नवरात्रि के 5वें दिन स्कंदमाता मंत्र और संपूर्ण पूजा विधि-विधान एवं लाभ | skanda mata mantra

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स्कंदमाता मंत्र | Skandmata Mantra : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए लेख में आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से skanda mata mantra के बारे में बताने वाले हैं वैसे तो आप सभी लोग नवरात्रि त्यौहार के बारे में जानते ही होंगे नवरात्रि के त्यौहार में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं पहला नवरात्रि का त्यौहार चैत्र के महीने में आता है और दूसरा अश्विन मास के महीनों में नवरात्रि का त्यौहार होता है.

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आज हम आपको नवरात्रि में की जाने वाली देवियों की पूजा में से स्कंद माता के बारे में बताएंगे मां दुर्गा के पांचवे स्वरुप को स्कन्द माता कहा जाता है इन्हें “कुमार कार्तिकेय” के नाम से भी जाना जाता है यह भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें दुर्गा के पांचवे स्वरुप स्कन्द माता का नाम दिया गया था नवरात्रि के दिनों में पांचवे दिन इनकी पूजा और उपासना की जाती है नवरात्रि के पांचवा दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित रहता है.

माँ स्कंदमाता की उपासना करने से व्यक्ति को संतान सुख मोक्ष की प्राप्ति सुख – शांति धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है भक्तों की भक्ति से माता प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करती हैं। इसीलिए आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से skanda mata mantra के बारे में बताएंगे .

इसके अलावा इन से जुड़े सभी मंत्र कवच और स्त्रोत के बारे में जानकारी देंगे अगर आप लोग स्कन्द माता के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को इनके बारे में संपूर्ण जानकारी हो सके और आप इनके मंत्रों का सही प्रकार से उच्चारण कर सकें।

स्कंदमाता कौन है ? | Skanda Mata Kaun hai ?

मां दुर्गा के नव रूप हैं और नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है उन्हीं में से पांचवा दिन स्कंदमाता का होता है स्कंदमाता को कुमार कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है यह भगवान स्कंद की माता होने के कारण दुर्गा के पांचवें स्वरूप को संभालती हैं नवरात्रि के पांचवे दिन इनकी पूजा उपासना की जाती है नवरात्रि के पांचवे दिन इनकी पूजा में साधक का मन विशुद्ध चक्र में चलता है यह सभी के लिए शुभ होता है.

durga

स्कंदमाता कमल पर विराजमान है इसीलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है स्कंदमाता की सवारी सिंह है शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि के पांचवे दिन इनकी पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है तो चलिए अब हम आपको स्कंदमाता की मंत्रों के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हैं और उन मंत्रों का जाप कैसे करना है यह भी विस्तार से बताते हैं।

माँ स्कंदमाता के पूजन का महत्व | Skanda Mata ke Pujan ka mahatva

वैसे तो आप सभी लोग जानते हैं कि नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है उसी प्रकार पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है स्कंदमाता को कुमार कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है अगर कोई भी व्यक्ति स्कंदमाता की उपासना और आराधना करता है तो उसे बुध ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती।

विधि-विधान पूर्वक स्कंदमाता की पूजा और उपासना करने से मनुष्य को धन लाभ होता है और उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है संतान की इच्छा से परिपूर्ण रहता है मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति प्राप्त होती है स्कंदमाता को एक ममता का प्रतीक माना जाता है स्कंदमाता अपने भक्तों की पुकार को सुनकर उनकी सभी इच्छाओं को पूर्ण कर देती है।

स्कंदमाता मंत्र | Skandmata Mantra

।। ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥

स्कंदमाता मंत्र विधि

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति स्कंदमाता के मंत्रों का सही से उच्चारण करना चाहता है और उसका संपूर्ण लाभ उठाना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को स्कंदमाता की आराधना सबसे पहले करनी है उसके पश्चात ही ऊपर दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करके इस मंत्र को सिद्ध करना है तभी आप को इसका लाभ प्राप्त होगा।

माँ स्कंदमाता स्तुति मंत्र | Maa Skandmata Stuti Mantra

स्कंद माता को प्रसन्न करने के लिए मंत्र के अलावा अगर आप स्कंद माता स्तुति मंत्र का जाप करते हैं तो यह आप से जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं इसीलिए आज हम आपको स्कंदमाता की संपूर्ण स्तुति के बारे में बताएंगे और यहां पर हम आपको संपूर्ण स्तुति भी देंगे।

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

स्कंदमाता प्रार्थना मंत्र | Skanda Mata prarthana Mantra

Durga

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति स्कंदमाता से किसी भी प्रकार की प्रार्थना करना चाहता है या फिर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए उनसे एक प्रार्थना करना चाहता है तो उसके लिए उस व्यक्ति को स्कंदमाता प्रार्थना मंत्र का जाप करना है अगर आप में से कोई भी व्यक्ति इस मंत्र का संपूर्ण भक्ति और साधना के साथ जाप करता है तो स्कंद माता प्रसन्न होकर सर्व कल्याण के लिए आशीर्वाद देती है।

