शरीर सुरक्षा घेरा मंत्र : सपूर्ण देह रक्षा शाबर मंत्र और सिद्ध विधि | Sharir suraksha ghera mantra

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

Sharir suraksha ghera mantra शरीर सुरक्षा घेरा मंत्र :  आज के इस आर्टिकल में हम आपको शरीर बांधने के मंत्र के बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगर आप इंटरनेट Internet पर यह सर्च search करते रहते हैं कि शरीर बांधने का मंत्र क्या है या फिर देह रक्षा मंत्र क्या है तो आज का यह आर्टिकल article आपके लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि इसमें हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने वाले हैं|

अगर आप एक साधक हैं या फिर आप तंत्र मंत्र की क्रिया से जुड़े हुए हैं तो आपने कभी ना कभी शरीर बांधने के मंत्र के बारे में अवश्य सुना होगा, अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो चिंता बिल्कुल भी ना करें क्योंकि आज आप इसके बारे में जान जाएंगे|

जो लोग तंत्र मंत्र के मार्ग मे होते हैं उनके पास देह body रक्षा मंत्र या शरीर रक्षा मंत्र सिद्व होता है।

 बंधे हुए शरीर को खोलने का मंत्र, shareer bandhane ka mantra , sharir bandhne ka mantra bataye, sharir bandhne ka mantra bataen, sharir bandhne ka mantra bataiye, sharir bandhne ka mantra, शरीर बांधने का मंत्र, शरीर बांधने का मंत्र बताइए, शरीर को बांधने का मंत्र, apna sharir bandhne ka mantra,

देह रक्षा मंत्र का अर्थ है – शरीर की रक्षा या देह की रक्षा 

बहुत से लोग यह चाहते हैं कि वह दूसरी ताकतों से अपने शरीर की रक्षा कर सकें, जैसे अगर कोई व्यक्ति भूत प्रेत ghost की साधना करता है तो कुछ गलतियां होने पर भूत उस साधक की जान भी ले सकता है ऐसी स्थिति में साधक साधना चालू करने से पहले अपने शरीर को किसी सिद्ध मंत्र के द्वारा बांध देता है जिसके बाद भूत चाह कर भी गलती होने पर भी साधक का कुछ नुकसान नहीं कर पाता|

इसी तरह तांत्रिक साधना देवी देवताओं की साधना में भी शरीर रक्षा मंत्र का इस्तेमाल किया जाता है,हमारे ख्याल से अभी तक आप यह समझ गए होंगे कि शरीर रक्षा मंत्र का इस्तेमाल क्यों किया जाता है चलिए अब आगे जानते हैं कि शरीर रक्षा मंत्र कौन-कौन से हैं|

शरीर सुरक्षा घेरा मंत्र : देह रक्षा मंत्र और शरीर रक्षा कवच मंत्र | shareer suraksha ghera mantra

नीचे हम आपको शरीर रक्षा मंत्र के बारे में बता रहे हैं,हमने आपको नीचे जो मंत्र दिया है उसे आपको किसी भी ग्रहण काल से शुरू करना है और उसके बाद लगातार 21 दिनों तक आपको रोजाना 1008 बार इस मंत्र का जाप करना है|

इस मंत्र का जाप करने से पहले आपको हनुमान जी की पूजा करनी है और उनकी फोटो के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाना है और जब आपका मंत्र जाप पूरा हो जाए तो उसके बाद आपको हनुमान जी के मंदिर में जाना है और हनुमान जी को सिंदूर और चोला चढ़ाना है और उन्हें मोतीचूर का लड्डू भी प्रसाद के तौर पर अर्पण करना है|

इसके बाद आपको बचे हुए प्रसाद को बच्चों में बांट देना है, ऐसा करने से आपका मंत्र सिद्ध हो जाता है और जब आपको इस मंत्र का इस्तेमाल करना हो तो 7 बार आपको इस मंत्र को पढ़कर अपने शरीर पर फूंक मारनी है, ऐसा करने से आपका शरीर बंध जाएगा|

