Deh raksha mantra : दोस्तों दुनिया में साधनाएं करने वाले व्यक्तियों के लिए साधना करते समय अपने शरीर की सुरक्षा पहले करनी पड़ती है तथा जीवन में शरीर सुरक्षा हेतु सतर्क रहना पड़ता है खास तौर पर तांत्रिक विद्याओं की साधना करते समय शरीर सुरक्षा बहुत आवश्यक होती है.
इसीलिए देखा होगा कि अधिकतर तांत्रिक लोग जब कोई भी मंत्र की साधना कर रहे होते हैं तो पहले अपने चारों ओर एक सुरक्षा घेरा जरूर खींच लेते हैं. यह सुरक्षा घेरा ही उनकी सर शारीरिक सुरक्षा करता है.
साधना के क्षेत्र में देह रक्षा है या शरीर रक्षा बहुत जरूरी हो जाती है यदि एक साधक साधना करते समय अपने बारे में नहीं सुरक्षा करता है, तो तंत्र मंत्र के मार्ग में कोई भी समस्या उत्पन्न हो सकती है जो लोग तंत्र मंत्र के मार्ग पर चल रहे होते हैं उनके लिए देह रक्षा या शरीर रक्षा मंत्र सिद्ध होना जरूरी है.
- 1. देह रक्षा क्यों आवश्यक है ?
- 2. देह रक्षा मंत्र और शरीर रक्षा कवच मंत्र | Deh raksha mantra
- 3. शरीर बांधने का मंत्र | sharir raksha mantra
- 4. देहात शरीर बांधने का साबर मंत्र
- 5. मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र
- 6. प्राणों की रक्षा और रक्षा कवच बनाने के लिए सीता मंत्र
- 7. शरीर कीलन मंत्र शरीर रक्षा कवच शाबर मंत्र
- 8. माता काली रक्षा मंत्र
- 9. गुरू गोरख नाथ शरीर रक्षा मंत्र
- 10. सरल शरीर रक्षा मंत्र
- 11. हनुमान शाबर मंत्र
- 12. देह रक्षा करने का मंत्र लॉक करें
- 13. शरीर रक्षा शाबर मंत्र
- 14. शरीर बंधन शाबर मंत्र बजरंग बली का मंत्र
- 15. भैरव बाबा का देह रक्षा मंत्र | sharir ki raksha ka mantra
- 16. देह रक्षा मंत्र पॉवर फुल
- 17. बिना सिद्ध किये शरीर रक्षा मंत्र
- 18. देह रक्षा मंत्र के फायदे
- 18.1. 1. साधना काल मे निडरता
- 18.2. 2. शत्रुओं से शरीर की रक्षा के लिए
- 18.3. 3. भूत प्रेत से सामान्य देह रक्षा
- 19. देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करते समय सावधानियां
देह रक्षा क्यों आवश्यक है ?
