उर्जा पास क्रिया या शक्ति पात क्या है ? गुरु से शक्ति पात कैसे ले? human energy transfer in hindi

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पास क्रिया के माध्यम से शरीर में निहित शक्तियों को साधना के माध्यम से दूसरे के शरीर में प्रवेश करआना होता है | अर्थात हम अपने शरीर में निहित उर्जा या शक्ति को यदि चाहे तो दूसरे को दे सकते हैं जिसे पास क्रिया कहा जाता है। यह प्रक्रिया समोहन के माध्यम से भी संभव है |

शोध द्वारा सिद्ध किया गया है कि व्यक्ति के अन्दर एक मेग्नेटिज्म होता है जो आंखों की माध्यम से या फिर आहत हाथों की उंगलियों के पोरों के माध्यम से दूसरों को प्रभावित करता है। प्रत्येक मनुष्य के शरीर में हजारों तरह की चुंबकीय शक्तियां होती है। इन शक्तियों को व्यक्ति बढ़ा सकता है।

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इन चुंबक की शक्तियों को बढ़ाने के लिए शरीर में शक्ति चक्र का प्रयोग किया जाता है जिससे चुंबकीय शक्ति बढ़ जाती है।
कभी-कभी यह शक्तियां सिद्ध करने पर इतना अधिक बढ़ जाती है कि व्यक्ति जैसे ही किसी के सामने आंखों में आंखें डालकर बात करता है वह तुरंत सम्मोहित हो जाता है और उसकी आज्ञा की अनुसार कार्य करने लगता है।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

पास क्रिया के लिए अपने शारीर की शक्ति कैसे बढ़ाए ? How to increase the power of your body for transferring energy ?

पास क्रिया एक सम्मोहन है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित कर लेता है जैसे कभी-कभी आपने देखा होगा कि कोई बहुत बड़ा साधु महात्मा किसी के ऊपर हाथ रखकर आशीर्वाद देता है तो उस व्यक्ति को बहुत राहत मिलती है क्योंकि यह शक्ति उंगलियों के माध्यम से शरीर की चुंबकीयशक्ति को ग्रहण करने से होती है।

अपने अंदर की चुंबकीय शक्ति बढ़ाने के लिए त्राटक क्रिया सबसे अधिक प्रभावशाली होती है। त्राटक द्वारा अपनी चुंबकीय शक्ति आप दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करा सकते हैं। त्राटक कई प्रकार से किये जाते हैं, जैसे बिंदु त्राटक, दीपक त्राटक, चंद्रमा त्राटक, सूर्य त्राटक, तारा त्राटक आदि ।

पास क्रिया या शक्तिपात में उर्जा किस प्रकार से दूसरे के शरीर में जाती है ? How does energy enter the body of another in Shaktipat?

यदि कोई भी साधक पास क्रिया में दक्ष होता है तो वह अपनी शक्ति को दूसरे के शरीर में प्रवेश करा सकता है ।इसके लिए जिसको भी शक्ति देना होता है उसे अपने सामने बैठा दें। अब आप उस व्यक्ति के सामने खड़े हो जाएं और अपने हाथों को फैला दीजिए और जितना हो सके उतना उंगलियों को तान दीजिए, साथ ही उंगलियों पर अपनी नजर स्थिर करें ।मन में यह कामना करें कि शरीर की चुंबकीय शक्ति उंगलियों से प्रवाहित हो रही है और दूसरे शरीर में बढ़ रही है।

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जब आपकी शक्ति दूसरे में प्रवेश कर रही होती है उस समय आपकी उंगलियों में एक तीव्र झनझनाहट होती है जब यह झनझनाहट अनुभव करेंगे तो एक विचित्र प्रकार की झनझनाहट पूरे शरीर में फैलने लगती है।

जब यह झनझनाहट तीव्र हो जाए तो आप अपने हाथों की उंगलियों को सामने व्यक्ति की सिर पर रख दीजिए और अपनी मन में यह भावना उत्पन्न न करें कि आपकी चुंबकीय शक्ति उंगलियों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर रही है और यह भी माध्यम को भावना दें कि वह शक्ति को ग्रहण कर रहा है और उसके शरीर में भी धीरे-धीरे झनझनाहट की अनुभूति हो रही है।

जब आप की शक्ति अगले के शरीर में प्रवेश कर चुकी होती है तब आप की झनझनाहट समाप्त हो जाती है और अपने को हल्का महसूस करते हैं। अर्थात आप जितनी चुंबकीय शक्ति पास देने की क्रिया से शक्ति थी उतनी माध्यम को दे दी है।! यह पोस्ट आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है !

यदि उसी व्यक्ति को पुनः शक्ति देना चाहते हैं तो इसी प्रकार प्रयोग कर सकते हैं। इस पास क्रिया द्वारा आप किसी भी व्यक्ति को अपनी शक्ति देकर उसे रोग मुफ्त और ताकतवर बना सकते हैं या फिर किसी को दिव्य दृष्टि दे सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर वेदव्यास ने इसी क्रिया द्वारा महाभारत के युद्ध के दौरान धृतराष्ट्र के मंत्री संजय को दिव्य दृष्टि दिया था।

किसी को पास क्रिया कितनी बार दे सकते ?

पास क्रिया द्वारा किसी को पास देने के लिए लगभग 10 से 15 मिनट समय लगता है इसलिए एक दिन में दो या तीन बार से ज्यादा पास देने की क्रिया नहीं करनी चाहिए।

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