राहु किस राशि में उच्च का होता है Rahu kis rashi me uchh ka hota hai : हेलो मित्रों नमस्कार कैसे हैं आप सभी लोग हम उम्मीद करते हैं आप सब लोग बहुत अच्छे होंगे तो मित्रों आज हम इस लेख में बात करेंगे राहु किस राशि में उच्च होता है क्योंकि राहु किसी भी राशि का ग्रह नहीं है और ना तो स्वामी है.
इसीलिए राहु केतु को एक छाया ग्रह माना गया है जो समय-समय पर हर एक राशि में उपस्थित होता रहता है और जब राहु केतु किसी भी राशि में उपस्थित होते हैं तो उसी ग्रह के अनुरूप उस व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ देते हैं.
इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु की कल्पना सांप से की गई है क्योंकि राहु का धड़ सांप की मुख जैसा और केतु का धड़ सांप की पूंछ जैसा होता है इसीलिए इन दोनों को आपस में मिलाकर संपूर्ण प्रकृति सांप जैसी नजर आती है. इसीलिए राहु केतु की कल्पना सांप से की गई है ऐसे में कहा गया है.
जब यह दोनों किसी भी राशि में भ्रमण करते हैं तो इनकी छाया उस ग्रह पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालने के लिए मजबूर कर देता है. इसीलिए हर राशि के जातक जातिका को राहु और केतु के विषय में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए क्योंकि यह दोनों रहस्यआत्मक ग्रह है जो अचानक से किसी भी राशि में प्रवेश करके शुभ और अशुभ घटनाएं घटित करते रहते हैं.
इसीलिए राहु केतु का कब किस राशि पर कैसा प्रभाव पड़ेगा कुछ पता नहीं चल पाता है ऐसे में अगर आप राहु केतु किस समय किस भाव में प्रवेश करते हैं इसकी जानकारी प्राप्त कर लेंगे तो आपके लिए बहुत ही अच्छा रहेगा.
क्योंकि तब आप यह जान पाएंगे कि राहु केतु कब आपकी राशि में प्रवेश करेगा और आपको इसके प्रवेश करने का कैसा फल मिलेगा ,ऐसे में अगर आप लोग राहु किस राशि के लिए कब शुभ और अशुभ होते हैं से संबंधित विशेष जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.
- 1. राहु किस राशि में उच्च का होता है ? | Rahu kis rashi me uchh ka hota hai ?
- 1.1. 1. मिथुन राशि
- 1.2. 2. कुंभ और मकर राशि
- 1.3. 3. किसी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में उच्च होता है
- 1.4. 4. गोचर भ्रमण के समय राहु 3, 6, 10, 11 और दसवें भाव में उच्च
- 2. केतु किस राशि में उच्च का होता है ? | ketu kis rashi me uchch ka hota hai ?
- 2.1. 1. धनु राशि के लिए शुभ
- 2.2. 2. हिंदू पंचांग के दूसरे और आठवें भाव में शुभ होता है.
- 2.3. 3. गोचर भ्रमण के दौरान
- 3. राहु केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के प्रभावशाली उपाय | Rahu ketu ke ashubh prabhav se bachne ke prabhavshali upay
- 3.1. बीज मंत्र :
- 4. FAQ : राहु किस राशि में उच्च का होता है ?
- 4.1. FAQ title
- 5. निष्कर्ष
राहु किस राशि में उच्च का होता है ? | Rahu kis rashi me uchh ka hota hai ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 3 ऐसी राशि बताई गई हैं जो राहु के लिए उच्च राशिया मानी गई है ऐसा कहां जाता है अगर राहु इन राशियों का भ्रमण या प्रवेश करता है तो उन राशियों के जातक जातिका के जीवन में किसी भी प्रकार का कोई कष्ट नहीं रह जाता है इसीलिए आइए जानते है वह कौन-कौन सी राशि है जैसे,
1. मिथुन राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर राहु की छाया मिथुन राशि पर पड़ती है तो मिथुन राशि के जातक जातिका के जीवन में इसकी छाया का बुरा असर नहीं पड़ता है और शुभ फल प्रदान होता है .
2. कुंभ और मकर राशि
कुभ, मकर राशि के स्वामी शनि ग्रह को माना गया है और यह भी कहा जाता है कि शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली है इसीलिए हर ग्रह शनिदेव के अधीन चलते हैं.
ऐसे में अगर राहु की छाया कुंभ और मकर राशि पर पड़ती है तो कुंभ और मकर राशि के जातक जातिका के जीवन में राहु की छाया का बहुत ही शुभ प्रभाव पड़ता है और उनके जीवन में आने वाली अनेक बाधाएं समाप्त हो जाती हैं क्योंकि राहु भी शनिदेव का दूसरा रूप है.