देह रक्षा का सीधा तात्पर्य है कि तांत्रिक विद्या सिद्ध करते समय कुछ बाहरी ताकते होती हैं जो आप पर नुकसान कर सकते हैं ऐसे में दूसरी ताकतों से बचने के लिए अपने शरीर की रक्षा करना अनिवार्य हो जाता है। जैसे कोई भी तांत्रिक या साधक भूत प्रेत से संबंधित साधना कर रहा है तो हो सकता है कि साधक को मौत से सामना करना पड़ सकता है ।
ऐसे में देह रक्षा मंत्र प्रयोग करके भूत प्रेत से बचा जा सकता है तथा वह कितना भी प्रयास करते हैं आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते इसके अलावा यदि कोई सात्विक साधना कर रहा है तो यदि साधना उग्र है तो ऐसे में देह रक्षा करना अति आवश्यक हो जाता है।
यदि कोई भी साधक किसी भी प्रकार की सात्विक या तांत्रिक विद्या की साधना कर रहा है तो उसे अपने शरीर की रक्षा करने के लिए देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करना पड़ता है।
देह रक्षा मंत्री या शरीर रक्षा मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी भी ग्रहण काल से प्रारंभ करने के बाद लगातार 21 दिन तक 1008 बार मंत्र जाप करके साधना पूरी करें साधना करने से पहले हनुमान जी की पूजा करके उनके सामने दीप जलाकर मंत्र जाप करें और फिर किसी हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनको चोला चढ़ाकर भोग लगाएं ।
देहरा सा मंत्र या शरीर रक्षा मंत्र का जाप सिद्ध करने के बाद जब कभी भी आपको अपनी शरीर रक्षा करनी हो तो 7 बार मंत्र पढ़कर अपने शरीर पर फूंक मारे जिससे आपका शरीर सुरक्षित हो जाता है तथा किसी भी प्रकार की अन्य अदृश्य ताकतों से सुरक्षा प्राप्त होती हैं
देह रक्षा मंत्र और शरीर रक्षा कवच मंत्र | Deh raksha mantra
ॐ नमः वज्र का कोठा
जिसमें पिण्ड हमारा पैठा
ईश्वर की कुंजी , ब्रह्मा का ताला
मेरे आठोंयाम का यती हनुमन्त रखवाला |
शरीर बांधने का मंत्र | sharir raksha mantra
कोई भी साधक यदि किसी भयंकर साधना कर रहा है तो उसे अपने शरीर की रक्षा के लिए नीचे दिए गए साबर मंत्र का प्रयोग करें किसी भी भयंकर साधना में इस साबर मंत्र को सिद्ध करने के बाद शरीर की संपूर्ण सुरक्षा होती है.
शरीर बांधने का मंत्र की साधना होली दीपावली जैसे त्योहारों के दिन सिद्ध करने से अत्यधिक प्रभावशाली हो जाते हैं इन्हें सिद्ध करने के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके वज्रासन की अवस्था में जब किया जाता है और उसके बाद हलवा का भोग लगाया जाता है.
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए तेल के दीपक और लोबान की धूनी लगाकर गुरु मंत्र का जाप करते हुए ओम गन गणपतए नमः मंत्र का जाप करके नीचे दिए गए मंत्र को 1008 बार जाप काले हकीक की माला के साथ करें और आसन के नीचे जल छिड़क कर 5 मिनट तक मंत्र का जाप करने की कामना करें
शरीर रक्षा मंत्र से सुरक्षा करने के लिए किसी आसन पर बैठकर 7 बार मंत्र का जाप करके अपने ऊपर फूंक मारे और अपने चारों ओर एक घेरा बनाने जब आप भयंकर साधना करते हैं तब इस मंत्र का प्रयोग करने से शरीर की सुरक्षा हो जाती।
छोटी-मोटी थमंत वार को वार बांधे
पार को पार बांधे, मरघट मसान बांधे
टोना-टँवर बांधे, जादू वार बांधे
दीठ और मूठ बांधे, बिच्छू-साँपा बांधे
भेडि़या-बाघ बांधे, लखूरी सियार बांधे
अस्सी-अस्सी दोष बांधे, काली का लिलार बांधे
योगिनी संहार बांधे, ताडिका कलेज बांधे,
उत्तर-दक्षिण-पूरब-पश्चिम बांधे, मरी मसानी बांधे,
और बांधे डायन भूत के गुण.
लाइल्लाह को कोट इलल्लाह की खाई,
मोहम्मद रसूलिल्लाह की चोकी हजरत अली की दुहाई।
देहात शरीर बांधने का साबर मंत्र
यह मंत्र रविवार के दिन से सिद्ध करना प्रारंभ करके पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके रुद्राक्ष की माला के साथ सफेद आसन पर बैठकर किया जाता है
इस मंत्र को 10000 बार जाप करके 108 एक बार आहुति देने के बाद मंत्र सिद्ध हो जाता है जब इसका प्रयोग करना हो तो हथेली पर पानी लेकर 4 बार मंत्र पढ़कर अपने शरीर पर लकड़ी और लोहे के पेड़ से चारों ओर घेरा बनाकर शरीर रक्षा करें।
ॐ परब्रम्ह परमात्मने नमः मम शरीरे पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा।
मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र
मां काली के इस मंत्र को रात्रि 9:00 से 4:00 के बीच में 11 दिन तक एक सौ आठ हजार बार जाप करके चमेली के तेल के दीपक जला कर 11 बार मंत्र का जाप करके सिद्ध करने से शरीर की सुरक्षा का घेरा बना सकते हैं.
