सकट चौथ की कथा | sakat chauth ki katha : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से sakat chauth ki katha के बारे में जानकारी देने वाले हैं हमारे हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कई ऐसे व्रत हैं जो बहुत ही प्रसिद्ध है ऐसे में एक व्रत प्रत्येक वर्ष की माघ माह की चतुर्दशी को आता है उसे सकट चौथ व्रत कहते हैं इस व्रत को विवाहित स्त्रियां रखती हैं.
सकट चौथ व्रत में भगवान गणेश की पूजा की जाती है यह व्रत इन्हें ही समर्पित किया गया है जिस प्रकार सप्ताह के हर दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित किए गए हैं उसी प्रकार बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश को समर्पित किया गया है बुधवार के दिन विधि विधान पूर्वक इनकी पूजा करने से यह अति प्रसन्न होते हैं.
लेकिन यह व्रत माघ माह की चतुर्थी तिथि को ही किया जाता है इस व्रत वाले दिन स्त्रियां अपने पुत्र की दीर्घायु तथा सुखी जीवन की कामना के लिए भगवान श्री गणेश से प्रार्थना करती है हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा गया है कि भगवान श्री गणेश हमारे प्रथम पूजनीय देवता है किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा अवश्य की जाती है भगवान श्री गणेश को किसी भी प्रकार के पूजन , हवन एवं धार्मिक कार्यक्रमों में अवश्य आमंत्रित किया जाता है.
ऐसा कहा गया है कि सकट चौथ व्रत को करने से सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिल जाती है और घर में सुख – समृद्धि एवं सौभाग्य का आगमन होता है इसीलिए सभी स्त्रियों को भगवान श्री गणेश का यह सकट चौथ व्रत अवश्य करना चाहिए इसीलिए आज हम आप लोगों को भगवान श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए इस लेख के माध्यम से sakat chauth ki katha अर्थात सकट चौथ की कथा का पीडीएफ , वीडियो डाउनलोड लिंक भी दी है.
इसके अलावा सकट चौथ व्रत करने की विधि क्या है ? और इसके लाभ क्या है इसके बारे में भी जानकारी देंगे सकट चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है इस व्रत में जल पीना वर्जित माना जाता है सकट चौथ का व्रत प्रत्येक वर्ष में 12 बार आता है लेकिन जो व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष में आता है उसे गणेश चतुर्थी का विशेष दिन कहा जाता है इसीलिए उस दिन इस व्रत को करना अनिवार्य होता है अगर आप इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें.
- 1. सकट चौथ की कथा पीडीऍफ़ | Sakat chauth ki katha pdf
- 2. सकट चौथ की कथा | Sakat chauth ki katha
- 3. सकट चौथ में क्या खाना चाहिए ? | Sakat Chauth mein kya khana chahiye ?
- 4. सकट चौथ की कथा विडियो | Sakat chauth ki katha video
- 5. गणेश जी के मंत्र | Ganesh ji ke Mantra
- 5.1. 1. सर्व कार्य सिद्धि मंत्र
- 5.2. 2. गणेश जी हवन , पूजा , आरती मंत्र
- 5.3. 3. मनोकामना पूर्ति मंत्र
- 5.4. 4. गणेश ध्यान मंत्र
- 6. सकट चौथ व्रत पूजा विधि | Sakat Chauth Vrat Puja Vidhi
- 7. सकट चौथ व्रत करने के लाभ | Sakat chauth vrat karne ke labh
- 8. सकट चौथ व्रत में गणेश जी आरती | Sakat chauth ki katha aarti
- 9. FAQ : sakat chauth ki katha
- 9.1. संकट चौथ पर हमें क्या खाना चाहिए ?
- 9.2. क्या संकट चौथ एक शुभ दिन है ?
- 9.3. सकट चौथ पर पानी पी सकते हैं क्या ?
