रुद्राष्टकम स्तोत्रम | rudrashtakam stotram : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से rudrashtakam stotram के बारे में बताने वाले हैं हमारे हिंदू धर्म में पांच ऐसे देवी देवता हैं जिन्हें बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है उन्ही पांच देवताओं में से भगवान शिव भी एक ऐसे देवता है जो बहुत ही शक्तिशाली हैं और सनातन धर्म के अनुसार सभी देवी देवताओं में भगवान शिव का स्थान सबसे बड़ा है.
शास्त्रों के मुताबिक ऐसा कहा गया है कि भगवान शिव कोमल और सरल हृदय वाले देवता है अगर कोई भी भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है तो वह बहुत ही आसानी से प्रसन्न हो जाते है जिस प्रकार से सप्ताह के सभी दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित है उसी प्रकार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है.
ऐसा कहा गया है कि जो भी भक्त सच्चे मन से इस दिन महादेव की स्तुति करता है तो उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है भगवान शिव को सच्ची श्रद्धा के साथ एक लोटा जल शिवलिंग पर चढ़ाने से ही व प्रसन्न हो जाते है। लेकिन अगर आप भगवान शिव को अत्यधिक प्रसन्न करना चाहते हैं.
तो उसके लिए आपको शिव के कुछ मंत्रों का जाप करना चाहिए शास्त्रों के मुताबिक भगवान शिव के अनेकों मंत्र दिए गए हैं जिनमें से एक मंत्र rudrashtakam stotram है यह स्त्रोत बहुत ही शक्तिशाली है इसका पाठ करने से अनेकों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं तो चलिए अब हम आपको इस लेख के माध्यम से rudrashtakam stotram के बारे में बताएंगे.
अर्थात rudrashtakam stotram का पाठ करने की विधि और लाभ के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे अगर आप रुद्राष्टकम के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
- 1. रुद्राष्टकम का पाठ राम ने किया था ? | Rudrashtakam ka Path Ram ne kiya tha ?
- 2. रुद्राष्टकम पाठ का महत्व | rudrashtakam stotram
- 3. रुद्राष्टकम स्तोत्रम | rudrashtakam stotram lyrics | rudrashtakam stotram
- 4. शिव रुद्राष्टकम पाठ करने की विधि | rudrashtakam stotram path karne ki vidhi
- 5. रुद्राष्टकम स्तोत्रम का पाठ करने के लाभ | rudrashtakam stotram ka path karne ke labh
- 6. FAQ : rudrashtakam stotram
- 6.1. रुद्राष्टकम का जाप क्यों किया जाता है ?
- 6.2. रुद्राक्ष धारण करते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए ?
- 6.3. शिव तांडव स्तोत्रम के क्या फायदे हैं ?
- 7. निष्कर्ष
रुद्राष्टकम का पाठ राम ने किया था ? | Rudrashtakam ka Path Ram ne kiya tha ?
शास्त्रों के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने रुद्राष्टकम स्त्रोत का पाठ किया था इसके अलावा राम चरित्र मानस में इसका उल्लेख भी किया गया है और उसमें ऐसा कहा गया है कि प्रभु श्री राम ने रावण के साथ युद्ध करने से पहले महादेव की स्तुति का पाठ किया था और राम चरित्र मानस में ऐसा भी लिखा है कि भोलेनाथ की स्तुति करते समय ना सिर्फ भगवान श्रीराम ने शिवलिंग की स्थापना की थी बल्कि काव्य के रूप में रुद्राष्टकम स्त्रोत का अखंड पाठ भी किया था।
भगवान श्री राम के इस पाठ को करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो गए थे और भगवान श्रीराम को भगवान शिव ने ऐसा वरदान दिया था कि तुम युद्ध में विजय प्राप्त करोगे और लंका में जाकर रावण का वध करोगे और सीता माता को वापस अयोध्या लेकर आओगे।
रुद्राष्टकम पाठ का महत्व | rudrashtakam stotram
वैसे तो भगवान शिव के जितने भी मंत्र हैं वह सभी बहुत ही शक्तिशाली हैं उन सभी मंत्रों का जाप करके आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार यह एक ऐसा स्त्रोत बताया गया है जिसके माध्यम से भगवान शिव बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाते हैं शिव रुद्राष्टकम का पाठ करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है इस स्त्रोत में भगवान शिव के रूप और शक्तियों के बारे में बताया गया है.
इसीलिए ऐसा कहा गया है कि शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने से बड़े से बड़ा शत्रु नाश हो जाता है और आप उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी रुद्राष्टकम का पाठ कर रहे हैं तो आपको उसके महत्व विधि और लाभ के बारे में अवश्य जानकारी होनी चाहिए अगर आप बात करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़कर विधि और लाभ के बारे में अवश्य जानकारी प्राप्त करें।
रुद्राष्टकम स्तोत्रम | rudrashtakam stotram lyrics | rudrashtakam stotram
ॐ नमः शिवायः’
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम् ॥
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम् ॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम् ॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं ॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम् ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति।।
॥ इति श्रीगोस्वामीतुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥
शिव रुद्राष्टकम पाठ करने की विधि | rudrashtakam stotram path karne ki vidhi
वैसे तो भगवान शिव का अनेकों ग्रंथों में वर्णन किया गया है लेकिन हमारे हिंदू धर्म के शास्त्रों में ऐसा उल्लेख में लिखा गया है कि शिव रुद्राष्टकम का पाठ करना बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस पाठ को नियमित रूप से करना वह बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- रुद्राष्टकम का पाठ नियमित रूप से किए जाने पर सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।
- रुद्राष्टकम का पाठ करने के लिए सोमवार के दिन शिव के मंदिर जाएं।
- उसके पश्चात भगवान शिव की विधि विधान पूर्वक पूजा करें और धूप दीप आदि से उन्हें प्रसन्न करें।
- उसके बाद शिव के समक्ष बैठकर हाथ जोड़कर शिव रुद्राष्टकम का पाठ प्रारंभ करें।
- इस स्त्रोत का पाठ 7 दिन तक लगातार सुबह और शाम करना है।
रुद्राष्टकम स्तोत्रम का पाठ करने के लाभ | rudrashtakam stotram ka path karne ke labh
- रुद्राष्टकम का नियमित पाठ करने से सभी प्रकार के संकट पल भर में दूर हो जाते हैं।
- शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है।
- अपने जीवन को अनंतमय बनाने के लिए शिव रुद्राष्टकम का पाठ करें।
- अगर आप में से कोई भी व्यक्ति अपने मनोबल को बढ़ाना चाहता है और अपने जीवन में सौभाग्य में वृद्धि लाना चाहता है तो उसे शिव रुद्राष्टकम का पाठ करना चाहिए।
- शिव रुद्राष्टकम का पाठ करने से सबसे ज्यादा फायदा शत्रु को नाश करने में होता है क्योंकि इस अष्टकम के द्वारा आप अपने शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि राम ने रावण को मारने के लिए शिव रुद्राष्टकम का पाठ किया था उसी प्रकार अगर आप अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो शिव रुद्राष्टकम का पाठ करें।
- अपने जीवन की समस्त समस्याओं को दूर करने के लिए शिव रुद्राष्टकम का पाठ करना महत्वपूर्ण बताया गया है।
- रुद्राष्टकम का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचालन होता है और उसके साथ व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है।
FAQ : rudrashtakam stotram
रुद्राष्टकम का जाप क्यों किया जाता है ?
रुद्राक्ष धारण करते समय किस मंत्र का जाप करना चाहिए ?
शिव तांडव स्तोत्रम के क्या फायदे हैं ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से rudrashtakam stotram के बारे में बताया इसके अलावा रुद्राष्टकम का पाठ करने की विधि क्या है और रुद्राष्टकम पाठ करने के लाभ कौन से हैं इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।