इस मंत्र को आप 108 बार पढ़कर ताबीज बनाकर यत पहन लेते हैं तो शरीर की सुरक्षा बंद हो जाती है इसके साथ ही इस मंत्र को काली मिर्च के साथ 1008 बार पढ़कर नींबू की बलि देकर सिद्ध किया जाता है.
ॐ कालिका देवी, काल रूपिणी, महाकाली, नव नाड़ी, बहत्तर जाली, मम भयम् हर हर, रक्षाम् कुरु कुरु स्वाहा।
प्राणों की रक्षा और रक्षा कवच बनाने के लिए सीता मंत्र
यह मंत्र शरीर की सुरक्षा के लिए उस समय सबसे ज्यादा प्रभावशाली होता है जब घर में कोई बीमार हो और किसी भी तरह से वह स्वस्थ ना हो रहा हो तथा असमय मौत हो सकती है ऐसे में इस मंत्र को सिद्ध कर लेंगे से शारीरिक सुरक्षा हो जाती है।
नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहिं बाट ॥
इस मंत्र को दिन के अंदर में जितनी बार हो सके उतना जाप करते रहें यदि हो सके तो रोगी खुद इसको करे तो शरीर जल्दी स्वस्थ हो जाता है शरीर की रक्षा हो जाती है.
रामायण के अनुसार सीता के प्राणों की रक्षा के लिए हनुमान जी ने कहा है कि सीता के चारों ओर राम नाम का पहरा रहता है. जिसकी वजह से सीता के शरीर की रक्षा होती है.
शरीर कीलन मंत्र शरीर रक्षा कवच शाबर मंत्र
यह एक ऐसा मंत्र है जिसको जब सिद्ध कर दिया जाता है तो सिद्ध करने के बाद आप रात विराट चाहे जहां जा रहे हो आप को किसी प्रकार के अनजाने भय से शरीर की सुरक्षा बनी रहती हैं यह एक शक्तिशाली मंत्र है इस मंत्र को जॉब करने के लिए हनुमान जी के मंदिर में 108 बार 21 दिन लगातार करने से सिद्ध हो जाता है
इस मंत्र का जप प्रयोग करना हो तो अपने ऊपर 7 बार मंत्र पढ़कर फूंक मारने और चारों ओर एक रेखा खींच ले इसके बाद इस प्रकार शरीर की रक्षा बनी रहती है
ॐ नमो आदेश गुरु को ईश्वर वाचा अजपी बजरी बाड़ा, बज्जरी में बज्जरी बाँधा दसौं दुवार छवा और के घालो तो पलट बीर उसी को मारे ।
पहली चौकी गणपति, दूजी चौकी हनुमन्त, तिजी चौकी भैंरो, चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देवजी ।
शब्द साँचा पिण्ड काँचा, ऐ वचन गुरु गोरखनाथ का जुगोही जुग साँचा, फुरै मन्त्र ईशवरी वाचा ।
माता काली रक्षा मंत्र
इस मंत्र का जाप मां काली के मंदिर में जाकर 1008 बार जाप करने के बाद मां काली को भोग लगाकर प्रसन्न करते हैं और इस मंत्र को जब प्रयोग करना हो तो 11 बार मंत्र पढ़कर अपने शरीर पर हाथ फेर दें जिससे शरीर रक्षा कवच बन जाता है।
ॐ वज्र का सीकड़ ! वज्र का किवाड़ !
वज्र बंधे दसो द्वार ! वज्र का सीकड़ से पी बोल !
गहे दोष हाथ न लगे ! आगे वज्र किवाड़ भैरो बाबा !
पसारी चौसठ योगिनी रक्षा कारी !
सब दिशा रक्षक भूतनाथ !