- 10. निष्कर्ष
सकट चौथ की कथा पीडीऍफ़ | Sakat chauth ki katha pdf
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सकट चौथ की कथा | Sakat chauth ki katha
सकट चौथ की कथा माघ माह के चतुर्थी तिथि को होती है सकट चौथ व्रत से संबंधित या कथा बहुत ही प्रचलित है एक गांव में एक साहूकार और एक साहूका रनी रहती थी वह दोनों धर्म पुण्य को नहीं मानते थे और उसी की वजह से साहूकार और साहूकरनी को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पा रही थी एक दिन साहूकरनी अपने पड़ोसी के घर गई और उसी दिन ही सकट चौथ का व्रत था साहू करनी की पड़ोसन सकट चौथ व्रत की तैयारी कर रही थी।
तो साहू करनी ने अपनी पड़ोसन से पूछा कि तुम यह किस पूजा की तैयारी कर रही हो साहू करने की पड़ोसन ने कहा आज सकट चौथ का व्रत है इसीलिए उसी व्रत की तैयारी कर रही हूं उसी समय साहू करनी ने अपनी पड़ोसन से पूछा कि इस चौथ के व्रत से क्या होता है तभी पड़ोसन ने कहा कि इसे करने से अन्न , धन , सुहाग , पुत्र आदि की प्राप्ति होती है तो उसी समय साहू करनी ने कहा यदि मेरा गर्भ रह जाए तो मैं सवा सेर तिलकुट करूंगी और चौथ का व्रत भी करूंगी।
उसी समय साहू करनी ने व्रत का संकल्प लिया और गणेश जी की कृपा से साहू करने के गर्भ रह गई तो वह बोली कि मेरे लड़का हो जाए तो मैं ढाई सेर तिलकुट चढ़ा आऊंगी गणेश की कृपा से कुछ दिनों बाद साहू करनी को लड़का हुआ तो वह बोली कि हे चौथ भगवान ! मेरे बेटे का विवाह हो जाए तो मैं सवा 5 सेर तिलकुट चुराऊंगी ।
गणेश भगवान की कृपा से कुछ ही दिनों बाद उसके बेटे का विवाह भी तय हो गया और साहू करनी विवाह करने भी चली गई लेकिन उस साहू करनी ने तिलकुट नहीं किया और उसी की वजह से देवता अत्यंत क्रोधित हुए उन्होंने उनके बेटे को उठाकर पीपल के पेड़ पर बैठा दिया तभी उसी समय सभी व्यक्ति वर को खोजने लगे कहीं पर भी नहीं मिला सभी लोग हताश होकर अपने अपने घर लौट आए जिस लड़की से साहू करने के बेटे का विवाह हो रहा था वह अपनी सहेली के साथ गणगौर की पूजा के लिए जंगल में दूब लेने गई थी।
तभी रास्ते में उस लड़की को पीपल के पेड़ से आवाज आई ओ मेरी अर्धव्याही जैसे ही लड़की ने आवाज सुनी वह इधर-उधर देखने लगी वहां पर उसे कुछ भी ना मिला तो वह घर को वापस आ गई उसके बाद धीरे-धीरे सूखकर कांटा होने लगी एक दिन लड़की की मां ने कहा हे बेटी मैं तुम्हें अच्छा खिलाती हूं और अच्छा पहन आती हूं फिर भी तुम क्यों इतनी दुबली पतली हो ।
ऐसा क्यों है तभी लड़की अपनी मां से बोलती है कि वह जब भी दूध लेने जंगल में जाती है तो पीपल के पेड़ से एक आदमी के बोलने की आवाज आती है और वह कहता है वह मेरी अर्धव्याही !
वह मुझे दिखाई भी देता है उसने अपने हाथों में मेहंदी लगा रखी है और चेहरा भी बांध रखा है तभी की माने पीपल के पेड़ के पास जाकर देखा तो वह उसका जमाई था
तभी लड़की की मां ने जमाई से कहा यहां क्यों बैठे हो मेरी बेटी को अर्ध व्याही कर दिया है अब क्या लेने आए हो ।
तभी उसी साहूकरनी का बेटा बोला मेरी मां ने चौथ का तिलकुट बोला था लेकिन नहीं किया इसीलिए चौथ माता ने नाराज होकर मुझे पीपल के वृक्ष के ऊपर बैठा दिया।
जैसे ही लड़की की मां ने उसकी बात सुनी तो उस लड़की की मां साहू करनी के घर गई और लड़की की मां ने साहू करने से पूछा कि तुमने कोई सकट चौथ का कुछ बोला है क्या ।
हाउ करनी ने कहा कि तिलकुट बोला था उसके बाद साहू करनी बोली मेरा बेटा घर आ जाए तो ढाई मन का तिलकुट करूंगी वह करने की यह बात सुनकर भगवान श्री गणेश प्रसन्न हो गए और उन्होंने उसके बेटे को फेरों में लाकर बैठा दिया बेटे का विवाह धूमधाम से हो गया जब साहकरनी का बेटा और बहू घर को आए तब साहू करनी है डाईमन तिलकुट किया और बोली है.
चौथ देवता आपके आशीर्वाद से बेटा और बहू घर आ गए हैं इसीलिए मैं आज तिलकुट कर रही हूं और आपका व्रत रख रही हूं इसके बाद सारे नगर वासी ने तिलकुट के साथ संकट व्रत करना प्रारंभ कर दिया। इसी प्रकार सकट चौथ का व्रत प्रारंभ हुआ था.
