1 din ki sadhna bina mala ke kaise kare ? दोस्तों तंत्र मंत्र जादू टोना Magic आदि की दुनिया में साधनाएं बहुत सारी होती हैं दिन साधनों Means को साधने के लिए किसी तंत्र मंत्र तंत्र या फिर मालाओं का प्रयोग किया जाता है दुनिया में ऐसी कोई साधना नहीं है जिसको साधने के लिए उसके साधन ना बनाए गए।
आखिर साधनों को साधने के लिए तंत्र मंत्र यंत्र और मालाएं Garlands क्यों बनाई गई हो इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं क्या तंत्र मंत्र यंत्र में कोई अजब गजब की शक्ति छिपी होती है।
फिलहाल यंत्र मंत्र तंत्र आज पर विज्ञान भी बहुत रिसर्च किया करता है किसी भी प्रकार की साधना के लिए प्रयोग किए जाने वाले तंत्र मंत्र पर विज्ञान ने अब तक सटीक व्याख्या नहीं कर सका है क्योंकि उसने भी माना है कि इन तंत्र मंत्र में कहीं ना कहीं कोई ना कोई अजीबोगरीब शक्ति Power छुपी हुई होती है और उन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री उसका सहायक बनती है।
बात की जाए कि कोई साधना बिना माला की क्या संभव है क्या बिना माला के कोई साधना की जा सकती है तो निश्चित ही आपके मन में यह सवाल उत्तर के रूप में नहीं कहेगा फिर भी हम आपको यह बता दे कि साधना कोई भी हो बिना माला के भी की जा सकती है ।
माला केवल एक ऐसा माध्यम होता है का उपयोग करने से साधक का मन एकाग्र हो जाता है और साधना करने में उसे सफलता प्राप्त होती है इसलिए कोई भी साधना बिना माला के नहीं की जा सकती है क्योंकि बिना माला की साधना करने से आपका मन भटक सकता है और साधना अपूर्ण हो हो सकती है ऐसे में माला का उपयोग बहुत आवश्यक हो जाता है।
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तंत्र मंत्र की दुनिया में इतनी ज्यादा साधनाएं है कि साधारण मनुष्य जब उन साधनों की ओर प्रेरित होता है तो मनुष्य स्वयं में असाधारण हो जाता है क्योंकि साधना सभी मनुष्य के लिए आसान नहीं है कुछ एक विलक्षण प्रतिभा वाले व्यक्ति ही इन साधनों को कर सकते हैं।
साधना का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति स्वयं को नियंत्रित करता है उसके अंदर जो भी चलायमान इंद्रियां हैं उन पर नियंत्रण करने से व्यक्ति अलौकिक शक्तियों से भरपूर हो जाता है एक व्यक्ति अच्छा साधन बन जाता है।
साधना एक व्यापक शब्द है इसलिए साधना का मतलब कठोर तपस्या ध्यान और किसी विशेष क्षेत्र में अधिक प्रयत्न करना होता है जिसमें एक तरफ शरीर की तमाम ऊर्जा नष्ट होती है तो वहीं दूसरी ओर संचित भी हो जाती है।
जब कोई साधक साधना के पथ पर जितना आगे बढ़ता है वह अंदर बाहर से मजबूत होता जाता है साधना के दौरान यदि कोई व्यक्ति सही दिशा में चलता है तो उसका कल्याण होता है यदि गलत राह पर चलता है तो भारी नुकसान होता है साधना धर्म अर्थ और काम मोक्ष का आधार माना गया है।
साधना ने कितनी प्रकार की होती हैं।
वैसे तो साधना ओं का क्षेत्र बहुत बड़ा है क्योंकि शरीर में जितनी भी इंद्रियां हैं उससे कई गुना उन्हें साधने के लिए साधनाएं होती हैं परंतु सूक्ष्म रूप से चार प्रकार की साधना ओं का वर्णन शास्त्रों में वर्णित किया गया है जो इस प्रकार हैं –
- 1. आध्यात्मिक साधना किसे कहते है ? What is spiritual practice ?
- 2. स्तुति साधना क्या है ? What is Praise Meditation ?
- 3. ध्यान साधना क्या है ? What is meditation ?
- 4. मूर्ति पूजा क्या है ? What is idol worship ?
- 5. 1 दिन में बिना माला से साधना कैसे करें ? sadhana without garland in 1 day ?
- 6. बिना माला की साधना कैसे करें ? sadhana without rosary :
- 7. साधना कितने प्रकार की होती हैं ? types of meditation
- 8. नवदुर्गा साधना क्या है ?
- 9. पिशाचिनी या पैशाचिनी साधनाएं क्या है ? What is Pishachini Sadhana ?
- 10. भैरव साधना क्या है ? What is Bhairav Sadhana ?
