Sarir bandhne ka mantra : हमने इस वेबसाइट पर शरीर बांधने के मंत्र के बारे में 2 भाग लिख चुके हैं जिसे आप पढ़ सकते हैं,आइए आज के इस तीसरे भाग में हम आपको शरीर बांधने के मंत्र के बारे में कुछ अन्य मंत्र की जानकारी देते हैं.
आज के इस आर्टिकल में हम आपको शरीर बांधने के मंत्र के बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगर आप इंटरनेट पर यह सर्च करते रहते हैं कि शरीर बांधने का मंत्र क्या है या फिर देह रक्षा मंत्र क्या है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इसमें हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं.
अगर आप एक साधक हैं या फिर आप तंत्र मंत्र की क्रिया से जुड़े हुए हैं तो आपने कभी ना कभी शरीर बांधने के मंत्र के बारे में अवश्य सुना होगा, अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि आज आप इसके बारे में जान जाएंगे. जो लोग तंत्र मंत्र के मार्ग मे होते हैं उनके पास देह रक्षा मंत्र या शरीर रक्षा मंत्र सिद्व होता है। देह रक्षा मंत्र का अर्थ है शरीर की रक्षा या देह की रक्षा.
बहुत से लोग यह चाहते हैं कि वह दूसरी ताकतों से अपने शरीर की रक्षा कर सकें, जैसे अगर कोई व्यक्ति भूत प्रेत की साधना करता है तो कुछ गलतियां होने पर भूत उस साधक की जान भी ले सकता है. ऐसी स्थिति में साधक साधना चालू करने से पहले अपने शरीर को किसी सिद्ध मंत्र के द्वारा बांध देता है जिसके बाद भूत चाह कर भी गलती होने पर भी साधक का कुछ नुकसान नहीं कर पाता.
इसी तरह तांत्रिक साधना देवी देवताओं की साधना में भी शरीर रक्षा मंत्र का इस्तेमाल किया जाता है,हमारे ख्याल से अभी तक आप यह समझ गए होंगे कि शरीर रक्षा मंत्र का इस्तेमाल क्यों किया जाता है चलिए अब आगे जानते हैं कि शरीर रक्षा मंत्र कौन-कौन से हैं.
शरीर बांधने के लिए सबसे सरल शरीर रक्षा मंत्र
नीचे दिए गए मंत्रों को आपको मंगलवार के दिन किसी भी हनुमान मंदिर के अंदर जाकर जाप करना है, आपको इस मंत्र का 1008 बार जाप करना है और जाप पूरा होने के बाद आपको 7 बार मंत्र पढ़कर अपनी हथेली पर फूंक मारना है और फिर अपने हाथ को अपने शरीर पर फिरा लेना है.
अगर आप इस मंत्र का इस्तेमाल करके अपने चारों तरफ सुरक्षा चक्र का निर्माण करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इस मंत्र को 11 बार पढ़ना है और फिर चाकू पर फूंक मारकर उसी चाकू से आपको अपने चारों तरफ सुरक्षा घेरा का निर्माण करना है परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंत्र का इस्तेमाल करने से पहले गुरु मंत्र सिद्ध होना जरूरी है.
ॐ नमों आदेश गुरू को आदेश जय हनुमान वीर महान करथों तोला प्रनाम,
भूत–प्रेत मरी–मशान भाग जाय तोर सुन के नाम, मोर शरीर के रक्षा करिबे
नही तो सिता भैया के सैया पर पग ला धरबे, मोर फूके मोर गुरू के फुके
गुरू कौन गौर महादेव के फूके जा रे शरीर बँधा जा।
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शरीर बांधने के लिए हनुमान जी का शाबर मंत्र
नीचे हम आपको हनुमान जी का साबर मंत्र दे रहे हैं, इसकी सहायता से आप अपने शरीर की रक्षा कर सकते हैं, इस मंत्र का इस्तेमाल करने के लिए आपको इस मंत्र को पढ़ने के बाद अपने चारों ओर चाकू से घेरा बना लेना है, हालांकि इस मंत्र का इस्तेमाल करने के पहले इसे सिद्ध करना आवश्यक है और इसकी विधि आप अपने गुरु से प्राप्त कर सकते हैं.
ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
शरीर की रक्षा के लिए हनुमान जी के मंत्र की सिद्ध विधि
नीचे दिए गए मंत्र का इस्तेमाल करने से पहले आपको इस मंत्र को सिद्ध करना है, इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको मंगलवार के दिन से चालू करना है.
मंगलवार के दिन आपको हनुमान जी के मंदिर जाना है और उनकी पूजा करने के बाद उनके सामने ही बैठकर हल्दी की माला से इस मंत्र का रोजाना 1 घंटे तक लगातार 21 दिनों तक जाप करना है और जब आपको इस मंत्र का इस्तेमाल करना हो तो इस मंत्र को अपनी हथेली पर सात बार पढ़कर अपनी हथेली पर आपको फूंक मारनी है और फिर अपने हाथ को आपको अपने शरीर पर फिरा लेना है.
ओम ब्रह्रा शुद्र समस्त मम देह आबध आबध वज्र देह फट
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शरीर की रक्षा के लिए मंत्र सिद्धि
इस मंत्र को भी इस्तेमाल करने के लिए आपको सबसे पहले इसे सिद्ध करना होगा, इसके लिए आपको किसी भी दिन 1008 बार इस मंत्र का हल्दी की माला से जाप करना होगा, उसके बाद आप इस मंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं.
परंतु इसको इस्तेमाल करने के पहले आपको 11 आहुति देनी होगी, उसके बाद इस मंत्र का इस्तेमाल करने के लिए आपको 11 बार इस मंत्र को चाकू के ऊपर पढ़ना है और फिर उसी चाकू से आपको अपने चारों तरफ घेरा बना देना है, इसके बाद आप अपनी साधना बिना किसी चिंता के कर सकते हैं.
दाएं बांध बाए बांध उपर बांध नीचे बांध
आप बांध चाप बांध
आंख कान नाक बांध
हाथ बांध पांव बांध
शत्रु का सारा शरीर बांध।
बजरंग बली का मंत्र | Mantra of Bajrang Bali
आपको इस मंत्र को रोजाना 21 बार नहा धोकर जाप करना है, इसकी शुरुआत आपको मंगलवार के दिन से करनी है, कुछ ही दिनों के लगातार जाप से यह मंत्र काफी ज्यादा प्रभाव दिखाने लगेगा और जब आपको इसका इस्तेमाल करना हो तो लाल धागे पर आपको 7 गांठ लगानी है और हर गांठ पर आपको 3 बार मंत्र बोलना है.
अकवन बीरा कचवन पात गात बांधों ।।
छे दिन नौ रात लोहे की कोठरी बज्र
किवाड़ उसमे राखो आपन पांचो पिंड ।।
और प्राण ,कोई खोले ना खुले कोई खोले
छाती फाट मरे जान जी से जाय ।।
ततवा खार नहाय आ गये परदेश ।
जिया जान से दुहाई बजरंग बली की ।।
भैरव बाबा का देह रक्षा मंत्र | Bhairav Baba mantra
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको होली या दिवाली का दिन पसंद करना होगा और होली या दिवाली के दिन हल्दी की माला से आपको 108 बार जाप करके इस मंत्र को सिद्ध करना होगा और इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको 7 बार इस मंत्र को पढ़ते हुए अपनी हथेली पर फूक मारनी है और उसके बाद अपनी हथेली से आपको अपने पूरे शरीर पर फेरा लगाना है.
चेत सूना सान औंधी खोपड़ी मरघटिया मसान
बांध दे बाबा भैरों की आन ।।
-: चेतावनी disclaimer :-
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