सत्यनारायण भगवान की कथा कब करनी चाहिए | Satyanarayan bhagwan katha kab karni chahiye : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका आज के हमारे इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए इसके बारे में बताने वाले हैं क्या आप जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही विशेष मानी जाती है.
खासतौर पर जब आप किसी विशेष अवसर पर भगवान विष्णु जी का पूरी श्रद्धा के साथ पूजा कराते हैं तो आपको भगवान विष्णु की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है इसीलिए इनकी पूजा कराने के मुख्य रूप दिए गए हैं.
जैसे की एकादशी और पूर्णिमा तिथि को आप भगवान विष्णु का पूजन करा सकते हैं जिस समय आप भगवान विष्णु का पूजन करा रहे होते हैं उस समय आपको सत्यनारायण की कथा भी पढ़नी यह सुननी है.
हमारे पुराणों में सत्यनारायण व्रत कथा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है ऐसा कहा गया है कि जो लोग इस कथा को सुनते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं क्योंकि भगवान सत्यनारायण को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है.
इसीलिए हमारे शास्त्रों के अनुसार सत्यनारायण की पूजा का अर्थ सत्य की नारायण के रूप में पूजा करना है इस पूजा को किसी शुभ कार्य को करने से पहले जैसे शादी के पहले या उसके बाद या फिर मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है.
इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए सत्यनारायण कथा क्यों करते हैं सत्यनारायण कथा व्रत पूजा विधि सत्यनारायण कथा करने के फायदे क्या है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं.
अगर आप लोग इन सारे विषयों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए हमारे इस लेख को अच्छे से और अंत तक पढ़ना होगा तभी आप लोगों को इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो पाएगी।
- 1. सत्यनारायण भगवान की कथा कब करनी चाहिए ? | Satyanarayan bhagwan katha kab karni chahiye ?
- 2. सत्यनारायण कथा क्यों करते हैं ?
- 3. श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि | Shree satyanarayan vrat puja vidhi
- 4. सत्यनारायण भगवान के पूजा में क्या लगता है ?
- 5. सत्यनारायण कथा किस दिन करें | Satyanarayan katha kis din karen
- 6. सत्यनारायण कथा के लिए कौन सा दिन अच्छा है ?
- 7. सत्यनारायण की कथा कराने से क्या होता है ?
- 8. सत्यनारायण कथा करने के फायदे | Santayana katha karne ke fayde
- 9. श्री सत्यनारायणजी की आरती | Shree satyanarayan ki aarti
- 10. FAQ : सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए
- 10.1. क्या हम शाम को सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं?
- 10.2. घर में सत्यनारायण पूजा कैसे करें ?
- 10.3. सत्यनारायण पूजा के कितने दिन बाद मांसाहार नहीं खाना चाहिए?
- 11. निष्कर्ष
सत्यनारायण भगवान की कथा कब करनी चाहिए ? | Satyanarayan bhagwan katha kab karni chahiye ?
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा गया है कि सत्यनारायण भगवान की कथा को एकादशी या फिर पूर्णिमा के दिन करना चाहिए क्योंकि इस व्रत के पीछे या फिर इस पूजा के पीछे का मूल्य उद्देश्य सत्य की पूजा करना होता है.
इस व्रत में भगवान शालिग्राम की पूजा की जाती है जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है उस व्यक्ति को उस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निश्चिंत होने के बाद भगवान सत्यनारायण का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना है।
सत्यनारायण कथा क्यों करते हैं ?
अगर आप या जानना चाहते हैं कि सत्यनारायण कथा क्यों की जाती है तो हम आपको बता दें कि सत्यनारायण भगवान को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है.