- 11. योगिनी साधनाएं क्या है ?
- 12. यक्ष और यक्षिणी क्या है ?
- 13. अप्सरा साधना क्या है ? What is Apsara Sadhana ?
- 14. गंधर्व साधना क्या है ?
- 15. नाग और सर्प साधनाएं क्या होती है ? snake and snake practices
- 16. अन्य साधनाएं
- 17. साबर साधनाएं क्या होती है ? Suede Sadhanas :
आध्यात्मिक साधना किसे कहते है ? What is spiritual practice ?
इस साधना को ब्रह्म साधना भी कहा जाता है क्योंकि इस साधना में ब्रम्हांड का ज्ञान और ईश्वरीय ज्ञान की प्राप्ति होती है इसीलिए इसे आध्यात्मिक साधना या ब्रह्म साधना के नाम से जाना जाता है आध्यात्मिक साधना या ब्रह्म साधना में देवी देवता ईश्वर आज की आराधना और साधना की जाती है इन साधनों से व्यक्ति सात्विक विचार धाराओं की ओर चलकर मोक्ष की प्राप्ति करता है।
इसके अलावा कुछ तांत्रिक साधनाएं भी की जाती हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति को ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है |
स्तुति साधना क्या है ? What is Praise Meditation ?
इस साधना के माध्यम से हम किसी भी देवी देवता की पूजा और उसकी साधना तो पूजा पाठ तथा बंधन गायन के माध्यम से करते हैं जब हम किसी भी देवी देवता या ईश्वर की पूजा गायन के विधि से ध्यान मग्न होकर करते हैं तो इस प्रकार की साधना स्तुति साधना कहलाती है।
ध्यान साधना क्या है ? What is meditation ?
ध्यान साधना एक ऐसी साधना है जिसके अंतर्गत कोई भी साधक एकाग्र चित्त होकर मंत्रोचार करता है और अपने आराध्य का ध्यान करता है।
मूर्ति पूजा क्या है ? What is idol worship ?
मूर्ति पूजा साधक के लिए साकार पूजा होती है अर्थात साधक किसी भी आराध्य देवी देवता की मूर्ति के सामने जाकर पूजा पाठ हवन आदि के माध्यम से उसकी स्तुति करता है मूर्ति पूजा के अंतर्गत साधक देवी देवता की मूर्ति को साकार रूप में देखता है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि जिस प्रकार की मूर्ति की पूजा हम कर रहे हैं वही रूप ईश्वर का है।
1 दिन में बिना माला से साधना कैसे करें ? sadhana without garland in 1 day ?
अब बात करते हैं कि 1 दिन में बिना माला के साधना किस प्रकार से की जाए तो इसके लिए यह कहा जा सकता है कि कोई भी साधना एक दिन में संभव नहीं है। बिना माला के साधना तो संभव है परंतु 1 दिन में कोई भी साधना सिद्ध हो ना बहुत मुश्किल है यदि कोई भी साधक 1 दिन में बिना माला की साधना करना चाहता है |
उसे अपनी समस्त इंद्रियों को कुछ इस प्रकार से कंट्रोल करें कि एक ही दिन में वह यह महसूस करें कि उसका संपूर्ण करूं उसके कहने में नहीं है और उसकी कोई भी इंद्रिय किसी भी प्रकार की कोई इच्छा नहीं रखती है ऐसा कर पाना बड़ा ही मुश्किल है या यूं कहा जाए कि 1 दिन में कोई भी साधना संभव ही नहीं है ।
बिना माला की साधना कैसे करें ? sadhana without rosary :
यदि किसी भी व्यक्ति के पास कभी कोई माला नहीं है तो बिना माला के साधना की जा सकती है इसके लिए शास्त्रों में करमाला का उपयोग बताया गया है इसके लिए अनामिका अंगुली के दूसरे को से गिनती शुरू करें और ऊपर की ओर गिनते हुए कनिष्ठा उंगली की और पांच तक पढ़ें |
उसके बाद छह अंक अनामिका अंगुली के नीचे का हिस्सा यानी कि पहले पूर्व को पढ़ते हुए मध्यमा फिर तर्जनी की उंगली तक जाएं इस प्रकार बिना माला की साधना भी की जा सकती है यही एक ऐसा विधान है जो बिना माला के कोई भी साधना या मंत्र का जाप किया जा सकता है ।
साधना कितने प्रकार की होती हैं ? types of meditation
वैसे तो साधनाएं हजारों तरह की की जाती हैं परंतु हम आपको यहां पर कुछ विशिष्ट साधनों के विषय में और उनके प्रकार के बारे में बता रहे हैं –
यह साधना मां दुर्गा की सात्विक साधना होती है जिसके अंतर्गत नवरात्रि के दिनों में 9 दिन की साधना होती है जिसमें माता दुर्गा के नौ रूपों को सिद्ध किया जाता है
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कुष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
पिशाचिनी या पैशाचिनी साधनाएं क्या है ? What is Pishachini Sadhana ?
