शत्रु नाश के लिए चौपाई | Shatru Nash ke liye chaupai : दोस्तों दुनिया में हर व्यक्ति का कोई ना कोई दुश्मन जरूर हो जाता है और कुछ दुश्मन ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को हर वक्त नुकसान पहुंचाने को सोचते रहते हैं मौका पड़ने पर उनका नुकसान करते ही हैं ऐसी स्थिति में व्यक्ति जब परेशान होता है तो वह अपने शत्रु नाश के लिए उपाय ढूंढने लगता है.
दोस्तों आइए हम आपको तुलसीदास कृत रामचरितमानस में शत्रु नाश के लिए चौपाई के बारे में बताते हैं. राम और रावण के विषय में दुनिया का हर व्यक्ति जानता है लेकिन वह यह भी जानता है कि राम और रावण में जब युद्ध हुआ तो राम ने अपने शत्रु विनाश के लिए कुछ ऐसे मंत्रों का प्रयोग किया था.
जिससे रावण जैसे बड़े शत्रु का नाश करने में सफल हुए और यही मंत्र तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में चौपाई के रूप में लिखा है जिन्हें शत्रु नाश के लिए चौपाई माना जाता है. इन चौपाइयों को सिद्ध कर लेने से हम किसी भी प्रकार से अपने शत्रुओं को क्षणभर में नष्ट कर सकते हैं.
- 1. शत्रु नाश के लिए चौपाई | Shatru Nash ke liye chaupai
- 1.1. 1. प्रथम चौपाई शत्रु को मित्र बनाने के लिए
- 1.2. 2. दूसरी चौपाई शत्रुता और शत्रु नाश के लिए
- 1.3. 3. शत्रु से मुकदमा जीतने की चौपाई
- 1.4. 4. शत्रु का सामना करने के लिए चौपाई
- 1.5. 5. शत्रु से वाद-विवाद जीतने की चौपाई
- 1.6. 6. शत्रु नाश के लिए चौपाई सिद्ध करने की विधि
- 1.7. 7. चौपाई सिद्ध करने के लिए आवश्यक सामग्री
- 2. मनुष्य के अंदर के शत्रु नाश के लिए चौपाई
- 2.1. 1. संपत्ति समस्या के लिए चौपाई
- 2.2. 2. सर्वबाधा निवारण चौपाई
- 2.3. 3. विपत्ति नाश के लिए चौपाई
- 2.4. 4. रोगों से मुक्ति के लिए चौपाई
- 3. आजीविका के लिए चौपाई | Aajivika ke liye chaupai
- 3.1. 1. संकटों को नाश करने के लिए चौपाई
- 3.2. 2. अकाल मृत्यु से बचने के लिए चौपाई
- 4. FAQ: शत्रु नाश के लिए चौपाई
- 4.1. रामायण शुरू करने से पहले क्या बोलना चाहिए ?
- 4.2. रामायण में प्रथम चौपाई कौन सी है ?
- 4.3. जीत के लिए कौन सी चौपाई है ?
- 5. निष्कर्ष
शत्रु नाश के लिए चौपाई | Shatru Nash ke liye chaupai
दोस्तों रामायण में राम और रावण प्रमुख पात्र हैं जो एक दूसरे के लिए शत्रु हैं पूरी रामायण में केवल रावण ही एक ऐसा व्यक्ति था जो राम का सबसे बड़ा शत्रु है और अपनी सबसे बड़े शत्रु का नाश करने के लिए राम ने कई ऐसे उपायों को अपनाया जिससे रावण जैसे व्यक्ति को मार कर जनकल्याण किया.
परंतु आज के दौर में हर व्यक्ति के कई दुश्मन खड़े हैं जो एक दूसरे का नुकसान करते रहते हैं और दूसरा व्यक्ति उनसे परेशान रहता है तब उसके मन में अपने शत्रु को नाश करने के लिए उपाय ढूंढना पड़ता है. हालांकि कई लोग आज के समय में शत्रु नाश के लिए चौपाई का प्रयोग नहीं करते बल्कि कुछ ऐसे शस्त्रों का प्रयोग करते हैं जिससे एक कानूनी अपराध हो जाता है.
परंतु सतयुग त्रेता युग और द्वापर जैसे समय में आज के जैसे अस्त्र-शस्त्र नहीं थे और जो शस्त्र उनके पास थे वह दिव्य शस्त्र कहे जाते थे, जिनका प्रयोग शत्रु नाश के लिए किया जाता रहा है.इसके साथ-साथ कई ऐसे मंत्र भी बनाए गए जिनको सिद्ध करने के बाद किसी भी प्रकार के बड़े से बड़े शत्रु का नाश पल भर में किया जा सकता था. त्रेता युग में राम ने लंका विजय के समय रावण को मारने के लिए इन्हीं चौपाइयों अर्थात मंत्रों का प्रयोग किया था.