दुहाई इश्वर , महादेव, गौरा पारवती की !
दुहाई माता काली की
गुरू गोरख नाथ शरीर रक्षा मंत्र
यदि व्यक्ति को भूत प्रेत आदि से दरया भय महसूस होता है तो आपको यह मंत्र बहुत ही सुरक्षा प्रदान करेगा। यह एक मंत्र ऐसा मंत्र है जो सिद्ध हुआ होता है बस आपको किसी कागज पर लिखकर याद करना है और प्रत्येक वर्ष होली और दीपावली पर 108 बार ओम करके जाप करने से मंत्र प्रभावशाली हो जाता है.
उसके बाद इस मंत्र का प्रयोग हम कहीं पर भी कर सकते हैं, अपने शत्रुओं से सुरक्षा पाने के लिए इस मंत्र को 41 बार पढ़ कर अपने हाथों पर तीन बार फूंक मारकर ताली बजाना है इस प्रकार से यह मंत्र आपकी सुरक्षा शत्रुओं से करेगा।
यदि किसी प्रकार की साधना कर रहे हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए इस मंत्र को एक क्या 1 बार पढ़कर चाकू से गिरा बनाएं और चाकू को उसी जगह पर गाड़ दें साधना पूर्ण होने के बाद चाकू को बाहर निकालकर उसे काट इसके बाहर निकल कर चले आए।
ॐ नमो आदेश गुरु को धरती माता धरती पिता धरती धरे ना धीर बाजे सिंगी बाजै तरतरी आया गोरखनाथ मीन का पूत मूंज का छड़ा लोहे का कड़ा यति हनुमंत हमारे पिंड पीछे खड़ा शब्द सांचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा ।
सरल शरीर रक्षा मंत्र
शरीर रक्षा हेतु इस मंत्र को हनुमान जी के मंदिर में 1008 बार जाप करने से सिद्ध हो जाता है और जब इसका प्रयोग करें तो 7 बार मंत्र पढ़कर अपने ऊपर फूंक मारने से शरीर सुरक्षित हो जाता है
ॐ नमों आदेश गुरू को आदेश जय हनुमान वीर महान करथों तोला प्रनाम,
भूत–प्रेत मरी–मशान भाग जाय तोर सुन के नाम, मोर शरीर के रक्षा करिबे
नही तो सिता भैया के सैया पर पग ला धरबे, मोर फूके मोर गुरू के फुके
गुरू कौन गौर महादेव के फूके जा रे शरीर बँधा जा।
जब कोई साधना कर रहे हो अपने चारों तरफ सुरक्षा कैसे बनाना चाह रहे हैं तो इस मंत्र को 11 बार पढ़ कर छात्रों से घेरा बनाए और गुरु को याद करते हुए घेरे में बैठकर साधना करें इस प्रकार से शरीर सुरक्षा कवच बन जाएगा और आपकी सुरक्षा बनी रहेगी
हनुमान शाबर मंत्र
शरीर सुरक्षा हेतु हनुमान का साबर मंत्र सिद्ध करने से शरीर सुरक्षा हो जाती है इस मंत्र को सिद्ध करने से पहले अपने गुरु जी को प्रणाम करें और आदेश ले उसके बाद इस मंत्र को पढ़कर चारों ओर चाकू से घेरा बना ले। इस मंत्र को सिद्ध करने से पहले अपने गुरु जी से पूर्ण रूप से सलाह अवश्य लें.
