भगवान शिव के 12 नाम | Bhagwan Shiv Ki 12 Naam : हेलो दोस्तों नमस्कार स्वागत है आपका आज के हमारे इस नए लेख पर हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से भगवान शिव के 12 नाम के बारे में बताने वाले हैं हमारे हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह की सभी दिन किसी न किसी देवता को समर्पित किए गए हैं उसी प्रकार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है.
लेकिन ऐसा भी कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अधिक ही महत्वपूर्ण मानी जाती है लेकिन वहीं पर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के महीने में अगर सच्चे मन से भगवान शिव के 12 नाम का जाप किया जाए तो उससे भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं.
वैसे तो भगवान शिव के अनेकों नाम होते हैं लेकिन आपको भगवान शिव के 12 नाम ही जाप करना है क्योंकि हम आप लोगों को भोलेनाथ के कुछ चुनिंदा ऐसे नामों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन का जाप करने से मात्र व्यक्ति को अपने समस्त पापों से मुक्ति ही नहीं बल्कि भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से भगवान शिव के 12 नाम के बारे में बताने वाले हैं इसके अलावा भगवान शिव के 12 नाम के मंत्र कौन से हैं भगवान शिव के 12 नाम और स्थान भगवान शिव के 108 नामों का अर्थ इन सारे विषयों की संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं अगर आप इस जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप लोगों को इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
- 1. भगवान शिव के 12 नाम | Bhagwan Shiv Ki 12 Naam
- 2. भगवान शिव के 12 नाम के मंत्र | Bhagwan Shiv ke 12 Naam Ke Mantra
- 3. भगवान शिव के 12 नाम और स्थान | Bhagwan Shiv ke 12 Naam aur sthan
- 4. भगवान शिव के 108 नामों के अर्थ | Bhagwan Shiv ke 108 Naam ke Arth
- 5. FAQ : भगवान शिव के 12 नाम
- 5.1. शिव का दूसरा नाम क्या है?
- 5.2. शिव के 28 अवतार कौन कौन से हैं?
- 5.3. शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
- 6. निष्कर्ष
भगवान शिव के 12 नाम | Bhagwan Shiv Ki 12 Naam
क्र०स० | भगवान शिव के 12 नाम |
1. | सोमनाथ |
2. | मल्लिकार्जुन |
3. | महाकालेश्वर |
4. | ओंकारेश्वर |
5. | वैद्यनाथ |
6. | भीमाशंकर |
7. | रामेश्वर |
8. | नागेश्वर |
9. | विश्वनाथ |
10. | त्र्यम्बकेश्वर |
11. | केदारनाथ |
12. | घृष्णेश्वर |
आप लोग भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको भगवान शिव के 12 नाम के मंत्रों का स्मरण करना चाहिए इसके लिए आपको सुबह नृत्य उठकर स्नानादि से निश्चिंत होने के बाद भगवान शिव के 12 नामों का स्मरण कर दिन का आरंभ करना चाहिए स्मरण करने से ही नहीं बल्कि आपको भगवान शिव की शिवलिंग के पास बैठकर एक-एक नाम बोलकर और उसका मंत्र बोलकर भगवान शिव के ऊपर बेलपत्र पुष्प और काले तिल चढ़ाने चाहिए .
उसके बाद आपको इन नामों के द्वारा भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए उसके अलावा आप इन नामों का शिवरात्रि के दिन भी स्मरण कर सकते हैं और उनकी पूजा विशेष भी मानी जाती है.
भगवान शिव के 12 नाम के मंत्र | Bhagwan Shiv ke 12 Naam Ke Mantra
शिव के 12 नाम | भगवान शिव के 12 नामों के मंत्र |
सोमनाथ | ॐ शिवाय नमः |
मल्लिकार्जुन | ॐ रुद्राय नमः |
महाकालेश्वर | ॐ पशुपतये नमः |
ओंकारेश्वर | ॐ नीलकण्ठाय नमः |
वैद्यनाथ | ॐ महेश्वराय नमः |
भीमाशंकर | ॐ हरिकेशाय नमः |
रामेश्वर | ॐ विरूपाक्षाय नमः |
नागेश्वर | ॐ पिनाकिने नमः |
विश्वनाथ | ॐ त्रिपुरान्तकाय नमः |
त्र्यम्बकेश्वर | ॐ शम्भवे नमः |
केदारनाथ | ॐ शूलिने नमः |
घृष्णेश्वर | ॐ महादेवाय नमः |
भगवान शिव के 12 नाम का जाप करने के बाद आपको भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करना है क्योंकि भगवान भोलेनाथ गंगाजल से जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और इससे मनुष्य को मोक्ष और शुभ लाभ भी होता है. लेकिन अगर आप किसी कर्ज से अधिक परेशान है आपके घर में अधिक परेशानियां होती हैं तो आपको उसके लिए गंगाजल को लेकर पीतल की बोतल में भरकर उसे अपने घर के कमरे में उत्तर पूर्व दिशा की ओर रख दें।
लेकिन अगर आप को किसी भी कार्य में तरक्की हासिल नहीं हो रही है और सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तो उसके लिए आपको गंगाजल को हमेशा के लिए अपने पूजा स्थान पर या फिर किचन में रखना चाहिए अगर आप अपने घर में धन की प्राप्ति और व्यवसाय एवं बेहतरीन नौकरी के लिए आप भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र कलम और गंगाजल अवश्य चढ़ाएं.