सकट चौथ में क्या खाना चाहिए ? | Sakat Chauth mein kya khana chahiye ?
आप में से कोई भी व्यक्ति या जानना चाहता है कि सकट चौथ व्रत में क्या खाना चाहिए तो हम आपको बता दें कि इस व्रत को निर्जला रखा जाता है इसमें जल का सेवन करना वर्जित माना गया है संध्या काल में पूजा करने के बाद फलाहार में दूध और रामदाना , शकरकंद , आदि चीजों का सेवन किया जा सकता है इस व्रत में आप मीठे फलों का सेवन कर सकते हैं। इस व्रत में नमक का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है।
सकट चौथ की कथा विडियो | Sakat chauth ki katha video
सकट चौथ की कथा का वीडियो कुछ इस प्रकार है अगर आप वीडियो पर क्लिक करते हैं तो आपको डायरेक्ट यूट्यूब पर वीडियो देखने को मिलेगी.
सकट चौथ की कथा विडियो | sakat chauth ki katha video | video |
गणेश जी के मंत्र | Ganesh ji ke Mantra
1. सर्व कार्य सिद्धि मंत्र
॥ ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
2. गणेश जी हवन , पूजा , आरती मंत्र
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
3. मनोकामना पूर्ति मंत्र
॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
4. गणेश ध्यान मंत्र
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
सकट चौथ व्रत पूजा विधि | Sakat Chauth Vrat Puja Vidhi
अगर आप में से कोई भी व्यक्ति सकट चौथ व्रत को करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को सकट चौथ व्रत पूजन विधि अवश्य पता होनी चाहिए जो हम आपको पॉइंट में देंगे.
- सकट चौथ व्रत को करने के लिए माघ माह की चतुर्थी तिथि को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निश्चिंत होने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें.
- उसके पश्चात विधि विधान पूर्वक भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करें.
- शाम होने के पश्चात यानी कि सूर्यास्त के बाद स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- उसके पश्चात भगवान श्री गणेश की मूर्ति के सामने बैठ जाएं.
- उसके बाद एक लोटा ले उसमें जल भरे.
- उस लौटे को भगवान श्री गणेश की मूर्ति के सामने कलश रूप में स्थापित करें.
- उसके पश्चात भगवान श्री गणेश के सामने धूप – दीप , तिल , लड्डू , शकरकंद , अमरूद , गुड और घी आदि चीजें भगवान श्री गणेश की मूर्ति के सामने अर्पित करें.
- भोग के तौर पर भगवान श्री गणेश के सामने तिलकूट का भोग लगाएं.
- ऐसा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा गया है कि पूजा संपूर्ण होने के पश्चात तिल के बने बकरे की गर्दन को घर में से किसी बड़े सदस्य को काटना होता है.
सकट चौथ व्रत करने के लाभ | Sakat chauth vrat karne ke labh
अगर आप में से कोई भी व्यक्ति सकट चौथ व्रत को करता है तो उससे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं जो निम्नलिखित हैं।
- इस व्रत को खासतौर से अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए किया जाता है इसीलिए अगर आप विधि विधान पूर्वक इस व्रत को करते हैं तो आपके पुत्र की आयु लंबी हो जाती है।
- भगवान गणेश के इस व्रत को करने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है अर्थात आर्थिक लाभ भी प्राप्त होता है।
- हमारे हिंदू धर्म में गणेश भगवान को विघ्नहर्ता कहा गया है ऐसे में अगर आप गणेश भगवान के सकट चौथ व्रत को करेंगे तो आपको नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा मिल जाएगा और आपके घर में शांति हमेशा बनी रहेगी ।
- सकट चौथ व्रत को करने से गणेश भगवान आपके ऊपर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
सकट चौथ व्रत में गणेश जी आरती | Sakat chauth ki katha aarti
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
FAQ : sakat chauth ki katha
संकट चौथ पर हमें क्या खाना चाहिए ?
क्या संकट चौथ एक शुभ दिन है ?
सकट चौथ पर पानी पी सकते हैं क्या ?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से sakat chauth ki katha के बारे में बताया इसके अलावा सकट चौथ व्रत की पूजा विधि क्या है ? सकट चौथ के व्रत में किस की आरती की जाती है ? सकट चौथ व्रत करने के लाभ क्या है ? और इस व्रत में किस चीज का सेवन करना चाहिए इसके बारे में भी जानकारी दी है.
अगर आपने हमारे स्लिप को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।