इसीलिए सत्यनारायण कथा कराने तथा सुनने सिर्फ भक्तों पर भगवान विष्णु जी की कृपा बरसती रहती है और उनके जीवन में सुख शांति आने लगती है लेकिन ऐसा भी कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा कराना काफी शुभ माना गया है।
श्री सत्यनारायण व्रत पूजा विधि | Shree satyanarayan vrat puja vidhi
सत्यनारायण व्रत पूजा विधि करने के लिए आपको एकादशी या फिर पूर्णिमा के दिन इस व्रत का संकल्प लेना चाहिए इस व्रत के पीछे का महत्व सत्य की पूजा करना होता है इस व्रत में शालिग्राम भगवान की पूजा की जाती है.
इस व्रत को करने के लिए जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निश्चिंत होने के बाद भगवान सत्यनारायण कथा करने या सुनने का संकल्प लेना चाहिए उसके बाद जातक को भगवान सूर्य को नमस्कार करना चाहिए.
अपने सभी कष्टों को दूर करने की विनती और पापों से मुक्ति पाने के उद्देश्य से यह व्रत रखना चाहिए जैसे ही आप इस व्रत का संकल्प ले लेते हैं उसके बाद में आपको पत्र पुष्प आदि से भगवान सूर्य का पूजन करना है उसके बाद पूरा दिन आपको निराहार रहना है.
शाम के समय आपको भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करके स्तवन करें उसके बाद में आपको इस दिन किसी योग्य पंडित को बुलाकर सत्यनारायण की कथा करानी चाहिए और शालिग्राम भगवान का अभिषेक करके उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए और अपनी श्रद्धा अनुसार दान करना चाहिए।
सत्यनारायण भगवान के पूजा में क्या लगता है ?
अगर आप लोग भगवान सत्यनारायण की पूजा करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए कुछ सामग्री की आवश्यकता होती है इसकी पूजा में आपको केले के पत्ते व फल के अतिरिक्त पंचामृत, पंचगव्य, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दूर्वा की आवश्यकता होती है.
इस सामग्री के बिना आप भगवान सत्यनारायण की पूजा नहीं कर सकते हैं इसके अलावा सत्यनारायण भगवान की पूजा करने के लिए आपको दूध , मधु , केला गंगाजल मेवा तुलसी की पत्ती मिलाकर पंचामृत बनाना है पंचामृत सत्यनारायण भगवान को अत्यंत प्रिय है।
सत्यनारायण कथा किस दिन करें | Satyanarayan katha kis din karen
अगर आप लोग यह जानना चाहते हैं कि सत्यनारायण भगवान की कथा किस दिन करनी चाहिए तो हम आप लोगों को बता दें कि भगवान सत्यनारायण की कथा में यह बताया गया है कि जीवन में सत्य का कितना बड़ा महत्व होता है.
सत्य का पालन ना करने पर किस तरह की समस्याएं आपके जीवन में आ सकती हैं इसीलिए आपको अपने जीवन में सत्य का पालन पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिए खासतौर पर सत्यनारायण भगवान की कथा और पूजा हर महीने की पूर्णिमा तिथि को करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा सभी भक्तों को प्राप्त होती है.
हमारे हिंदू धर्म में ऐसा कहा गया है कि गुरुवार के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा करना काफी लाभदायक माना गया है इस दिन जो भी व्यक्ति सतनारायण भगवान की कथा करता है उसके घर में सुख समृद्धि आती है.
इसीलिए आप लोगों सत्यनारायण भगवान की कथा अवश्य सुने लेकिन आपको इस कथा में अपनी पूरी श्रद्धा भाव से और नियमों का पालन करते हुए ही इस कथा को सुनना है अगर आप इस प्रक्रिया द्वारा इस कथा को संपूर्ण कर ले जाते हैं तो आपके लिए यह बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
सत्यनारायण कथा के लिए कौन सा दिन अच्छा है ?
वैसे तो खास तौर पर देखा जाए तो सत्यनारायण भगवान की कथा पूर्णिमा को करना शुभ माना जाता है लेकिन आप चाहे तो इस पूजा को एकादशी के दिन भी कर सकते हैं लेकिन अगर आप पूर्णिमा के दिन इस पूजा को करते हैं तो आपके घर में सुख समृद्धि आती है।
सत्यनारायण की कथा कराने से क्या होता है ?