ओम गुरुजी को आदेश गुरजी को प्रणाम, धरती माता धरती पिता, धरती धरे ना धीरबाजे श्रींगी बाजे तुरतुरि आया गोरखनाथमीन का पुत् मुंज का छड़ा लोहे का कड़ा हमारी पीठ पीछे यति हनुमंत खड़ा, शब्द सांचा पिंड काचास्फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।।
देह रक्षा करने का मंत्र लॉक करें
देह रक्षा करने के लिए इस मंत्र को सिद्ध करना होता है इस मंत्र को हनुमान जी के सामने बैठकर 21 दिन लगातार 1 घंटे जाप करना होता है और जब प्रयोग करना हो तो इस मंत्र को पढ़कर अपनी चारों ओर फूंक मार ले सुरक्षा कवच बन जाएगा।
ओम ब्रह्रा शुद्र समस्त मम देह आबध आबध वज्र देह फट
शरीर रक्षा शाबर मंत्र
शरीर रक्षा के लिए शाबर मंत्र को 1008 बार जप करके सिद्ध करें और सिद्ध होने के बाद 11 बार आहुति दें इसके बाद इसका जब प्रयोग करना हो तो इस मंत्र को 11 बार पढ़ कर अपने चारों ओर सुरक्षा घेरा बना ले उसके बाद साधना कर सकते हैं इससे आपकी सुरक्षा बनी रहेगी
दाएं बांध बाए बांध उपर बांध नीचे बांध
आप बांध चाप बांध
आंख कान नाक बांध
हाथ बांध पांव बांध
शत्रु का सारा शरीर बांध।
शरीर बंधन शाबर मंत्र बजरंग बली का मंत्र
हनुमान जी का यह शाबर मंत्र 21 दिन लगातार जाप करने के बाद सिद्ध हो जाता है और जब इसका प्रयोग करना हो तो एक लाल धागे में 7 गाने बांधने और प्रत्येक गांठ बांधते समय 3 बार मंत्र पढ़ ले तत्पश्चात साधना करें।
अकवन बीरा कचवन पात गात बांधों ।।
छे दिन नौ रात लोहे की कोठरी बज्र
किवाड़ उसमे राखो आपन पांचो पिंड ।।
और प्राण ,कोई खोले ना खुले कोई खोले
छाती फाट मरे जान जी से जाय ।।
ततवा खार नहाय आ गये परदेश ।
जिया जान से दुहाई बजरंग बली की ।।
भैरव बाबा का देह रक्षा मंत्र | sharir ki raksha ka mantra
इस मंत्र को होली या दीपावली के दिन 108 बार जाप करने से सिद्ध कर लिया जाता है और जब इसका प्रयोग करना हो तो 7 बार मंत्र पढ़कर अपने चारों ओर तुम को मारने और इस प्रकार से सुरक्षा कवच बन जाता है।
चेत सूना सान औंधी खोपड़ी मरघटिया मसान
बांध दे बाबा भैरों की आन ।।
देह रक्षा मंत्र पॉवर फुल
इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए होली के दिन दाल चावल और हल्दी और कंडे लेकर होलिका दहन के पास जाएं और होली से विनती करें कि है होली मेरा यह निमंत्रण स्वीकार करते हुए सफलता दिलाने में मदद करें।
इतना करने के बाद 5 या 7 अगरबत्ती जला कर चले जाना है उसके बाद 4:00 को वहां पर जाकर होली के अंदर बैठकर 108 बार मंत्र का जाप करें और माता होली से प्रार्थना करें कि हे माता मेरी रक्षा करें.
जाप करते समय एक डिब्बे के अंदर राख डालने और नारियल का भेंट दे फिर बिना मुड़े घर चले आए घर आने के बाद एक चुटकी इराक माथे पर लगाएं इस प्रकार से सुरक्षा कवच बना रहेगा।
ओम नमो आदेश गुरू को वज्र व्रजी किवाड़ व्रजी मैं बांधा।।
दशो द्वार जो घाले घात उल्ट वेद वाही को खात पहली चोकी ।।
गणपति की ,दूजी चौकी हनुमंत की तीजी चौकी भैरव की चौथी चौकी
राम रक्षा करने की ,क्ष्री नरसिंह देव जी आए शब्द सांचा ।
पिंड कांचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा सत्यनाम आदेश गुरूको
बिना सिद्ध किये शरीर रक्षा मंत्र
यह मंत्र एक सिद्ध मंत्र होता है इसको कभी ज्यादा सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं बस इसे मंगलवार के दिन हनुमान जी के सामने 108 बार जाप करें और यह मंत्र सिद्ध हो जाता है और जब इसे प्रयोग करना चाहे तब 21 बार जाप करके अपने ऊपर फूक मार ले।
ओम गुरूजी को आदेश गुरू
जी को प्रणाम धरती माता
धरती पिता धरती धीरे ना धीर ।।
बाजे क्ष्रंगी बाजे तुर्तुरी ।
आया गोरखनाथ मीन का
पूत मूंज का सड़ा लोहे का
कड़ा हमारी पीठ पीछे यति ।
हनुमंत खड़ा शब्द सांचा पिंड काचा ।
सुफरो मंत्र ईश्वर वाचा ।।
देह रक्षा मंत्र के फायदे
प्रिय पाठकों साधकों भक्तगण हो इस लेख के माध्यम से मैं आपको अवगत कराना चाहता हूं कि देह रक्षा मंत्र क्यों जरूरी हैं तथा इनके क्या फायदे हैं दरअसल जो लोग साधना करते हैं.