उन्हीं मंत्रों को तुलसीदास जी ने रामायण में चौपाई में लिखा जिनको आज भी सिद्ध करने के बाद बिना अस्त्र-शस्त्र उठाए शत्रु को नाश किया जा सकता है आइए हम शत्रु नाश की उन ही चौपाइयों को यहां पर आपके सामने अपने लेख के माध्यम से दे रहे हैं.
1. प्रथम चौपाई शत्रु को मित्र बनाने के लिए
राम ने राम चरित्र मानस में अपने कई शत्रु को मित्र बनाया और इन शत्रु को मित्र बनाने के लिए इस चौपाई का उपयोग कर सकते हैं. इन चौपाइयों को सिद्ध करने और प्रयोग करने के बाद आपका शत्रु जब मित्र बन जाएगा तो आपका अहित नहीं करेगा.
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई।
गोपद सिंधु अनल सितलाई॥बयरु न कर काहू सन कोई।
राम प्रताप विषमता खोई॥
2. दूसरी चौपाई शत्रुता और शत्रु नाश के लिए
दोस्तों रामायण में राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न चारों भाइयों के नाम उनके अंदर की विशेषता के आधार पर रखे गए थे जिसमें शत्रुघ्न का नाम शत्रुओं का नाशकरने के लिए सार्थक है और इसी क्रम में शत्रुता और शत्रु को नाश करने के लिए रामचरितमानस में चौपाई लिखी गई है.
जाके सुमिरन तें रिपु नासा।
नाम सत्रुहन बेद प्रकासा॥”
3. शत्रु से मुकदमा जीतने की चौपाई
दोस्तों हर व्यक्ति के शत्रु भी अलग-अलग तरह के होते हैं कोई जमीन जायदाद के लिए शत्रु बन जाता है कोई स्त्री के लिए शत्रु बन जाता है कोई जीवन के लिए शत्रु बन जाता है ऐसे में अगर आपका शत्रु आपके ऊपर मुकदमा कायम कर देता है तो उससे मुकदमा जीतने के लिए इस चौपाई का जाप करके सिद्ध करें और मुकदमे में जीत हासिल करें.
पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥
4. शत्रु का सामना करने के लिए चौपाई
कभी न कभी कोई शत्रु हमारे सामने आ जाता है और हम पर हमला करने का प्रयास करता है या हमारा प्रत्यक्ष नुकसान करने का प्रयास करता है ऐसे में उससे बचने के लिए इस चौपाई का प्रयोग करें.
कर सारंग साजि कटि भाथा।
अरिदल दलन चले रघुनाथा।।
5. शत्रु से वाद-विवाद जीतने की चौपाई
कभी-कभी शत्रु से वाद-विवाद हो जाता है और उस वाद-विवाद में हम हार सकते हैं ऐसे में अपनी हार को जीत में बदलने के लिए इस चौपाई का उपयोग करें.
“तेहि अवसर सुनि सिव धनु भंगा।
आयउ भृगुकुल कमल पतंगा॥”
6. शत्रु नाश के लिए चौपाई सिद्ध करने की विधि
दोस्तों रामचरितमानस में लिखी गई चौपाइयां एक मंत्र की भांति हैं जिनका प्रयोग सिद्ध करने के बाद ही सफल हो सकता है ऐसे में अगर आप अपने शत्रु नाश के लिए चौपाई सिद्ध कर रहे हैं तो आपको चौपाइयों को सिद्ध करने की विधि यहां पर बता रहे हैं.
इन चौपाइयों को रामनवमी के दिन सिद्ध किया जाता है इसके लिए आपको रामनवमी के दिन एक छोटा सा हवन कुंड बनाकर रात्रि 10:00 बजे के बाद सिद्ध करना प्रारंभ करें.
7. चौपाई सिद्ध करने के लिए आवश्यक सामग्री
शत्रु नाश के लिए चौपाई सिद्ध करने के लिए आपको सबसे पहले कुछ सामग्रियां लेना आवश्यक है क्योंकि इन्हीं सामग्रियों के द्वारा हवन कुंड में हवन करना है और प्रत्येक चौपाई को सिद्ध करना है इसके लिए आप नीचे दी जा रही सामग्रियों को एकत्र करें.
- शुद्ध देसी घी
- तिल
- चीनी
- जौ
- चंदन का बुरादा
- शुद्ध केसर
- नागर मोथा
- कपूर
- पंचमेवा
- अगर तगर
इन सभी सामग्रियों को आपस में मिला लें सामग्री कम से कम एक सेर होना आवश्यक है इसके अलावा आप सामग्री को कम या ज्यादा भी ले सकते हैं लेकिन ध्यान रहे की हवन करते समय 108 बार आहुति देना ही होता है अर्थात समस्त सामग्री को 108 बार में हवन कुंड में डालें.