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

माँ स्कंदमाता ध्यान मंत्र | Maa Skandmata Dhyan Mantra

नवरात्रि की पूजा में स्कंदमाता का ध्यान करने के लिए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करके आप स्कंदमाता का ध्यान करके उनके भक्ति में लीन हो सकते हैं अगर आप स्कंदमाता के चरणों में अपना पूरा ध्यान समर्पित करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मंत्र का जाप अवश्य करें।

वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा स्कन्दमाता यशस्विनीम्॥

धवलवर्णा विशुध्द चक्रस्थितों पञ्चम दुर्गा त्रिनेत्राम्।
अभय पद्म युग्म करां दक्षिण उरू पुत्रधराम् भजेम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल धारिणीम्॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां चारू त्रिवली नितम्बनीम्॥

स्कंदमाता स्तोत्र | Skandmata Stotra

Durga

वैसे तो नवरात्रि की पूजा में मां दुर्गा की पूजा की जाती है लेकिन 9 दिनों तक इनके अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है उसी प्रकार पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है पांचवे दिन इनकी आराधना और पूजा करने से अर्थात स्कंदमाता स्त्रोत का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है स्कंदमाता का यह स्त्रोत बहुत ही शक्तिशाली है अगर आप में से कोई भी व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ स्कंदमाता स्त्रोत का पाठ करता है तो उसे लाभ अवश्य प्राप्त।

नमामि स्कन्दमाता स्कन्दधारिणीम्।
समग्रतत्वसागरम् पारपारगहराम्॥

शिवाप्रभा समुज्वलां स्फुच्छशागशेखराम्।
ललाटरत्नभास्करां जगत्प्रदीप्ति भास्कराम्॥

महेन्द्रकश्यपार्चितां सनत्कुमार संस्तुताम्।
सुरासुरेन्द्रवन्दिता यथार्थनिर्मलाद्भुताम्॥

अतर्क्यरोचिरूविजां विकार दोषवर्जिताम्।
मुमुक्षुभिर्विचिन्तितां विशेषतत्वमुचिताम्॥

नानालङ्कार भूषिताम् मृगेन्द्रवाहनाग्रजाम्।
सुशुध्दतत्वतोषणां त्रिवेदमार भूषणाम्॥

सुधार्मिकौपकारिणी सुरेन्द्र वैरिघातिनीम्।
शुभां पुष्पमालिनीं सुवर्णकल्पशाखिनीम्
तमोऽन्धकारयामिनीं शिवस्वभावकामिनीम्।
सहस्रसूर्यराजिकां धनज्जयोग्रकारिकाम्॥

सुशुध्द काल कन्दला सुभृडवृन्दमज्जुलाम्।
प्रजायिनी प्रजावति नमामि मातरम् सतीम्॥

स्वकर्मकारणे गतिं हरिप्रयाच पार्वतीम्।
अनन्तशक्ति कान्तिदां यशोअर्थभुक्तिमुक्तिदाम्॥

पुनः पुनर्जगद्धितां नमाम्यहम् सुरार्चिताम्।
जयेश्वरि त्रिलोचने प्रसीद देवी पाहिमाम्॥

स्कंदमाता कवच | Skanda Mata Kavach

नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा में सभी मंत्रों का जाप करने के बाद स्तुति का पाठ करें उसके पश्चात स्त्रोत का पाठ करें उसके पश्चात स्कंदमाता कवच का पाठ करें यह कवच अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा गया है कि इस कवच का श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ पाठ करने से बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं.

Durga

इसके पश्चात अगर कोई भी व्यक्ति इस कवच का पाठ करने के साथ स्कंदमाता की उपासना करता है तो उस व्यक्ति को समस्त संकटों से रक्षा मिलती है स्कंदमाता कवच का पाठ समस्त परेशानियों से रक्षा पाने के लिए ही किया जाता है। इसके पश्चात इस कवच का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और उसके पश्चात स्कंदमाता की कृपा भी प्राप्त होती है। स्कंदमाता का संपूर्ण मंत्र कवच कुछ इस प्रकार है।

ऐं बीजालिंका देवी पदयुग्मधरापरा।
हृदयम् पातु सा देवी कार्तिकेययुता॥

श्री ह्रीं हुं ऐं देवी पर्वस्या पातु सर्वदा।
सर्वाङ्ग में सदा पातु स्कन्दमाता पुत्रप्रदा॥

वाणवाणामृते हुं फट् बीज समन्विता।
उत्तरस्या तथाग्ने च वारुणे नैॠतेअवतु॥

इन्द्राणी भैरवी चैवासिताङ्गी च संहारिणी।
सर्वदा पातु मां देवी चान्यान्यासु हि दिक्षु वै॥

स्कंदमाता की पूजा कैसे करें ? | Skanda Mata ki puja kaise kare ?