उन लोगों के लिए साधना के समय कई भयानक डरावनी शक्तियां एकत्र रहती हैं जो आपको साधना के समय किसी भी प्रकार से हानि पहुंचा सकती हैं यहां तक की साधक की मृत्यु भी हो सकती है.
ऐसे में साधना काल काफी डरावना और भयभीत कर देना वाला होता है इस दौरान यदि देह रक्षा मंत्र के प्रयोग किए जाते हैं तो किसी भी प्रकार की अदृश्य डरावनी शक्तियों का कोई खतरा नहीं रह जाता है आइए जानते हैं कि साधना काल मैं शरीर रक्षा मंत्र के कौन-कौन से फायदे हैं ?
1. साधना काल मे निडरता
जब कोई भी साधक या तपस्वी तांत्रिक साधना कर रहा होता है तो उसके अंदर पूर्ण रूप से निडरता होना जरूरी है क्योंकि साधना के समय यदि आप किसी भी डर में रहते हैं तो आप को नुकसान हो सकता है.
ऐसे में देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करने से किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं रह जाता है. रात्रि के समय साधना के दौरान कई ऐसी भूत प्रेत आत्माएं होती हैं जो आपको साधना के लिए बाधक हो जाती हैं और आपको डरा कर नष्ट कर देते हैं. ऐसे में देह रक्षा मंत्र से सुरक्षा कर लेने से किसी प्रकार का खतरा नहीं रह जाता है।
2. शत्रुओं से शरीर की रक्षा के लिए
देह रक्षा मंत्र आपको शत्रुओं से भी सुरक्षा कराता है क्योंकि कभी-कभी हो सकता है कोई दुश्मन आपका आप को मारने के लिए हर वक्त फिराक में रहता है ऐसी स्थिति में जब आप शत्रुओं से गिरे हो तो देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करें जिससे आपको कोई नुकसान होने की संभावनाएं नहीं रह जाती हैं।
3. भूत प्रेत से सामान्य देह रक्षा
जो लोग रात दी रात कहीं आते जाते रहते हैं और उन्हें किसी प्रकार की भूत प्रेत या अदृश्य छाया से डर महसूस होता है तो ऐसी स्थिति में आप अपनी सुरक्षा के लिए देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करके बेहद सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
देह रक्षा मंत्र का प्रयोग करते समय सावधानियां
देह रक्षा मंत्र प्रयोग करने से पहले उन्हें सिद्ध करना आवश्यक होता है और इन्हें सिद्ध करने के लिए सदैव एक अच्छे गुरु की सलाह लेना अनिवार्य होता है अर्थात एक सिद्ध गुरु के सानिध्य में ही देह रक्षा मंत्र सिद्ध करने से आपको हर प्रकार की समस्याएं हल हो जाती हैं.
क्योंकि सिद्ध किए हैं मंत्र में जरा सी भी गलती करने पर आपको भारी नुकसान हो सकता है. ऐसे में अपने गुरु के सानिध्य में मंत्रों को सिद्ध करें और उनके आदेशानुसार देह रक्षा मंत्रों का प्रयोग करें।