वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन Vrishabha rashi sampurna jiwan : हेलो दोस्तों नमस्कार आज मैं इस लेख में आप सभी लोगों को वृषभ राशि के जातक जातिका के संपूर्ण जीवन के विषय बताऊंगी, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति की राशि के हिसाब से उस व्यक्ति के संपूर्ण जीवन के विषय में पूरी जानकारी अच्छे से प्राप्त की जा सकती है.
मगर इसके लिए व्यक्ति के पास ज्योतिष ज्ञान होना आवश्यक है तभी जाकर कोई व्यक्ति अपनी राशि के हिसाब से अपने जीवन के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकता है और हर व्यक्ति के पास ज्योतिष ज्ञान होना संभव नहीं है इसीलिए आज हम इस लेख में अपने ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के लोगों के विषय में संपूर्ण जानकारी बताने की पूरी कोशिश करेंगे .
जिसने हम सबसे पहले बताएंगे वृषभ राशि किन लोगों की होती है और इनके स्वामी कौन है ? फिर वृषभ राशि के जातक जातिका के स्वभाव के विषय में बताएंगे, उसके पश्चात इन लोगों के करियर, लव लाइफ और भविष्य से संबंधित अन्य जानकारियां बताएंगे.
ऐसे में अगर आपकी भी राशि वृषभ है और आप अपने संपूर्ण जीवन की जानकारी को प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया करके इस लेख को शुरू से अंत तक अवश्य पढ़ें.
- 1. वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन | Vrishabha rashi sampurn jiwan
- 2. वृषभ राशि किन लोगों की होती है ?
- 2.1. जन्म के आधार पर
- 3. वृषभ राशि के स्वामी कौन है ?
- 4. वृषभ राशि के जातक जातिका का स्वभाव
- 5. वृषभ राशि के लोगों का कैरियर
- 6. वृषभ राशि लव लाइफ
- 7. वृषभ राशि के लोगों का भाग्योदय
- 8. वृषभ राशि के भाग्योदय मंत्र
- 9. वृषभ राशि की कुंडली में शुभ योग
- 9.1. मंगल का रूचक योग
- 10. वृषभ राशि की मित्र राशियां
- 11. वृषभ राशि की शत्रु राशियां
- 12. FAQ : वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन
- 12.1. वृषभ राशि के लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है ?
- 12.2. वृषभ राशि के लोगों को किन राशि के लोगों से विवाह करना चाहिए ?
- 12.3. वृषभ राशि के लोगों की दिनचर्या कैसी रहती है ?
- 13. निष्कर्ष
वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन | Vrishabha rashi sampurn jiwan
वृषभ राशि किन लोगों की होती है ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर ई, ऊ, ए, ब, ओ, वा, वी, वू, वे, वो से प्रारंभ होता है उन लोगों की राशि वृषभ राशि मानी गई है.
जन्म के आधार पर
ज्योतिष का कहना है किसी भी बालक के जन्म के समय चंद्रमा हिंदू पंचांग के जिस राशि में बैठी होगी वही राशि उस बच्चे की मानी जाएगी.
वृषभ राशि के स्वामी कौन है ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू पंचांग में कुल 12 राशियां बताई गई हैं जिनमें नौ ग्रह उपस्थित हैं और उन नवग्रहों में से वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह को माना गया है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह सुख संपदा और ऐश्वर्या का कारक माना गया है .
वृषभ राशि के जातक जातिका का स्वभाव
तो मित्रों आइए जान लेते हैं वृषभ राशि के लोगों का स्वभाव कैसा होता है ? वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह है इसलिए इस राशि के जातक जातिका का मन रचनात्मक और कलात्मक कामों में अधिक लगता है। वृषभ राशि के लोग बहुत ही मेहनती होते हैं यह लोग अगर किसी कार्य को करने की ठान लेते हैं तो उसे करके ही दम लेते हैं.
क्योंकि इनके अंदर एक हौसला रहता है. जिसकी सहायता से यह लोग अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेते हैं. इसी के साथ में यह लोग हर रिश्ते को मान सम्मान देते हैं. जिसके चलते इन लोगों के चाहने वालों की संख्या अधिक हो जाती है.
लेकिन ज्योतिष शास्त्र का यह भी आपके कहना हैं कि यह लोग शांत स्वभाव के होते हुए भी कई बार बहुत ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं जिसकी वजह से यह लोग बना बनाया कार्य भी बिगाड़ देते हैं इसीलिए कुछ लोगों की नजरों में वृषभ राशि के जातक जातिका अहंकारी बन जाते हैं.
वृषभ राशि के लोगों का कैरियर
वृषभ राशि के लोग धैर्य स्थिरता और जिम्मेदारी को पूरा करने वाले व्यक्ति होते हैं ऐसे में ज्योतिष का कहना है कि वृषभ राशि के लोगों को जमीन से संबंधित है करियर अपनाने में रुचि होती है, और इनकी इसी रूचि की वजह से यह लोग किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट को बहुत ही जिम्मेदारी से पूरा करते हैं, कहने का सीधा तात्पर्य है वृषभ राशि के लोग लेखपाल, वकील या फिर किसी सरकारी कंपनी में कर्मचारी पद पर कार्य करना पसंद करते हैं.
वृषभ राशि लव लाइफ
जैसा कि हमने बताया कि वृषभ राशि के ग्रह शुक्र देवता है जो कि सुख शांति और प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं इसीलिए इस राशि के लोग किसी से अपने मतलब के लिए प्रेम नहीं करते हैं एक बार जिस व्यक्ति से प्यार कर लेते हैं तो उसी से शादी करते है. यह लोग अगर एक बार किसी से प्यार करते हैं तो दिन में एक बार उससे प्रेम पूर्वक भावना से बात अवश्य करते हैं.
