काली विद्या कैसे सीखे Kali vidya kaise sikhe : दोस्तों आप सभी यह जानते हैं कि काली विद्या एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा व्यक्ति अपार सिद्धियां प्राप्त करता है हर एक सिद्धि के लिए एक अलग काली विद्या है जिसका उपयोग आज के समय में उतना ही प्रासंगिक है जितना आदिकाल में रहा है।
यह काली विद्या कैसे सीखें यह काली विद्या कौन सी हैं इनका क्या उपयोग है आदि बातों को जानने के लिए आप हमारा यह आर्टिकल अंत तक पढ़ें जिसमें हम आपको काली विद्या के संबंध में बहुत सी बातें बताने का प्रयास करेंगे।
दोस्तों हम जानते हैं कि तंत्र मंत्र की दुनिया में ऐसी अनेकों काली साधनाएं हैं जिनको सिद्ध करने के बाद हम अपने अंदर एक शक्ति के मालिक हो जाते हैं इन काली विद्याओं के अंतर्गत मारण उच्चाटन वशीकरण सम्मोहन जादू टोना नजर उतारना जैसी विद्याओं को रखा गया है।
- 1. काली विद्या क्या है ? | Kali vidya kya hai ?
- 2. काली विद्या कैसे सीखे ? | Kali vidya kaise sikhe ?
- 3. काली विद्या सीखने के नियम | Kali vidya sikhne ke niyam
- 3.1. 1. निडरता होना जरूरी है
- 3.2. 2. ईमानदार होना जरूरी
- 3.3. 3. गुरु का होना जरूरी
- 3.4. 4. ब्रह्मचर्य का पालन करें
- 3.5. 5. मंत्रों पर विश्वास होना जरूरी
- 3.6. 6. धैर्य का होना जरूरी
- 4. काली विद्या के अंतर्गत आने वाली साधनाएं
- 4.1. यक्षिणी साधना
- 5. यक्षिणी साधना के प्रकार
- 5.1. 1. सुर सुन्दरी यक्षिणी
- 5.2. 2. मनोहारिणी यक्षिणी
- 5.3. 3. कनकावती यक्षिणी
- 5.4. 4. कामेश्वरी यक्षिणी
- 5.5. 5. रति प्रिया यक्षिणी
- 5.6. 6. पदमिनी यक्षिणी
- 5.7. 7. नटी यक्षिणी
- 5.8. 8. अनुरागिनी यक्षिणी
- 6. यक्षिणी साधना विधि
- 7. काली विद्या के अंतर्गत किन्नरी साधना
- 7.1. 1. किन्नरी साधना
- 7.2. 2. मंजुघोषा किन्नरी साधना
- 8. निष्कर्ष
काली विद्या क्या है ? | Kali vidya kya hai ?
काली विद्या एक प्रकार की तांत्रिक विद्या होती है जिन पर आज कई लोग भरोसा करते हैं और वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग इन पर भरोसा नहीं करते हैं। इन काली विद्याओं को कई लोग सीखते हैं और विभिन्न प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करते हैं।
काली विद्या वह विद्या है जिसके अंतर्गत तांत्रिक शक्तियों को सिद्ध किया जाता है और दूसरे रूप में इसे काला जादू के नाम से जाना जाता है इस प्रकार की विद्या हमेशा व्यक्ति के अंदर अदृश्य शक्तियों के रूप में काली शक्तियां होती हैं।
काली विद्या के जानकार लोगों के पास विभिन्न प्रकार नकारात्मक ऊर्जा दुरात्माओं को कैद करने की शक्ति उन्हें देखने की शक्ति उन्हें पाने की शक्ति अर्जित कर लेते हैं जिसके अंतर्गत भूत प्रेत डाकिनी शाकिनी विस्तार चुड़ैल जैसी काली शक्तियों आती हैं।
इसके अलावा काली विद्या इन शक्तियों को दूर भी करते हैं और जरूरत पड़ने पर उनका प्रयोग भी करते हैं सभी प्रकार की काली शक्तियां अत्यंत शक्तिशाली होती हैं जो पल भर में किसी के जीवन को तहस-नहस कर सकती हैं।
जहां एक और काली शक्तियों के अंतर्गत दूर आत्माओं को रखा गया है वहीं बहुत से काली शक्तियां ही देवी-देवताओं से संबंधित होती हैं जिन्हें रात के अंधेरे में सिद्ध किया जाता है जैसे यक्षिणी साधना,बगलामुखी साधना, काली साधना आदि।
काली विद्या कैसे सीखे ? | Kali vidya kaise sikhe ?