जहर पिशाचिनी साधना है जिसके अंतर्गत पिसाची देवी की साधना की जाती है जो हृदय चक्र की देवी होती है यह काफी खतरनाक साधना होती है परंतु इस साधना को सिद्ध करने के बाद साधक एक ही स्थान पर बैठे बैठे संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेता है यह साधना तंत्र साधना के अंतर्गत होती है।
भैरव साधना क्या है ? What is Bhairav Sadhana ?
यह साधना भगवान भैरव की साधना होती है जिसके अंतर्गत काल भैरव बटुक भैरव की साधना होती है इसके अलावा, उग्र भैरव, असितंग भैरव, क्रोध भैरव, स्वर्णाकर्षण भैरव, भैरव-भैरवी आदि साधनाएं भैरव साधना के अंतर्गत की जाती है।
योगिनी साधनाएं क्या है ?
यह साधना मां काली की साधना से संबंधित होती है इसके अंतर्गत आदिशक्ति काली मां समस्त योगिनियों का अवतार माना जाता है जब कोई साधक इस साधना को करता है तो वह इस साधना के बाद इंद्रजाल जादू वशीकरण मारण स्तंभन आधी कर सकता है इन्हें अष्ट योगिनी तथा चौसठ योगिनी के नाम से भी जाना जाता है।
यक्ष और यक्षिणी क्या है ?
या छोरी अच्छी साधना एक धन संबंधी साधना होती है इस साधना के अंतर्गत जब कोई साधक सिद्ध कर लेता है तो भूमि में गड़े हुए खजाने को भी जान जाता है इसके मालिक कुबेर माने जाते हैं।
अप्सरा साधना क्या है ? What is Apsara Sadhana ?
अप्सरा साधना ने यह माना जाता है कि कोई स्त्री रूप परम सुंदरी अनुपम और अनेक कलाओं में निपुण अप्सरा होती है जिनमें सबसे सुंदर और जादुई शक्ति होती है।
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गंधर्व साधना क्या है ?
वास्तव में हिंदू धर्म ग्रंथों में ऐसा वर्णित है कि देवी देवताओं के सभागार में कुछ ऐसे नृत्य और संगीत करने वाले गण उपस्थित रहते थे जो संगीत और नृत्य में बहुत ही निपुण थे इनकी साधना करने से जब गंधर्व देवता प्रसन्न होते हैं तो नृत्य और संगीत की विद्या से परिपूर्ण कर देते हैं।
नाग और सर्प साधनाएं क्या होती है ? snake and snake practices
हिंदू धर्म में नाग और सर्पों को देवता के रूप में मान्यता मिली है ऐसा माना गया है कि नागों और सर्प में दिव्य आत्माएं निवास करते हैं इसीलिए नागों में वास की तक्षक अनंत कार कोटक तथा पिंगला जैसे नागों का वर्णन मिलता है।
अन्य साधनाएं
विभिन्न प्रकार के साधनों के अलावा शास्त्रों में अन्य कई प्रकार की साधनाएं भी वर्णित की गई हैं जिनके अंतर्गत डाकिनी-शाकिनी, विद्याधर, सिद्ध, दैत्य, दानव, राक्षस, गुह्मक, भूत, वेताल, अघोर और रावण आदि की साधना भी होती है।
साबर साधनाएं क्या होती है ? Suede Sadhanas :
तंत्र मंत्र की दुनिया को छोड़ कर कुछ ऐसे मंत्र अन्य हैं जिन्हें साबर मंत्र कहा जाता है इनकी सहायता से भी अनेकों प्रकार की साधनाएं प्राप्त होती हैं तंत्र-मंत्र और यंत्र के द्वारा की जाने वाली साधनों में जरा सी भी असावधानी करने से आपकी सारी साधना व्यर्थ हो जाती है परंतु साबर मंत्रों से द्वारा की जाने वाली साधना में श्रम बिरथ नहीं होता है साबर साधना और मंत्रों का आविष्कार गुरु गोरखनाथ जी ने किया था
मित्रों यहां पर कुछ साधना ओं के विषय में इस लेख के माध्यम से आपको अवगत कराया परंतु इन साधनों के अलावा भी शास्त्रों में हजारों प्रकार की साधना ओं का वर्णन मिलता है जिनको आप पढ़कर और उनके विषय में जानकारी करके कर सकते हैं अंत में बस इतना ही कहना है कि किसी भी प्रकार की साधना बिना गुरु के ना करें।