कालसर्प दोष के नुकसान : मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो अपने भाग्य और कर्म दोनों पर विश्वास करता है और जीवन में सफलता असफलता से जोड़ता रहता है यदि जीवन में वह सफल हो जाता है तो यह जान लेता है कि उसके भाग्य में ऐसा लिखा था वही जब असफल होता है तो वह अपने भाग्य को ही दोष देता है।
इस धरती पर मनुष्य सर्व बुद्धिमान और समझदार प्राणी है जो अपने भाग्य के विषय में जानकारी करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है और जब भी उसे कोई ज्योतिषी या भाग्य विचारक मिलता है तो उसे जीवन में होने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं की जानकारी करने लगता है।
धर्म शास्त्रों में मनुष्य के जीवन की भाग्य में विभिन्न प्रकार की ग्रहों से संबंधित दोषों का वर्णन किया गया है यह दोष मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं जहां एक और राशियां ग्रह होते हैं वहीं दूसरी ओर इनका शुभ और अशुभ परिणाम भी मिलता है।
जब कोई ग्रह व्यक्ति की कुंडली में कमजोर हो जाता है तो इसका दुष्प्रभाव दिखाई देता है और इसी प्रकार के दोषों में कालसर्प दोष भी एक दोष माना गया है जो प्रमुख रूप से राहु और केतु जैसे ग्रहों से जोड़ा गया है। जहां बात आती है कि कालसर्प दोष के नुकसान क्या है
इसकी पहचान कैसे करें,यह हमें किस प्रकार से प्रभावित करता है, कालसर्प दोष क्या है, इसके हमारे जीवन में क्या फायदे और क्या नुकसान है? आइए हम इन सभी प्रश्नों के जवाब अपने इस आर्टिकल में देने का प्रयास करते हैं।
- 1. कालसर्प दोष क्या है ?
- 2. कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है
- 3. कालसर्प दोष के नुकसान | Kaal sarp dosh ke nuksan
- 4. कालसर्प दोष दूर करने के उपाय
- 5. नव नात स्त्रोत का जाप करें जो इस प्रकार से है।
- 6. कालसर्प योग की शांति के लिए भगवान शिव के मंत्र का प्रतिदिन जप करें मंत्र इस प्रकार है
- 7. FAQ : कालसर्प दोष के नुकसान
- 7.1. कालसर्प दोष कब कब बनता है
- 7.2. कालसर्प दोष कितने साल तक प्रभावी होता है
- 7.3. कालसर्प दोष झूठ है या सच सही क्या है
- 8. निष्कर्ष
कालसर्प दोष क्या है ?
ज्योतिष के अनुसार जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं तो इस दौरान घटने वाली घटना कालसर्प दोष कहलाते हैं। मनुष्य की कुंडली में राहु केतु एक प्रभावी छाया ग्रह के रूप में होते हैं और अन्य ग्रह इन के बीच में जब आते हैं तो व्यक्ति के जीवन में अचानक से प्रभाव दिखाई देते हैं जिसे कालसर्प दोष की संज्ञा दी जाती है।
कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष 12 प्रकार के बताए गए हैं जो पूरे वर्ष मनुष्य के जीवन पर अपना अलग-अलग प्रभाव दिखाते रहते हैं 12 प्रकार के कालसर्प दोष इस प्रकार से हैं।
- अनंत कालसर्प योग
- कुलिक कालसर्प योग
- वासुकी कालसर्प योग
- शंखपाल कालसर्प योग
- पद्म कालसर्प योग
- महापदम कालसर्प योग
- तक्षक कालसर्प योग
- कर्कोटक कालसर्प योग
- शंखनाद कालसर्प योग
- पातक कालसर्प योग
- विषधर कालसर्प योग
- शेषनाग कालसर्प योग
कालसर्प दोष के नुकसान | Kaal sarp dosh ke nuksan
अगर आप कालसर्प दोष की पहचान करना चाहते हैं तो कुछ ऐसे प्रभाव दिखाई देते हैं जिनसे हम यह जान सकते हैं कि कालसर्प दोष प्रभावित हो रहा है कालसर्प दोष होने की स्थिति में व्यक्ति के जीवन में कई परेशानियां दिखाई देते हैं जो इस प्रकार से हैं।
- कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति को सपने में सर्प दिखाई देते हैं
- कभी-कभी सपनों में व्यक्ति की मृत्यु जैसे बुरे सपने भी दिखाई देते हैं।
- व्यक्ति को व्यापार में लगातार नुकसान होता है रहता है।
- मानसिक एवं शारीरिक रूप से परेशान रहता है अर्थात स्वास्थ्य ने दिक्कत हो जाती हैं।
- कालसर्प दोष होने की स्थिति में व्यक्ति के दुश्मन दिन प्रतिदिन बढ़ जाते हैं।
- धन हानि अधिक होती है यहां तक कि पैतृक संपत्ति भी नष्ट हो जाती हैं