3. किसी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में उच्च होता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है जब राहु किसी व्यक्ति की कुंडली के दसवें भाव में उपस्थित होता है तो इस उपस्थिति से उस व्यक्ति के जीवन में शुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं और वह व्यक्ति चौमुखी विकास को प्राप्त करता है.
यानी कि चारों तरफ से उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां आ जाती हैं. क्योंकि जब राहु दसवें भाव में रहता है तो राजयोग बनता है और जिस व्यक्ति की कुंडली में राजयोग बनता है. वह व्यक्ति राजा के समान धनवान तथा महान बन जाता है.
4. गोचर भ्रमण के समय राहु 3, 6, 10, 11 और दसवें भाव में उच्च
ज्योतिष शास्त्र में गोचर का सीधा संबंध ग्रहों की चाल से लिया गया है जिसके साथ में राहु भी सभी राशियों में भ्रमण करता है और जब यही नवग्रह आपस में मिलकर राशियों का भ्रमण करते हैं तो उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग प्रकार से देखने को मिलता है.\
इसी तरह से केतु, राहु भ्रमण के दौरान कुंडली के तीसरे छठे दसवें और ग्यारहवें भाव में प्रवेश करता है तो इन राशियों को राहु की छाया से शुभ प्रभाव पड़ता है और इनके जीवन में आगमन के नए रास्ते नजर आने लगते हैं जिससे यह लोग बहुत जल्दी धनवान और समाज में मान सम्मान को प्राप्त करते हैं.
मित्रों अब आप लोगों ने राहु किस भाव या फिर किस राशि के लिए उच्च होता है यह जान लिया होगा अब हम आप लोगों को केतु किस राशि के लिए शुभ माना गया है इसके विषय में बताएंगे क्योंकि राहु केतु दोनों ही एक दूसरे के स्वरूप है इसीलिए दोनों के विषय में जानकारी प्राप्त करना बेहतर रहेगा.
केतु किस राशि में उच्च का होता है ? | ketu kis rashi me uchch ka hota hai ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बताया गया है राहु केतु दोनों एक दूसरे के स्वरूप है इसीलिए जैसा राहु की छाया का प्रभाव पड़ता है उसी तरह से केतु की छाया का प्रभाव पड़ता है. लेकिन फिर भी दोनों में कुछ अंतर बताया गया है इसलिए यहां पर जानेंगे केतु किस राशि के लिए शुभ और किस राशि के लिए अशुभ हो सकता है :
1. धनु राशि के लिए शुभ
केतु ग्रह के लिए सबसे उच्च राशि धनु मानी गई है और धनु राशि के लिए केतु बहुत ही ज्यादा शुभ माना गया है ऐसा माना जाता है जब इसकी छाया धनु राशि पर पड़ती है तो धनु राशि के जातक जातिका के जीवन में कोई भी कष्ट नहीं रह जाता है और उन्हें हर तरफ से खुशियां प्राप्त होती हैं. क्योंकि केतु मंगल ग्रह के समान होता है.
इसीलिए यह धनु राशि के लिए शुभ माना गया है लेकिन जब केतु मंगल की राशि वृश्चिक और मेष में प्रवेश करता है तो यह उनके लिए बहुत ही अशुभ हो जाता है और उनके जीवन में हर कार्य में बड़ी से बड़ी बाधाएं आने लगती हैं.
2. हिंदू पंचांग के दूसरे और आठवें भाव में शुभ होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह आपस में मिलकर सभी राशियों का भ्रमण करते हैं तो उनके साथ में राहु और केतु भी सभी राशियों का भ्रमण करते हैं और भ्रमण के दौरान जब राहु और केतु हिंदू पंचांग के दूसरे और आठवें भाव में पहुंचते हैं तो इस भाव के अंतर्गत जो भी राशियां होती हैं.
उन राशियों पर राहु और केतु का बहुत ही शुभ प्रभाव पड़ता है और उनके जीवन में सभी कष्टों का निवारण हो जाता है तथा वह लोग धनसंपदा और ऐश्वर्या को प्राप्त कर लेते हैं लेकिन इसी के विपरीत अगर राहु और केतु हिंदू पंचांग के दूसरे और आठवें भाव को छोड़कर अन्य भाव में भ्रमण करते हैं तो उस भ्रमण के दौरान जो भी राशियां पड़ेगी उनके लिए राहु और केतु की छाया अशुभ मानी गई है.
