशा हमारे ऊपर बनी रहती है.
  6. सभी प्रकार के आर्थिक कष्टों से छुटकारा पाने के लिए राधा स्त्रोतम का पाठ किया जाता है.

FAQ : radha stotram

राधा जी को क्या पसंद है ?

श्री राधा रानी को सबसे सबसे ज्यादा कौन सी चीज पसंद है तो खासतौर पर राधा रानी को अरबी की सब्जी पसंद है इस सब्जी के कारण वृंदावन की तरह ही राधा अष्टमी पर विशेष रूप से राधा रानी को इस का भोग लगाया जाता है.

राधा रानी का प्रिय भोजन क्या है ?

वैसे तो राधा रानी को अरबी की सब्जी अत्यंत प्रिय है लेकिन उनकी पूजा में मान्यताओं के अनुसार पान एवं केसर - भात बहुत ही पसंद है राधा रानी की पूजा में हलवे का भोग लगाया जाता है.

राधा रानी को प्रसन्न कैसे करें ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति राधा रानी को प्रसन्न करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को राधा अष्टमी के दिन 108 बार राधा रानी के प्रिय मंत्र का जाप करना चाहिए.
1- ऊं ह्नीं राधिकायै नम:।
2- ऊं ह्नीं श्रीराधायै स्‍वाहा।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से radha stotram के बारे में संपूर्ण जानकारी दी इसके अलावा राधा स्त्रोतम का पाठ कैसे किया जाता है या फिर राधा स्त्रोतम का पाठ करने के लाभ कौन से हैं इसके बारे में भी जानकारी दी है यह स्त्रोत बहुत ही शक्तिशाली है.

इसका पाठ करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी .

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

Leave a Comment