हमारे हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि गंगाजल को अपने घर में अवश्य रखना चाहिए इससे आपके घर में सुख और समृद्धि आती है इसीलिए आपको हमेशा अपने घर में एक पात्र में गंगाजल को भरकर रखना चाहिए इसको करने से आपके घर का वास्तु दोष भी खत्म हो जाता है और आपके घर के अन्य परेशानियां भी खत्म हो जाती हैं उसके साथ आपको नियमित रूप से अपने घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए अगर आप गंगाजल का छिड़काव नियमित रूप से करते हैं तो वास्तु दोष का प्रभाव खत्म हो जाता है और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है.
रात को सोते समय अगर आपके सपने में डरावने सपने आते हैं तो आपको इसके लिए सोने से पहले अपने बिस्तर पर गंगाजल का छिड़काव कर लेना चाहिए अगर आप यह प्रक्रिया करते हैं तो डरावने सपने आना बंद हो जाता है.
भगवान शिव के 12 नाम और स्थान | Bhagwan Shiv ke 12 Naam aur sthan
भगवान शिव के 12 नाम | स्थान |
श्री सोमनाथ | सोमनाथ, |
गुजरातश्री मल्लिकार्जुन | श्रीशैलम, |
आंध्र प्रदेशश्री महाकालेश्वर | उज्जैन |
मध्य प्रदेशश्री ओंकारेश्वर | मांधाता |
मध्य प्रदेशश्री केदारनाथ | केदारनाथ |
उत्तराखंडश्री भीमशंकर | भीमाशंकर |
महाराष्ट्रश्री विश्वेश्वर | वाराणसी |
उत्तर प्रदेश श्री त्र्यम्बकेश्वर | नासिक ज़िले के त्रिंबक गांव |
महाराष्ट्रश्री बैद्यनाथ | देवघर |
झारखण्डश्री नागेश्वर | दारुकावनम |
गुजरातश्री रामेश्वर | रामेश्वरम |
तमिलनाडुश्री घुश्मेश्वर | तमिलनाडुश्री |
भगवान शिव के 108 नामों के अर्थ | Bhagwan Shiv ke 108 Naam ke Arth
क्र०स० | नाम | अर्थ |
---|---|---|
1 | अज | जन्म रहित |
2 | अनघ | पापरहित |
3 | अनंत | देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित |
4 | अनीश्वर | जो स्वयं ही सबके स्वामी है |
5 | अनेकात्मा | अनेक रूप धारण करने वाले |
6 | अपवर्गप्रद | कैवल्य मोक्ष देने वाले |
7 | अंबिकानाथ | देवी भगवती के पति |
8 | अव्यक्त | इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले |
9 | अव्यग्र | कभी भी व्यथित न होने वाले |
10 | अव्यय | खर्च होने पर भी न घटने वाले |
11 | अष्टमूर्ति | आठ रूप वाले |
12 | अहिर्बुध्न्य | कुण्डलिनी को धारण करने वाले |
13 | उग्र | अत्यंत उग्र रूप वाले |
14 | कठोर | अत्यंत मजबूत देह वाले |
15 | कपर्दी | जटाजूट धारण करने वाले |
16 | कपाली | कपाल धारण करने वाले |
17 | कवची | कवच धारण करने वाले |
18 | कामारी | कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले |
19 | कृत्तिवासा | गजचर्म पहनने वाले |
20 | कृपानिधि | करूणा की खान |
21 | कैलाशवासी | कैलाश के निवासी |
22 | खटवांगी | खटिया का एक पाया रखने वाले |
23 | खण्डपरशु | टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले |
24 | गंगाधर | गंगा जी को धारण करने वाले |
25 | गणनाथ | गणों के स्वामी |
26 | गिरिधन्वा | मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले |
27 | गिरिप्रिय | पर्वत प्रेमी |
28 | गिरिश्वर | कैलाश पर्वत पर सोने वाले |
29 | गिरीश | पर्वतों के स्वामी |
30 | चारुविक्रम | सुन्दर पराक्रम वाले |
31 | जगद्गुरू | जगत् के गुरू |
32 | जगद्व्यापी | जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले |
33 | जटाधर | जटा रखने वाले |
34 | तारक | सबको तारने वाले |
35 | त्रयीमूर्ति | वेदरूपी विग्रह करने वाले |
36 | त्रिपुरांतक | त्रिपुरासुर को मारने वाले |
37 | त्रिलोकेश | तीनों लोकों के स्वामी |
38 | दक्षाध्वरहर | दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले |
39 | दिगम्बर | नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले |
40 | दुर्धुर्ष | किसी से नहीं दबने वाले |
41 | देव | स्वयं प्रकाश रूप |
42 | नीललोहित | नीले और लाल रंग वाले |
43 | पंचवक्त्र | पांच मुख वाले |
44 | परमात्मा | सब आत्माओं में सर्वोच्च |