उपरोक्त सभी सामग्री को अपने पास लेकर बैठे और हवन कुंड में जिस चौपाई को सिद्ध कर रहे उस चौपाई को पढ़ें और सामग्री को आहूत करें. 108 बार इस चौपाई को पढ़े और सामग्री को आहूत करें जिससे आप की चौपाई सिद्ध हो जाएगी. चौपाई पढ़ने के बाद स्वाहा जरूर बोलें. शत्रु नाश के लिए चौपाई सिद्ध करते समय कुश के आसन पर बैठे तथा शुद्ध साफ सूती वस्त्र पहने.
मनुष्य के अंदर के शत्रु नाश के लिए चौपाई
दोस्तों एक मनुष्य का केवल मनुष्य ही शत्रु नहीं है बल्कि उसके अंदर कई सारे शत्रु छिपे होते हैं इन शत्रु विनाश के लिए चौपाई रामायण में उद्धृत की गई इन चौपाइयों के द्वारा भी हम अपने अंदर के शत्रुओं का विनाश कर सकते हैं. आइए मनुष्य के अंदर छिपे हुए शत्रु के नाश के लिए चौपाई यहां पर लिख रहे हैं.
1. संपत्ति समस्या के लिए चौपाई
व्यक्ति के लिए संपत्ति भी बहुत बड़ा शत्रु है जिस किसी के पास धन दौलत नहीं होती है और गरीबी उसका एक शत्रु बन जाती है तो ऐसे में गरीबी जैसे शत्रु को नष्ट करने के लिए रामचरितमानस की इस चौपाई को सिद्ध करें.
‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।
2. सर्वबाधा निवारण चौपाई
मनुष्य के जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं जिससे उसके कई काम बिगड़ जाते हैं जो एक शत्रु के समान ही होती हैं इन बाधाओं को दूर करने के लिए इस चौपाई को सिद्ध करें.
‘कवन सो काज कठिन जग माही।
जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
3. विपत्ति नाश के लिए चौपाई
मनुष्य के जीवन में कई प्रकार की विपत्तियां उसका पीछा नहीं छोड़ती हैं और व्यक्ति विपत्ति जैसे शत्रु से परेशान होकर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेता है ऐसे में विपत्तियों को नाश करने के लिए रामचरित मानस की चौपाइयों को सिद्ध करें.
राजीव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भंजन सुखदायक।।
4. रोगों से मुक्ति के लिए चौपाई
मनुष्य के शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उसका शत्रु बन जाते हैं इन रोगों को दूर करने के लिए इस चौपाई को सिद्ध करें.
दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।
आजीविका के लिए चौपाई | Aajivika ke liye chaupai
जी हां दोस्तों मनुष्य के जीवन में जीविका को चलाना भी बड़ा कठिन होता है वह अपना और अपने परिवार का पालन पोषण अभाव में कर पाता है ऐसे में इस चौपाई को सिद्ध करें आजीविका के रास्ते खुल जाएंगे.
बिस्व भरन पोषन कर जोई।
ताकर नाम भरत असहोई।।
1. संकटों को नाश करने के लिए चौपाई
अगर आपके जीवन में निरंतर संकट ही बने रहते हैं जिससे आपका जीना दुश्वार होता जा रहा है तो रामचरितमानस की इन चौपाइयों को सिद्ध करें संकटों से छुटकारा पाएंगे.
जो प्रभु दीनदयालु कहावा।
आरति हरन बेद जसु गावा।।जपति नामु जन आरत भारी।
मिटङ्क्षह कुसंकट होहीं सुखारी।।दीनदयाल बिरिदु संभारी।
हरहुनाथ मम संकट भारी।।
2. अकाल मृत्यु से बचने के लिए चौपाई
अगर आप अकाल मृत्यु से बचना चाहते हैं तो रामचरितमानस की यह चौपाइयां आपको इस अकाल मृत्यु से बचा सकती है इन्हें सिद्ध करें.
नाम पाहस दिवस निसि ध्यान तुम्हारा कपाट।
लोचन निज पढज़ंत्रित जाङ्क्षह प्रान केहिं बाट।।
FAQ: शत्रु नाश के लिए चौपाई
रामायण शुरू करने से पहले क्या बोलना चाहिए ?
रामायण में प्रथम चौपाई कौन सी है ?
जीत के लिए कौन सी चौपाई है ?
निष्कर्ष
दोस्तों हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से रामचरितमानस में लिखित शत्रु नाश के लिए चौपाई के बारे में बताया है इसके साथ साथ हैं अन्य कुछ ऐसी चौपाइयों का भी उद्धरण किया है जो आपके जीवन में अपने ही अंदर के कई प्रकार के शत्रु को दूर कर सकते हैं.