हम सभी यह जानते हैं कि काली विद्या तंत्र मंत्र से जुड़ी होती है इसलिए तंत्र मंत्र को सीखने की विधि के बारे में हमें जानना बेहद आवश्यक होता है क्योंकि तंत्र मंत्र शास्त्र एक बहुत बड़ी विद्या है इसे सीखने के लिए हम केवल किताबों का सहारा नहीं ले सकते हैं।
किसी भी प्रकार की काली विद्या अर्थात तंत्र मंत्र सीखने के लिए हमें इसके नियम का पालन करना होगा क्योंकि सभी विद्या एक खतरनाक होती है और कभी कभी इनका प्रयोग सही से ना करने के कारण व्यक्ति के अंदर पागलपन आ जाता है।
किसी भी काली विद्या को सीखने के लिए एक गुरु का होना जरूरी है और उस के सानिध्य में नियमों का पालन करते हैं विधि विधान पूर्वक कार्य करना होता है। इन विद्याओं को सीखने में कई प्रकार के संकट बाधाएं उत्पन्न होती हैं जिनको पार करना होता है।
काली विद्या सीखने के नियम | Kali vidya sikhne ke niyam
किसी भी प्रकार की काली विद्या को सीखने के लिए हमारे अंदर एक साथ होना चाहिए और नियमों का पालन करना आवश्यक होता है इसलिए किसी भी काली विद्या को सीखने के पहले आपको नियमों के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
काली विद्या तंत्र मंत्र कोई बच्चों का खेल नहीं है इसे सीखने के लिए हमें साहस के साथ ही करना होता है क्योंकि जरा सी चूक होने पर काली विद्या हमेशा विपरीत असर स्वयं पर डालते हैं।
1. निडरता होना जरूरी है
किसी भी प्रकार की काली विद्या तंत्र मंत्र में निडरता बहुत जरूरी है आपको भूत प्रेत से डर नहीं लगना चाहिए अंधेरे में भयभीत नहीं होना है और मौत से आपको किसी प्रकार का डर नहीं लगना चाहिए।
आप अगर सात्विक साधना कर रहे हैं या तामसिक साधना कर रहे हैं दोनों में साधना के दौरान कई प्रकार के दृश्य आपको डरा सकते हैं ऐसे में आपको निडर होकर ही साधना करना होगा अगर आपके अंदर डर है तो आप साथ में नहीं कर सकते हैं।
आप जो भी साधना करेंगे उस साधना में कुछ ऐसे दृश्य आपको नजर आने लगते हैं जिन्हें देख कर आपको डर लग सकता है लेकिन इन सब चीजों को अगर आप देखकर डरते नहीं है तो साधना करने में सफल हो सकते हैं।
2. ईमानदार होना जरूरी
अधिकांश लोग तंत्र मंत्र की काली विद्या सीखने के बाद अधिक पैसा कमाने के चक्कर में गलत कार्य कर बैठते हैं जबकि तंत्र मंत्र इस बात को हमेशा रोकता है कि किसी गलत कार्य के लिए प्रयोग ना करें।
एक अच्छा तांत्रिक तभी आप बन सकते हैं जब केवल अच्छाई के मार्ग पर कार्य करें काली विद्या नकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा दोनों का मिश्रण होती हैं वैसे मैं आपको हमेशा भलाई के कार्यों में तंत्र मंत्र का सहारा लेना चाहिए।
3. गुरु का होना जरूरी
दोस्तों अगर आप काली विद्याओं को सीखने का प्रयास कर रहे हैं तो सबसे पहली बार किसी गुरु के सानिध्य में ही करें बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता है इसलिए किसी भी प्रकार की काली विद्या सीखने के लिए गुरु का चयन अवश्य करें, आपको यह भी ध्यान देना जरूरी है कि गुरु योग्य और अच्छा होना चाहिए.
जिसको तंत्र मंत्र की काली विद्याओं का अच्छे से ज्ञान हो क्योंकि आज के समय में आने को तांत्रिक मिल जाते हैं जो केवल आपको ठग सकते हैं, हो सके तो ऐसा ग्रुप चुने जिसके पास 8 से 10 प्रकार की काली विधियों का ज्ञान हो अगर आप किसी छोटे-मोटे गुरु को अपना गुरु बना लेते हैं तो आपको एक अच्छा ज्ञान नहीं मिल सकता है।
आपको पता होना चाहिए कि काली विद्या बहुत ही खतरनाक होती हैं इसलिए बिना गुरु के सानिध्य में इन विद्याओं को सीखते हैं तो निश्चित रूप से आप के ऊपर कोई बड़ा खतरा हो सकता है जो लोग यह सोचते हैं कि बिना गुरु के सीखा जा सकता है तो संभव नहीं है।
4. ब्रह्मचर्य का पालन करें
दोस्तों अगर कोई भी काली विद्या सीखने का प्रयास करने जा रहा है तो सबसे पहले आप अपने ऊपर नियंत्रण करना सीखें इसके लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा अर्थात काली विद्या सीखने के दौरान आपको किसी भी प्रकार की स्त्री के सानिध्य में संभोग क्रीडा नहीं करनी है इसके अलावा आपको अपने अंदर वीर्य की रक्षा करना है।
5. मंत्रों पर विश्वास होना जरूरी
अधिकांश लोग मंत्रों पर विश्वास नहीं करते हैं लेकिन आप अगर किसी भी प्रकार की काली विद्या को सीखने जा रहे हैं तो उनसे संबंधित मंत्रों पर विश्वास और श्रद्धा रखना जरूरी है। आपका विश्वास ही आपको सिद्धि दिलाएगा यदि आपको विश्वास नहीं होगा तो आप किसी भी प्रकार के मंत्र को सिद्ध नहीं कर सकते हैं ऐसे में आपको मंत्रों पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा रखना जरूरी है।
कोई भी मंत्र 1 दिन में सिद्ध नहीं होता है इसलिए इनका निरंतर जाप करना पड़ेगा और लंबे समय के बाद मंत्र सिद्ध होते हैं जिन का परिणाम आपके लिए अच्छा मिलता है अगर आप यह चाहते हैं कि 1 दिन में मंत्र सिद्ध हो जाते हैं तो ऐसा कुछ भी नहीं है बल्कि निरंतर प्रयास करते रहना पड़ेगा तभी किसी भी प्रकार की काली विद्या का मंत्र सिद्ध हो सकेगा।
6. धैर्य का होना जरूरी
किसी भी प्रकार की तंत्र मंत्र विद्या को सिद्ध करने के लिए आपके अंदर धैर्य का होना जरूरी है क्योंकि कोई भी मंत्र बहुत कम समय में सिद्ध होने वाला नहीं है क्योंकि मंत्रों को सिद्ध करने के लिए कई सारी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है ऐसे में अगर आप 1 महीने या कुछ महीने में सिद्ध कर लेंगे यह आवश्यक नहीं है।
इसलिए आपको हमेशा पूरे धैर्य के साथ निरंतर अपने कार्य में लगे रहना चाहिए अगर आप धैर्य के साथ करने में सक्षम हो जाते हैं तो निश्चित है कि आपको मंत्र जल्दी भी सिद्ध हो जाएंगे और देर में भी सिद्ध होंगे यह आपके धैर्य पर और आपकी क्रिया पर निर्भर करता है।
काली विद्या के अंतर्गत आने वाली साधनाएं
दोस्तों आज के समय में काली विद्या सीखने के अंतर्गत हजारों प्रकार की तंत्र मंत्र साधना ए होती है जिनमें से सभी की जानकारी करना संभव नहीं है परंतु हम यहां एक ऐसी काली साधना के विषय में बताने जा रहे हैं जो काली विद्या की और तंत्र मंत्र की साधना है।
यक्षिणी साधना
दोस्तों यह एक काली विद्या की साधना है जिसके तंत्र मंत्र अलग-अलग प्रकार से हैं यह साधना आपके अंदर सकारात्मक शक्ति देती है इस साधना में चुड़ैल साधना और राक्षसी दैत्य प्रकार की साधना की जाती है यक्षिणी साधना के अंतर्गत आठ प्रकार की यक्षिणी साधनों के बारे में बताया गया है जिनको करने के बाद देवताओं के समान आपको फल देती हैं.
इस साधना के दौरान यक्षिणी साधक के सामने एक सुंदर सोनी स्त्री के रूप में प्रकट होती है इसकी एकमात्र इनका और बहन पुत्री के रूप में कर सकते हैं ज्यादातर साधक पुत्री के रूप में इस साधना को करते हैं.
यक्षिणी साधना के प्रकार
शास्त्रों में आठ प्रकार की अच्छी छात्राओं के बारे में वर्णन किया गया है जो इस प्रकार हैं
1. सुर सुन्दरी यक्षिणी, 2. मनोहारिणी यक्षिणी, 3. कनकावती यक्षिणी, 4. कामेश्वरी यक्षिणी, 5. रतिप्रिया यक्षिणी, 6. पद्मिनी यक्षिणी, 7. नटी यक्षिणी 8. अनुरागिणी यक्षिणी।
1. सुर सुन्दरी यक्षिणी
इस यक्षिणी को एक सुंदर यक्षिणी माना जाता है और धन संपत्ति ऐश्वर्य प्राप्त कर आती है इसकी साधना को हम मां प्रेमिका पुत्री और बेटी के रूप में करते हैं हम जिस रूप में इस की आराधना और साधना करते हैं वह हमें उसी रूप में प्रकट होकर फल देती है
ॐ ऐं ह्रीं आगच्छ सुर सुन्दरी स्वाहा ||
2. मनोहारिणी यक्षिणी
यह यक्षिणी सम्मोहन शक्ति से भरपूर होती है जिस को सिद्ध करने के बाद साधक के अंदर ऐसी शक्तियां आ जाती है जिसके वजह से वह किसी को अपने वश में कर लेता है। साथ ही यह साधना धन आदि प्राप्त कर आती हैं
ॐ ह्रीं आगच्छ मनोहारी स्वाहा
3. कनकावती यक्षिणी
कनकावती यक्षिणी साधना एक ऐसी साधना है जो काफी तेजस्वी होती है और किसी भी विरोधी व्यक्ति को भी अपने वश में कर सकते हैं इसके अलावा आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
ॐ ह्रीं हूं रक्ष कर्मणि आगच्छ कनकावती स्वाहा
4. कामेश्वरी यक्षिणी
कामेश्वरी यक्षिणी साधना पत्नी के रूप में की जाती है इस साधना को करने के बाद जब यक्षिणी आपके सामने आती है तो आपकी हर इच्छा पूर्ण करती है और जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं उसमें सहायता करती हैं
ॐ क्रीं कामेश्वरी वश्य प्रियाय क्रीं ॐ |
5. रति प्रिया यक्षिणी
यह यक्षिणी सौंदर्य से परिपूर्ण होती है जब इसकी साधना की जाती है तो आपको हमेशा प्रसन्नता प्राप्त होती रहती हैं
ॐ ह्रीं आगच्छ आगच्छ रति प्रिया स्वाहा
6. पदमिनी यक्षिणी
पद्मिनी यक्षिणी साधना आत्मविश्वास और आत्मबल से साधक को प्राप्त होती है यह यक्षिणी सिद्ध होने के बाद आपकी हर जगह पर सहायता करती हैं
ॐ ह्रीं आगच्छ आगच्छ रति प्रिया स्वाहा
7. नटी यक्षिणी
इस साधना को करने के बाद व्यक्ति को कभी असमय किसी भी परिस्थिति में संकट आने पर उसकी रक्षा होती है यह अच्छी आपको सभी प्रकार की दुर्घटनाओं से सुरक्षित रखती हैं
ॐ ह्रीं आगच्छ आगच्छ नटी स्वाहा ॥
8. अनुरागिनी यक्षिणी
अनुरागिनी यक्षिणी साधना मान सम्मान और सुख को देने वाली होती है इस साधना को करने के बाद साधक को जब सफलता मिलती है तो उसके जीवन में रास उल्लास भर जाता है
ॐ ह्रीं अनुरागिणी आगच्छ स्वाहा ॥
यक्षिणी साधना विधि
यक्षिणी साधना करने के लिए आषाढ़ माह की पूर्णिमा सबसे शुभ होती हैं इस दिन आपको भगवान शिव की आराधना एवं पूजा अर्चना कर के यक्षिणी साधना प्रारंभ करें। सभी प्रकार की पूजा सामग्री लेकर भगवान शिव की पूजा करके केले के पेड़ के नीचे या बेलगिरी के पेड़ के नीचे यक्षिणी साधना प्रारंभ की जाती है।
एकाग्र और शांत मन से यक्षिणी साधना के मंत्र को कम से कम 5000 बार जाप करना होता है इसके बाद घर जाकर उसी कुंवारी कन्या को खीर का भोग कराना पड़ता है. जब आप किसी योग्य कुछ गुरु के सानिध्य में इस साधना को करेंगे तो और अन्य सारे नियम वह आप को साथ में बताता रहता है।
काली विद्या के अंतर्गत किन्नरी साधना
जैसा कि हमने आपको बताया है कि तंत्र मंत्र की दुनिया में हजारों प्रकार की काली विद्या हैं उनमें से आप किन्नरी साधना को भी कर सकते हैं जिसके लिए विधि और विधान इस प्रकार हैं।
1. किन्नरी साधना
किन्नरी साधना एकाग्र और शुद्ध चित्र से की जाने वाली साधना है इसे अमावस्या से पूर्णमासी तक करनी होती है। इस साधना के अंतर्गत आपको एक लाल कपड़े की चौकी बनाकर पूर्व की दिशा की ओर मुंह करके बैठना और गणेश पूजा रुद्राक्ष की माला के साथ गुरु मंत्र का जाप करना है।
मंत्र : ॐ सुनैना सुनयनाये नम: ।।
रात्रि के 12:00 बजे के बाद दिए गए मंत्र को 11 माला प्रतिदिन जाप करें और अंतिम दिन आपके सामने सुनैना किन्नरी प्रकट होगी। इसके बाद आपकी जो भी मनोकामना है उससे आप कहेंगे वह पूर्ण कर देती है।
2. मंजुघोषा किन्नरी साधना
यह किन्नरी साधना पत्नी प्रेमिका के रूप में की जाती है सिद्ध होने के बाद गोपनीय रखने का वचन लेती है और आपको समय-समय पर जो भी जरूरत है वह चीज प्रदान करती हैं साथ ही उपस्थित होने पर आपको कुछ ऐसे द्रव्य प्रदान करेगी.
इस साधना को प्रतिदिन लगभग 7000 बार मंत्र जाप करके सिद्ध किया जाता है इसे किसी शुभ नक्षत्र में आरंभ कर सकते हैं परंतु बड़ी एकाग्रता के साथ करना पड़ता है और ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है मंजू घुसा किन्नरी प्रकट होने के बाद आप उसे कोई मीठा पान अर्पित करें सम्मान के साथ बचन ले।
ॐ मंजूघोषे आगछागछ स्वाहा ।।
यह साधना 1 महीने तक लगातार शुद्ध हृदय और सात्विक विचारधारा के साथ करना होता है अगर उपरोक्त मंत्र से किन्नरी प्रकट नहीं होती है तो आप नीचे दिए गए क्रोध मंत्र का जाप करें
ॐ ह्रीं अकट्ये कट्ये ह्रुं ब: फट्।।
इसके बाद भी अगर आपके सामने मंजू घुसा कैनरी प्रकट नहीं होती है तो स्तंभन मंत्र का जाप करें जिसके पश्चात यह निश्चित रूप से मंजू घोष आखिरी प्रकट हो जाती है
ॐ क्रीं हुं क्रीं किन्नरये फट्।।
निष्कर्ष
दोस्तों काली विद्या कैसे सीखें इस संबंध में उपरोक्त आर्टिकल में कई बातों का जिक्र किया जा चुका है जिसमें काली विद्या के रूप में यक्षिणी साधना का भी वर्णन किया है। इसी प्रकार से आप अन्य कई सारी काली विद्या या तंत्र मंत्र की साधना ओं को कर सकते हैं।
तंत्र मंत्र की दुनिया में हजारों प्रकार की काली विद्या आए हैं जिनमें आप जो भी काली विद्या सीखना चाहते हैं उस काली विद्या से संबंधित मंत्रों और उसकी विधि को जानने के लिए आपको संबंधित गुरु से मिलना चाहिए। कोई भी तंत्र मंत्र को सिखाने के लिए गुरु का होना जरूरी है ऐसे में आप ने जो निर्णय लिया है उसको सीखने के लिए गुरु की पहले तलाश करें।