- बुरे बुरे सपने देखने के कारण व्यक्ति शारीरिक रूप से परेशान हो जाता है और अनिद्रा जैसे रोग का शिकार हो जाता है।
- यदि किसी भी अच्छे कार्य में भी हाथ डालता है तो कहीं ना कहीं उसे कलंक लग जाता है।
- विवाह का देर से होना या ना होना अथवा वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना होता है।
- अचानक व्यक्ति को कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं जिससे वह पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है और कभी-कभी व्यक्ति के जीवन को समाप्त कर देते हैं।
- गर्भवती स्त्री का गर्भपात हो जाना या फिर जन्म लेने के बाद संतान का मर जाना जैसी घटनाएं होती हैं।
कालसर्प दोष दूर करने के उपाय
- कालसर्प दोष के नुकसान आपको कितना प्रभावित कर सकते हैं अगर सही मायने में देखा जाए तो कालसर्प दोष एक प्रकार का दोष नहीं है यह कुंडली में कभी अशुभ प्रभाव नहीं डालता है।
- फिर भी अगर कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो इसे दूर करने के लिए कई सारे उपाय भी हैं। सच में देखा जाए तो कालसर्प दोष किसी भी ज्योतिषीय विद्वान के द्वारा शांत नहीं किया जा सकता है और कोई इसकी गारंटी भी नहीं है इसका लाभ होगा।
- कालसर्प दोष निवारण के लिए विधिपूर्वक किसी योग्य अनुभवी ब्राह्मण अथवा ज्योतिषी के द्वारा कराए बगैर स्वयं पूजा पाठ करने से शांत हो जाता है आइए हम कुछ उपाय स्वयं करते हैं।
- कालसर्प दोष को हटाने के लिए नाग पंचमी के दिन महाशिवरात्रि के दिन अथवा किसी चंद्र या सूर्य ग्रहण के दिन शिव मंदिर में तांबे का या चांदी का नाग नागिन का जोड़ा चढ़ा दे।
- अनंत वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कंबल।शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।एतानि नवनामानि नागानां च महात्मानां सायंकालेपठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः
- नाग पंचमी के दिन या महाशिवरात्रि को राहु केतु के बीज मंत्र का 21000 बार जप करवाएं तथा हवन और पूजा करें।
- नाग गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला के साथ करें इससे कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है नाग गायत्री मंत्र इस प्रकार है।
‘‘ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात्’’
कालसर्प योग की शांति के लिए भगवान शिव के मंत्र का प्रतिदिन जप करें मंत्र इस प्रकार है
‘‘ॐ नमः शिवाय’’
- कुंडली में विभिन्न भाव में राहु केतु की स्थिति की जानकारी करें और उसी अनुसार विधिपूर्वक पूजा अर्चना करके कालसर्प दोष दूर करें।
कालसर्प दोष से बचने के लिए बुधवार के दिन नाग वाली अंगूठी को अभिमंत्रित करके कनिष्ठा उंगली में धारण करें। - कालसर्प दोष शांति के लिए शनि मंत्र का जाप करें और बुधवार के दिन काले वस्त्र में उड़द की दाल बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।
- कालसर्प दोष से बचने के लिए एक नाग की प्रतिमा बनाकर किसी शिव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित करवाएं।
- भैरव अष्टक स्त्रोत का पाठ करने से कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है।
- भगवान गणेश और माता सरस्वती जी की पूजा करें जिससे कालसर्प दोष शांत हो जाता है।
FAQ : कालसर्प दोष के नुकसान
कालसर्प दोष कब कब बनता है
कालसर्प दोष कितने साल तक प्रभावी होता है
कालसर्प दोष झूठ है या सच सही क्या है
निष्कर्ष
मनुष्य के जीवन में अनेकों अनेक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और जैसे ही किसी भी प्रकार की समस्या उसके सामने खड़ी होती है तो कहीं ना कहीं विभिन्न प्रकार के ग्रहों से संबंधित है दोस्त प्रभावी होते हैं। ऐसे में कालसर्प दोष भी जीवन को प्रभावित करता है और कालसर्प दोष के नुकसान भी होते हैं। जब भी किसी प्रकार का कालसर्प दोष हो तो उसका निवारण भी अनिवार्य हो जाता है क्योंकि ज्योतिष के अनुसार 12 प्रकार के कालसर्प दोष है तो इनका भी विधान भी अलग तरीकों से हैं।