फिर चाहे उनके पास समय हो या ना हो, यह लोग अपना काम छोड़कर अपने रिश्ते को अहमियत देते हैं और इनके इसी स्वभाव की वजह से सामने वाला पार्टनर भी इनसे बहुत ज्यादा प्रेम करने लगता है और फिर दोनों शादी भी कर लेते हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के लोगों को जीवनसाथी के रूप में मीन और कन्या राशि के जातक जातिका के साथ शादी करना शुभ माना गया है.
वृषभ राशि के लोगों का भाग्योदय
हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी भाग्य उदय अवश्य होता है इसलिए पूर्ण रूप से कह पाना संभव है कि किसका किस समय भाग्य उदय होता है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि वालों का भाग्य उदय भाग्योदय 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 36 वर्ष की आयु और 42 वर्ष की आयु में भाग्योदय होता है.
ज्योतिष शास्त्र का कहना है अगर इस उम्र में वृषभ राशि के जातक किसी कार्य को करने के लिए आगे बढ़ाते हैं तो उस काम में इन्हें सफलता अवश्य मिलेगी.
वृषभ राशि के भाग्योदय मंत्र
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना गया है कि अगर कोई भी जातक या जातिका अपनी राशि के अनुसार मंत्र का उच्चारण करते हैं तो उन्हें उस मंत्र जाप करने का शुभ फल अवश्य मिलता है इसीलिए हम यहां पर वृषभ राशि के जातक के भाग्य उदय का मंत्र क्या होता है इसके विषय में बताएंगे.
जाप मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” व “ऊँ शं शनैश्चराय नम:” ।।
ज्योतिष के अनुसार ऐसा कहा गया है अगर वृषभ राशि के जातक जातिका इस मंत्र को पूरी श्रद्धा के साथ किसी एकांत स्थान पर अपने मन को केंद्रित करके 108 बार जाप करते हैं, तो इस मंत्र से उनकी राशि का स्वामी यानी कि शुक्र ग्रह प्रसन्न होते हैं और फिर आपकी कुंडली के उच्च भाव में प्रवेश करके आपके जीवन में शुभ फल देने लगता है . इसीलिए इस मंत्र को भाग्य उदय मंत्र के लिए सबसे प्रभावशाली मंत्र माना गया है.
वृषभ राशि की कुंडली में शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 32 योग बताए गए हैं जिनमें से कुछ व्यक्ति के जीवन पर शुभ प्रभाव डालते हैं तो कुछ अशुभ प्रभाव डालते हैं इसीलिए यह जानना जरूरी है कि वृषभ राशि की कुंडली में कौन सा योग शुभ माना जाता है तो आइए जानते हैं, वृषभ राशि की कुंडली में शुभ योग कौन सा माना गया हैं ?
मंगल का रूचक योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा बताया गया है की यह योग्य वृषभ राशि के जातक जातिका की कुंडली में बनता है तो उन लोगों के जीवन में किसी प्रकार का कोई कष्ट नहीं रह जाता है क्योंकि जब यह योग किसी भी जातक की कुंडली में बनता है तो वह व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत ज्यादा मजबूत हो जाता है और फिर वह किसी भी विषय पर बहुत जल्दी निर्णय ले लेता है तथा उसके लिए क्या सही है क्या गलत है ?
इसके विषय में वह अपने आप में ही विचार कर लेता है इसीलिए यह योग वृषभ राशि के लोगों के अलावा अन्य लोगों की कुंडली में बनने पर उनके जीवन में शुभ प्रभाव डालता है और यह योग तभी बनता है जब आपकी कुंडली में मंगल ग्रह लग्न भाव और चंद्रमा 1, 4, 7 या 10वें घर में विराजमान होते हैं.
वृषभ राशि की मित्र राशियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के देवता शुक्र ग्रह है जिनकी मित्रता शनि देव से है जो कुंभ और मकर राशि के प्रमुख देवता माने जाते हैं. इसीलिए वृषभ राशि के लोग कुंभ और मकर राशि से मित्रता कर सकते हैं. इसके अलावा कन्या, मिथुन, मेष, राशि से भी वृषभ राशि के लोग मित्रता कर सकते हैं.
वृषभ राशि की शत्रु राशियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंह, धनु ,मीन, इन 3 राशियों को वृषभ राशि की शत्रु राशिया बताई गई है क्योंकि इन राशियों के स्वामी मंगल ग्रह को माना गया है जो कि शुक्र ग्रह के शत्रु माने गए है इसीलिए इन राशियों के साथ वृषभ राशि के लोग मित्रता अच्छी नहीं रहेगी.
FAQ : वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन
वृषभ राशि के लोगों की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है ?
वृषभ राशि के लोगों को किन राशि के लोगों से विवाह करना चाहिए ?
वृषभ राशि के लोगों की दिनचर्या कैसी रहती है ?
निष्कर्ष
तो मित्रों जैसा कि हमने इस लेख में वृषभ राशि सम्पूर्ण जीवन से संबंधित विशेष जानकारी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है जिसमें हमने खासतौर से वृषभ राशि के जातक का स्वभाव कैरियर प्लस साइज इन सब के विषय में बताया है अगर आप लोगों ने इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़ा होगा तो आपको वृषभ राशि संबंधित जानकारी प्राप्त हो गई होगी तो दोस्तों में करते हैं आप लोगों को हमारी तरफ से जानकारी पसंद आई होगी और यह आप लोगों के लिए उपयोगी साबित होगा