3. गोचर भ्रमण के दौरान
जब राहु और केतु गोचर भ्रमण के दौरान 3, 6, 10, 11 भाव में पहुंचते हैं तो इस भाव के अंदर जो भी राशियां आती हैं उन राशियों के जीवन में राहु और केतु की छाया का शुभ प्रभाव पड़ता है और उनके जीवन में प्रगति के लिए बहुत सारे रास्ते खुल जाते हैं.
इसके विपरीत 3, 6, 10, 11 के अलावा जब राहु केतु अन्य भागों में भ्रमण करते हैं जो उन भाव में जो भी राशियां आती है उन राशियों पर राहु और केतु का बुरा प्रभाव पड़ता है और उनके जीवन में आगमन के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं.
राहु केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के प्रभावशाली उपाय | Rahu ketu ke ashubh prabhav se bachne ke prabhavshali upay
जैसा कि आप लोगों को ऊपर के लेख में यह जाना है कि राहु केतु किस राशि के लिए शुभ होता है और किस राशि के लिए अशुभ होता है ऐसे में अगर राहु की छाया आपकी राशि पर अशुभ प्रभाव डाल रही है तो हम यहां पर राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ प्रभावशाली उपाय बताएंगे.
अगर आप लोग इन उपाय को करते हैं तो उन राशियों के साथ में आपकी राशि पर भी राहु और केतु का शुभ प्रभाव पड़ेगा तो मित्रों आइए जान लेते हैं राहु और केतु को प्रसन्न करने के क्या उपाय होते हैं. राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र के द्वारा कुछ इस प्रकार के उपाय बताए गए हैं जैसे :
- अगर आप चाहते हैं कि राहु और केतु की छाया का प्रभाव आपके जीवन पर शुभ असर डाले तो इसके लिए आप अपने माथे पर चंदन का तिलक लगाएं.
- अगर आप चाहते हैं कि राहु केतु की छाया का प्रभाव आपकी आर्थिक स्थिति पर ना पड़े तो इसके लिए सुहागन स्त्री को रसोई घर में ही भोजन करना चाहिए ऐसा करने से राहु केतु का प्रभाव आर्थिक स्थिति पर नहीं पड़ता है.
- राहु और केतु कि अशुभ छाया से बचने के लिए हर राशि के जातक जातिका को मां सरस्वती की पूजा अर्चना और मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है.
- राहु केतु के काल सर्प दोष से बचने के लिए राहु बीज मंत्र का जाप करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे प्रभावशाली उपाय बताया गया हैं.
बीज मंत्र :
ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
का 18,000 बार जाप करें.
- अगर राहु और केतु के प्रभाव से किसी व्यक्ति को शारीरिक कष्ट मिलता है तो इस दोष निवारण के लिए आपको सफेद गाय और सफेद कुत्ते को रोज सुबह भोजन करने से पहले रोटी खिलानी चाहिए तो राहु केतु की छाया का प्रभाव आप पर शुभ असर डालेगा.
- अगर कोई महिला गर्भवती है और उसके जीवन में राहु केतु की छाया का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है तो ऐसे ने बच्चे के जन्म लेने के तुरंत बाद बच्चे का कान छेद देना शुभ माना गया है ऐसा करने से बच्चे पर राहु और केतु की छाया का शुभ प्रभाव पड़ेगा.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के वृक्ष में रोज सुबह स्नान करने के पश्चात जल चढ़ाने से राहु और केतु की छाया का बुरा असर नहीं पड़ता है.
- रोज शाम को घर की चौखट पर हल्दी से वास्तविक चिन्ह बनाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाए, ऐसा करने से राहु और केतु कि अशुभ छाया का प्रभाव आपके जीवन में नहीं पड़ेगा.
FAQ : राहु किस राशि में उच्च का होता है ?
FAQ title
निष्कर्ष
मित्रों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख में राहु किस राशि में उच्च का होता है इसके विषय में संपूर्ण जानकारी देने की पूरी कोशिश की है जिसमें हमने आप लोगों को खास करके राहु किस राशि के लिए शुभ और किस राशि के लिए अशुभ होता है इसके विषय में बताया है साथ में राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ शास्त्री द्वारा बताए गए प्रभावशाली उपाय की जानकारी भी प्रदान की है .
अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक ध्यानपूर्वक से पढ़ा होगा तो आप लोगों को राहु और केतु दोनों से संबंधित विशेष जानकारी प्राप्त हो गई होगी तो हमारे प्रिय मित्रों हम उम्मीद करते हैं आप लोगों को हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और यह लेख आप लोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.