45 | परमेश्वर | सबसे परम ईश्वर |
46 | परशुहस्त | हाथ में फरसा धारण करने वाले |
47 | पशुपति | पशुओं के स्वामी |
48 | पाशविमोचन | बंधन से छुड़ाने वाले |
49 | पिनाकी | पिनाक धनुष धारण करने वाले |
50 | पुराराति | पुरों का नाश करने वाले |
51 | पूषदन्तभित् | पूषा के दांत उखाड़ने वाले |
52 | प्रजापति | प्रजाओं का पालन करने वाले |
53 | प्रमथाधिप | प्रमथगणों के अधिपति |
54 | भक्तवत्सल | भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले |
55 | भगनेत्रभिद् | भग देवता की आंख फोड़ने वाले |
56 | भगवान् | सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न |
57 | भर्ग | पापों को भूंज देने वाले |
58 | भव | संसार के रूप में प्रकट होने वाले |
59 | भस्मोद्धूलितविग्रह | सारे शरीर में भस्म लगाने वाले |
60 | भीम | भयंकर रूप वाले |
61 | भुजंगभूषण | सांपों के आभूषण वाले |
62 | भूतपति | भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी |
63 | महाकाल | कालों के भी काल |
64 | महादेव | देवों के भी देव |
65 | महासेनजनक | कार्तिकेय के पिता |
66 | महेश्वर | माया के अधीश्वर |
67 | मृगपाणी | हाथ में हिरण धारण करने वाले |
68 | मृड | सुखस्वरूप वाले |
69 | मृत्युंजय | मृत्यु को जीतने वाले |
70 | यज्ञमय | यज्ञस्वरूप वाले |
71 | रूद्र | भयानक |
72 | ललाटाक्ष | ललाट में आंख वाले |
73 | वामदेव | अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले |
74 | विरूपाक्ष | विरूपाक्ष |
75 | विश्वेश्वर | सारे विश्व के ईश्वर |
76 | विष्णुवल्लभ | भगवान विष्णु के अति प्रिय |
77 | वीरभद्र | वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले |
78 | वृषभारूढ़ | बैल की सवारी वाले |
79 | वृषांक | बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले |
80 | व्योमकेश | आकाश रूपी बाल वाले |
81 | शंकर | सबका कल्याण करने वाले |
82 | शम्भू | आनंद स्वरूप वाले |
83 | शर्व | कष्टों को नष्ट करने वाले |
84 | शशिशेखर | सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले |
85 | शाश्वत | नित्य रहने वाले |
86 | शितिकण्ठ | सफेद कण्ठ वाले |
87 | शिपिविष्ट | सितुहा में प्रवेश करने वाले |
88 | शिव | कल्याण स्वरूप |
89 | शिवाप्रिय | पार्वती के प्रिय |
90 | शुद्धविग्रह | शुद्धमूर्ति वाले |
91 | शूलपाणी | हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले |
92 | श्रीकण्ठ | सुंदर कण्ठ वाले |
93 | सदाशिव | नित्य कल्याण रूप वाल |
94 | सर्वज्ञ | सब कुछ जानने वाले |
95 | सहस्रपाद | हजार पैरों वाले |
96 | सहस्राक्ष | हजार आंखों वाले |
97 | सात्त्विक | सत्व गुण वाले |
98 | सामप्रिय | सामगान से प्रेम करने वाले |
99 | सुरसूदन | अंधक दैत्य को मारने वाले |
100 | सूक्ष्मतनु | सूक्ष्म शरीर वाले |
101 | सोम | उमा के सहित रूप वाले |
102 | सोमसूर्याग्निलोचन | चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले |
103 | स्थाणु | स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले |
104 | स्वरमयी | सातों स्वरों में निवास करने वाले |
105 | हर | पापों व तापों को हरने वाले |
106 | हरि | विष्णुस्वरूप |
107 | हवि | आहूति रूपी द्रव्य वाले |
108 | हिरण्यरेता | स्वर्ण तेज वाले |
FAQ : भगवान शिव के 12 नाम
शिव का दूसरा नाम क्या है?
शिव के 28 अवतार कौन कौन से हैं?
शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
निष्कर्ष
जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम से भगवान शिव के 12 नाम अर्थात भगवान शिव के 12 नाम के मंत्र 12 नामों के अर्थ भगवान शिव के 12 नाम और स्थान भगवान शिव के 108 नामों के अर्थ इन सारे विषयों की संपूर्ण जानकारी दी है अगर आपने हमारे इस लेख को अच्छे से पढ़ा है तो आपको इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी बात करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए उपयोगी भी साबित हुई होगी.