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति नवरात्रि की संपूर्ण पूजा करता है और नवरात्रि के नव दिन तक अलग-अलग देवियों की पूजा करता है तो उसी प्रकार नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की उपासना की जाती है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्कंदमाता को कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता हैं।

  1. स्कंदमाता की पूजा और उपासना करने के लिए नवरात्रि के पांचवे दिन चौकी पर इनकी प्रतिमा को स्थापित करें।
  2. उसके पश्चात गंगाजल से इन्हें स्नान कराएं और अपने आसपास की जगह को पवित्र कर।
  3. उसके पश्चात चौकी पर चांदी तांबे या फिर मिट्टी के घड़े को पानी भरकर कलश के तरीके से सजाकर रखे।
  4. उसके पश्चात पंचोपचार की विधि के द्वारा पूजा करें और चौकी पर श्री गणेश ,वरुण ,नवग्रह,षोडश ,मातृका सात सिंदूर की बिंदी लगाकर स्थापित करें।
  5. उसके बाद स्कंदमाता यानी कि नवरात्रि के पांचवे दिन व्रत करने का संकल्प करें और पूजा पाठ करें इनकी पूजा के लिए हमने आपको ऊपर संपूर्ण मंत्र , स्तुति और कवच दे दिया है इन सभी मंत्रों का जाप करके आप स्कंद माता को प्रसन्न करें।
  6. उसके पास स्कंदमाता को यह सभी चीजें अर्पित करें।
  7. आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

स्कंदमाता की आरती | Skanda Mata ki aarti

Durga

स्कंदमाता की संपूर्ण पूजा करने के बाद अर्थात उनकी स्तुति और आराधना कवच का पाठ करने के बाद स्कंद माता की आरती अवश्य पढ़ें।

जय तेरी हो स्कन्द माता।
पांचवां नाम तुम्हारा आता॥

सबके मन की जानन हारी।
जग जननी सबकी महतारी॥

तेरी जोत जलाता रहूं मैं।
हरदम तुझे ध्याता रहूं मै॥

कई नामों से तुझे पुकारा।
मुझे एक है तेरा सहारा॥

कही पहाड़ों पर है डेरा।
कई शहरों में तेरा बसेरा॥

हर मन्दिर में तेरे नजारे।
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे॥

भक्ति अपनी मुझे दिला दो।
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥

इन्द्र आदि देवता मिल सारे।
करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥

दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए।
तू ही खण्ड हाथ उठाए॥

दासों को सदा बचाने आयी।
भक्त की आस पुजाने आयी॥

पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़े

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥1॥

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि॥2॥

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे॥3॥

स्कंदमाता की पूजा के लाभ | Skanda Mata ki puja ke labh

recitation of durga saptashati

1. संतान की प्राप्ति

अपने किसी भी महिला को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना करें उसके पश्चात नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करें इनकी पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।

2. सुख समृद्धि

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा करता है और उनका व्रत रखता है तो ऐसे में उस व्यक्ति को सुख , शांति , समृद्धि की प्राप्ति होती है।

3. मोक्ष की प्राप्ति

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवे दिन पूजा-अर्चना करता है तो उस व्यक्ति को मरने से पहले मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष की प्राप्ति होने से व्यक्ति को नर्क है या फिर स्वर्ग लोक नहीं भेजा जाता फिर से कभी भी धरती पर जन्म नहीं मिलेगा।

4. धन प्राप्ति

नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा अर्चना करने से और उनके सभी मंत्रों का उच्चारण करने से धन की प्राप्ति होती है।

5. इच्छापूर्ति

अगर आप में से कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छाओं की पूर्ति करना चाहता है तो उसे नवरात्रि के दिनों में नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा करने से माता सभी प्रकार की इच्छाओं की पूर्ति कर देती है क्योंकि यह अपने भक्तों से जल्द ही प्रसन्न हो जाती हैं।

FAQ : skanda mata mantra

स्कंद माता का मंत्र कौन सा है ?

स्कंदमाता का यह सबसे शक्तिशाली मंत्र है इस मंत्र का जाप करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

स्कंदमाता का दूसरा नाम क्या है ?

स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान है इन का दूसरा नाम पद्मासना देवी है।

स्कंद माता के पुत्र का नाम क्या है ?

शास्त्रों के मुताबिक ऐसी कथा है जिसमें यह लिखा है कि स्कंदमाता के पुत्र का नाम कार्तिकेय था।

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से skanda mata mantra के बारे में बताया इसके अलावा स्कंदमाता की पूजा कैसे की जाती है इसका स्कंदमाता की पूजा करने के लाभ क्या है इसका स्कंदमाता की पूजा का महत्व क्या है इन सभी विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इन सभी विषयों के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी।

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