अगर कोई भी व्यक्ति सत्यनारायण भगवान की कथा करता है तो इस कथा को करने से आपके वंशजों को सुख , समृद्धि , संतान , यश , वैभव पराक्रम , संपत्ति , सौभाग्य और शुद्धता का वरदान मिलता है.
उसी जगह अगर आप सत्यनारायण भगवान की कथा अपने घर पर करवाते हैं तो आपके पूर्वजों को भी शांति और मुक्ति मिल जाती है और वह बहुत ही प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं।
सत्यनारायण कथा करने के फायदे | Santayana katha karne ke fayde
अगर कोई व्यक्ति सत्यनारायण भगवान की कथा करना चाहता है तो उसके कई सारे निम्न लाभ बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं ।
- सत्यनारायण भगवान की कथा करने से मनुष्य को सुख समृद्धि का अधिकार मिल जाता है।
- सत्यनारायण भगवान की इस कथा को करने का एक संदेश स्पष्ट रूप से दिखता है कि जो भी मनुष्य अपने जीवन में सत्य निष्ठा का व्रत अपना लेता है तो उसे परलोक और इहलोक दोनों में ही सच्चे सुख की प्राप्ति होने का महसूस होता है।
- अगर कोई व्यक्ति भगवान सत्यनारायण के विपरीत सत्य निष्ठा के व्रत को त्याग देता है तो उसके जीवन में और मृत्यु के उपरांत भी अनेक कष्टों को भोगना पड़ता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में सत्यव्रत को अपना लेता है तो मनुष्य को परमात्मा की कृपा तो मिलती ही है साथ में धनधान्य भी आपके घर में पर पूर्ण रहता है।
- जो भी व्यक्ति अपने घर में सत्यनारायण भगवान की कथा को करवाता है उसके घर में अन्न , धन , लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सत्यनारायण भगवान की कथा को करने से वंशजों को सुख ,समृद्धि , संतान , यश , वैभव , पराक्रम , संपत्ति , सौभाग्य और शुभता का वरदान प्राप्त होता है
- अगर आप यह पूजा अपने घर पर करवाते हैं तो आपके घर के पूर्वजों को भी शांति और मुक्ति मिलती है और वह प्रसन्न होकर आपको आशीष देते हैं।
श्री सत्यनारायणजी की आरती | Shree satyanarayan ki aarti
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी, जन-पातक-हरणा॥ जय लक्ष्मी… ॥
रत्न जड़ित सिंहासन, अद्भुत छवि राजे।
नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे॥ जय लक्ष्मी… ॥
प्रकट भए कलि कारण, द्विज को दरस दियो।
बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो॥ जय लक्ष्मी… ॥
दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी।
चंद्रचूड़ एक राजा, तिनकी बिपति हरी॥ जय लक्ष्मी…॥
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्हीं॥ जय लक्ष्मी…॥
भाव-भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धर्यो।
श्रद्धा धारण किन्ही, तिनको काज सरो॥ जय लक्ष्मी…॥
ग्वाल-बाल संग राजा, बन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीन्हों, दीन दयालु हरि॥ जय लक्ष्मी…॥
चढ़त प्रसाद सवायो, कदली फल मेवा।
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा॥ जय लक्ष्मी..॥
सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावे।
तन-मन-सुख-संपति मनवांछित फल पावै॥ जय लक्ष्मी…॥
FAQ : सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए
क्या हम शाम को सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं?
घर में सत्यनारायण पूजा कैसे करें ?
सत्यनारायण पूजा के कितने दिन बाद मांसाहार नहीं खाना चाहिए?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के जरिए सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए इसके बारे में बताएं इसके अलावा इस विषय से संबंधित अन्य टॉपिक के बारे में भी बात की है.
अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी।