त्रिकाल ज्ञान मंत्र : प्रणाम दोस्तों आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से त्रिकाल ज्ञान मंत्र के बारे में बताएंगे अगर आप इस मंत्र के बारे में जानना चाहते हैं और इस मंत्र का जाप जानना चाहते हैं तो इसे अवश्य पढ़ें प्राचीन समय में हमारे सनातन धर्म में काफी ऋषि मुनि तथा गुरु आदि त्रिकाल ज्ञानी हुआ करते थे जो त्रिकाल ज्ञानी होते थे वह भविष्य को देख पाते थे बहुत कठिन साधना करने के पश्चात कोई भी त्रिकाल ज्ञानी बन पाता था त्रिकाल ज्ञानी बन्ना इतना भी आसान नहीं है.
सालों की कठिन परिश्रम और मेहनत के बाद साधना करने के बाद कोई व्यक्ति तत्काल ज्ञानी बन पाता है हर कोई त्रिकाल ज्ञानी नहीं बन सकता है आज के समय में काफी लोगों ने त्रिकाल ज्ञानी बनने की कोशिश की है लेकिन क्या वह लोग जानते हैं कि त्रिकाल ज्ञानी बनने के बाद वह व्यक्ति सर्वशक्तिमान हो जाता है और उस व्यक्ति के अंदर अनेकों प्रकार की शक्तियां आ जाती है अगर आप भी त्रिकाल ज्ञानी बनना चाहते हैं.
तो हमारे द्वारा दी गई इस जानकारी को अवश्य पढ़ें क्योंकि आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से त्रिकाल ज्ञान मंत्र तथा उसके दांत के बारे में बताने वाले हैं और यह भी बताएंगे कि त्रिकाल दर्शन साधना कैसे करते हैं इसका मंत्र क्या है यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख में अंत तक बने रहे।
- 1. त्रिकाल ज्ञान मंत्र तथा जाप विधि | Trikal gyan mantra jaap vidhi
- 2. त्रिकाल ज्ञान मंत्र | Trikal gyan mantra
- 2.1. मंत्र जाप विधि
- 3. त्रिकाल दर्शन साधना | Trikaldarshi sadhna
- 4. त्रिकाल दर्शन साधना मंत्र | Trikal darshan sadhna mantra
- 4.1. मंत्र जाप विधि
- 5. मंत्र
- 5.1. मंत्र जाप विधि
- 6. FAQ : त्रिकाल ज्ञान मंत्र
- 6.1. त्रिकाल विद्या क्या है?
- 6.2. त्रिकाल दर्शन सिद्धि कैसे प्राप्त करें?
- 6.3. क्या हम भविष्य जान सकते हैं?
- 7. निष्कर्ष
त्रिकाल ज्ञान मंत्र तथा जाप विधि | Trikal gyan mantra jaap vidhi
अगर आप त्रिकाल ज्ञानी बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको त्रिकाल ज्ञानी मंत्र और जाप विधि करनी होगी।
त्रिकाल ज्ञान मंत्र | Trikal gyan mantra
ॐ नमो भगबती ज्वालामालिनी गृधगणपरिबृते हुं फट् स्वाहा
ॐ नमो भगबती ज्वालामालिनी देबी सर्बभूतसंहार कारिके जातबेदसि ज्वलन्ति प्रज्वलन्ति ज्वल ज्वल प्रज्वल हुं रं रं हुं फट्
मंत्र जाप विधि
अगर आप इन मंत्रों का जाप करना चाहते हैं और आपको समझ में नहीं आ रहा है कि इन दोनों मंत्रों में से किस मंत्र का जाप करें तो आप दोनों ही मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
- त्रिकाल ज्ञानी बनने के लिए भगवती ज्वालामालिनी के इन दोनों मंत्रों का जाप करना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही प्रभावशाली मंत्र माने जाते हैं।
- दीपावली के दिन जब आप रात्रि में गणेश लक्ष्मी की पूजा कर रहे होते हैं उस समय आपको इस मंत्र का जाप शुरू करना होगा उस दिन शुरू करने के बाद 21 दिन तक लगातार इस मंत्र का जाप करें।
- आपको प्रतिदिन इस मंत्र का जाप 11000 बार करना है।
- 21 दिन तक लगातार इस मंत्र का जाप करने से और 11000 बार इस मंत्र का जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।
- अगर आप इस मंत्र का जाप अधिक से अधिक कर लेते हैं तो आप जल्द ही त्रिकाल ज्ञानी बन जाते हैं।
- इस मंत्र को शुरू करने से पहले आपको एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि किसी गुरु या फिर तांत्रिक को अपने साथ में रखना है।
- जो भी व्यक्ति श्रद्धा पूर्वक और पूरे विश्वास से इस त्रिकाल ज्ञानी मंत्र का जाप करता है उसे इसका फल अवश्य मिलता है अगर आपने इस मंत्र के जाप में थोड़ी सी श्रद्धा हटाई तो या विधि सफल नहीं होगी इसीलिए आपको इस मंत्र का जाप करते समय पूर्ण रूप से श्रद्धा रखनी है।
त्रिकाल दर्शन साधना | Trikaldarshi sadhna
अगर आप त्रिकाल दर्शन मंत्र साधना करना चाहते हैं और उसकी विधि जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए मंत्र का उपयोग और उसके जाप विधि का उपयोग अवश्य करें।
त्रिकाल दर्शन साधना मंत्र | Trikal darshan sadhna mantra
ओंकारमुखे विधुजिव्ह ओम हु चटके जय जय स्वाहा
मंत्र जाप विधि
- इस त्रिकाल दर्शन साधना मंत्र का जाप करने के लिए आपको रुद्राक्ष की माला की आवश्यकता होती है।
- इस मंत्र का जाप आपको पूर्णिमा के दिन शुरू करना है।
- अगर आप पूर्णिमा के दिन से लेकर अगले 30 दिन तक इस मंत्र का जाप होना चाहिए।
- आपको इस त्रिकाल दर्शन साधना मंत्र का जाप वट के पेड़ के नीचे करना है।
- उसके बाद आपको अपने हाथ से बना हुआ मीठा भोजन अर्पित करना है।
- अगर आप इस त्रिकाल दर्शन साधना मंत्र का जाप श्रद्धा पूर्वक कर लेते हैं और इसे सिद्ध कर ले जाते हैं तो आपको इसके कई प्रकार के लाभ प्राप्त होंगे।
- भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना
- अगर आप भूत भविष्य वर्तमान काल की साधना को करना चाहते हैं तो इस मंत्र का उपयोग करके और उसके जाप विधि को अपनाकर पता कर सकते हैं।
मंत्र
ओम क्रीं चिंचीपिशाचनी स्वाहा
मंत्र जाप विधि
- अगर आप इस मंत्र को करना चाहते हैं तो आपको यह मंत्र जाप शुरू करने से पहले क्वेश्चन दूध और गोरोचन तीनों को मिलाकर भोजपत्र के ऊपर अष्टदल की आकृति बनाना है।
- अष्टदल की आकृति बनाने के बाद सभी दलों में ह्रीं लिखे.
- उसके बाद इस वस्तु को अपने सिर पर धारण कर लेना है।
- उसके बाद आपको 2 से 3 घंटो तक ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करना है।
- अगर आपने इस प्रक्रिया को 7 दिन लगातार कर लिया तो बहुत ही शुभ माना जाता है लेकिन इन 7 दिनों के बीच में एक भी गेट नहीं होना चाहिए अगर किसी कारणवश बीच में एक आधे गए हो जाते हैं तो आपको फिर से इस साधना को शुरू करना है।
- इस प्रक्रिया को अगर आप प्रतिदिन दो से 3 घंटे करती है तो आप इस मंत्र के जाप से अपने भूत भविष्य वर्तमान जानने की क्षमता रखती हैं.
FAQ : त्रिकाल ज्ञान मंत्र
त्रिकाल विद्या क्या है?
त्रिकाल दर्शन सिद्धि कैसे प्राप्त करें?
क्या हम भविष्य जान सकते हैं?
निष्कर्ष
आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से त्रिकाल ज्ञान मंत्र तथा उसकी जाप विधि के बारे में बताया और त्रिकाल दर्शन साधना के बारे में भी बताया इसके अलावा त्रिकाल ज्ञान से जुड़ी अन्य जानकारी भी देने का प्रयास किया है हम उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा है या लेख आपको अच्छा लगा होगा और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुआ होगा क्योंकि यह एक बहुत ही प्रभावशाली मंत्र और साधना विधि है अगर आप भी तो कर लेते हैं तो आप भूत भविष्य वर्तमान जानने की क्षमता रखते हैं.