Shani amavasya ka mahatva kya hai? तंत्र के हिसाब से शनि अमावस का दिन तांत्रिकों के लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखता है और बहुत से साधक इस दिन शक्ति को प्राप्त करने के लिए विशेष प्रकार की साधना करते हैं तथा जिन लोगों को हमेशा नेगेटिव विचार आते रहते हैं उन लोगों को इस दिन साधना अवश्य करनी चाहिए| शनि अमावस्या का महत्व क्या है?
क्योंकि इस दिन उनका सारा ध्यान सिर्फ अपनी साधना में ही लगता है, अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रहण योग है या फिर उसकी कुंडली में शनि का प्रभाव नीच है, तो ऐसे में उसको इस दिन अपने घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए| Shani amavasya kya hai?
साथ ही उसे अपने घर में ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए, इसके अलावा जिसकी कुंडली में ग्रहों का बल कम हो उन्हें भी इस दिन ज्यादा बाहर नहीं घूमना चाहिए, साथ ही सनी अमावस के दिन कोई भी नया काम नहीं करना चाहिए| अब आप यह अवश्य सोच रहे होंगे कि जब शनि अमावस के दिन कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए तो यह दिन इतना खास क्यों है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह दिन दैवीय कृपा पाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है|
और जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा पाठ करता है, उसके ऊपर शनि भगवान की कृपा होती है, इस दिन का इतना महत्व क्यों है यह जानने से पहले आइए जान लेते हैं कि शनि देवता कौन है|
शनि देव कौन है ? Who Is Shani Dev
वैसे तो हमारे हिंदू धर्म में अनेक ग्रह है जिसका शुभ और अशुभ परिणाम समय-समय पर देखने को मिलता है परंतु शनि एक ऐसा ग्रह है जिसको सभी हमेशा नकारात्मक रूप से ही लेते हैं|
परंतु जैसा शनिदेव की छवि बनाई गई है शनि देव वास्तव में वैसे नहीं है, हमारे हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता देवता कहा गया है और मनुष्य जो भी पाप या पुण्य करता है उसका फल शनि देव के द्वारा ही दिया जाता है|
इसीलिए शनि देव को ब्रह्मांड का जज भी कहा जाता है, इस दुनिया पर जन्म लेने वाला हर व्यक्ति जो भी सुख दुख या फिर कष्ट प्राप्त तो करता है है उसका कामकाज शनिदेव ही देखते हैं| जैसे अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या फिर शनि की ढैया का प्रभाव हो जाता है तो उस व्यक्ति का जीवन नर्क बन जाता है, उसे तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है|
यह समस्याएं स्वास्थ्य से लेकर आर्थिक तक की होती है परंतु अगर सही समय पर शनि दोष निवारण उपाय किया जाए तो व्यक्ति की जिंदगी में काफी सुधार हो सकता है और वह शनि के प्रकोप से बच सकता है|
एक व्यक्ति अपनी जिंदगी में जो भी पाप करता है उसका दंड उसे इसी जीवन में या फिर आने वाले जीवन में भोगना पड़ता है तो क्या सिर्फ शनिदेव की पूजा या फिर आराधना करने से ही आपके पाप कम हो जाएंगे? क्या ऐसा करने से आप उस पाप के दंड से बच जाएंगे? बिल्कुल भी नहीं|
जैसे बहुत से लोग यह सोचते हैं कि अगर वह इस जन्म में किसी जीव की हत्या कर देते हैं और उसके बाद शनिदेव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करके अपने पापों को कम करने का आग्रह करते हैं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा, आपको अपने कर्मों का दंड भोगना ही पड़ेगा,हां पर आप जो भी अच्छे कर्म करेंगे, उससे आपका दर्द कम हो जाएगा|
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि का दोष हो जाता है तो उसे भयंकर कष्ट झेलने पड़ते हैं और उस कष्ट को दूर करने के लिए और उस कष्ट से लड़ने के लिए मजबूत होने के लिए व्यक्ति कई उपाय करता है,आइए जान लेते हैं|
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शनि अमावस के दिन इनकी पूजा करनी चाहिए? Whom to worship shani dev
जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि की खराब दशा है उसे शनि अमावस के दिन शनि की शांति अवश्य करनी चाहिए, शनि की शांति करने के लिए शनि अमावस के दिन उस व्यक्ति को उपवास रखना चाहिए और शनि की वस्तुओं का दान करना चाहिए|
इसके साथ ही शनि की वस्तुओं का दान उन जातकों को नहीं करना चाहिए जिनकी कुंडली में शनि शुभ है, इसके साथ ही अगर किसी की कुंडली में पित्र दोष है तो उसे भी शनि अमावस के दिन पित्र शांति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए|
अगर कोई व्यक्ति काले जादू से परेशान हैं तो उसे इस दिन विशेष पूजा के द्वारा मुक्ति प्राप्त करना संभव है, साथ ही जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैया है उसे भी इस दिन शनि की पूजा अवश्य करनी चाहिए और अगर किसी व्यक्ति को कुछ भी समझ ना आ रहा हो, उसके सारे रास्ते बंद हो गए हो तो शनि अमावस के दिन अपने सर से उतारा करके उसे अपने घर के कुल देवता की पूजा करनी चाहिए|
और उससे अपने जीवन में सुख शांति देने के लिए अरदास लगानी चाहिए, आइए अब आगे जानते हैं एक बहुत ही आसान तरीका शनिदेव की पूजा करने का|
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शनि देव की पूजा कैसे करें ? How to worship shani dev
शनिदेव की पूजा करने के लिए रोज सुबह जल्दी उठे और दैनिक क्रियाओं को करके निवृत हो लें, उसके बाद आसन बिछाकर संकल्प लें कि आप जो भी पूजा कर रहे हैं वह अपनी परेशानियों से मुक्त होने के लिए कर रहे हैं|
इसके बाद शनि देव, शनि यंत्र के सामने धूप दीप लगा दें और शनि देव को नैवेद्य अर्पित करें, साथ ही उनके सामने सरसों के तेल का दिया जलाएं,इसके बाद आपको कम से कम 11000 बार शनि भगवान के मंत्रों का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करना है|
और उनसे अपनी परेशानियों को दूर करने की अरदास लगानी है, इसके बाद जो चीजें आपने दान करने के लिए रखी थी उन्हें ले जाकर जरूरतमंद लोगों को दान कर दे| इस तरह से आप बहुत ही आसानी से अपनी परेशानियों से मुक्त हो जाएंगे, इसीलिए आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है, हमने आपको ऊपर जो विधि बताई है|
अगर आप उस तरह से शनिदेव की पूजा करते हैं तो निश्चित ही आपके जीवन में सुधार आएगा,शनिदेव की पूजा करके आप कर्जे से मुक्ति पा सकते हैं| शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी आजादी पा सकते हैं, इसके अलावा अगर आपके व्यापार में कोई रुकावट आ रही है तो वह भी शनिदेव की पूजा करने से दूर हो जाएगी, साथ ही आपके घर में सुख शांति और आर्थिक तरक्की होगी|