 ॐ नमः वज्र का कोठा

जिसमें पिण्ड हमारा पैठा

ईश्वर की कुंजी , ब्रह्मा का ताला

मेरे आठोंयाम का यती हनुमन्त रखवाला

शरीर सुरक्षा और शरीर को तंत्र मंत्र से खोलने का गुरु गोरखनाथ मंत्र

यहां पर हम आप लोगों को जो मंत्र बताएंगे या बहुत ही प्रभावशाली गोरखनाथ जी का मंत्र है इस मंत्र के माध्यम से आप अपने शरीर पर किसी भी प्रकार की भूत प्रेत की छाया को आसानी से दूर कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके दुश्मन ने आपके शरीर को तंत्र मंत्र से बंधवा दिया है तो उसे भी बहुत आसानी से छुटकारा पा सकते हैं. इसीलिए आप इस मंत्र की जानकारी के लिए इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें :

मंत्र जाप का शुभ समय और दिन

body color

यहां पर हम आपको जो मंत्र बताएंगे इस मंत्र को आप दीपावली या फिर होली के दिन जाप करके अपने आप को पूर्ण रूप से सुरक्षित कर सकते हैं.

मंत्र जाप करने की विधि

  • दीपावली के दिन आप रात को सूर्य अस्त के बाद अपने घर के किसी स्थान पर आसन लगाकर बैठ जाना है.
  • फिर हम जो मंत्र बताएंगे इसे 108 या फिर 41 बार पढ़ना होगा.

जाप मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु को धरती माता धरती पिता धरती धरे ना धीर बाजे सिंगी बाजै तरतरी आया गोरखनाथ मीन का पूत मूंज का छड़ा लोहे का कड़ा यति हनुमंत हमारे पिंड पीछे खड़ा शब्द सांचा पिंड काचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा ।

  • जब इस मंत्र जाप की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो आप अपने हाथों पर फूंक मारकर 3 बार ताली बजाएं और फिर अपने हाथों को अपने पूरे शरीर पर अच्छी तरह से फेरे और फिर आसन पर सर झुका कर अपनी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें और फिर वहां से उठ जाएं ऐसा करने से आपका शरीर पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाएगा.

शरीर बांधने के लिए शाबर मंत्र क्या है ? 

अगर आप एक साधक हैं और आप कोई भयंकर साधना चालू करने वाले हैं तो आपको साधना चालू करने से पहले अपने शरीर की रक्षा के लिए नीचे दिए गए साबर मंत्र का इस्तेमाल कर लेना चाहिए,इस मंत्र का इस्तेमाल हर प्रकार की साधना में किया जा सकता है|

परंतु इस मंत्र को इस्तेमाल करने से पहले आपको इसे सिद्ध करना होगा, इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आपको शुक्रवार या फिर दीपावली अथवा होली के दिन आपको इसका जाप करना होगा, इन दिनों में आपको पश्चिम दिशा की ओर अपना मुंह करके वज्रासन की अवस्था में बैठकर जाप करना है, उसके बाद सामने आपको हलवे का भोग लगाना है|

इस मंत्र का जाप करने के लिए आपको सरसों के तेल का दीपक जलाना है और लोबान की धूनी देनी है, उसके बाद आपको सबसे पहले गुरु मंत्र का जाप करना है, गुरु मंत्र का जाप करने के बाद आपको गणपति जी के मंत्रों का जाप करना है|

उसके बाद आपको नीचे दिए गए मंत्र का 1008 बार जाप काले हकीक की माला से करना है, उसके बाद आपको आसन के नीचे जल को छिड़कना है और 5 मिनट तक मंत्र को सिद्ध होने की मन ही मन कामना करनी है,ऐसा करने से आप का मंत्र सिद्ध हो जाएगा|

जब भी आपको इस मंत्र का इस्तेमाल करना हो तो इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको सफेद आसन पर बैठ जाना है,उसके बाद आपको बताए गए मंत्र का 7 बार जाप करना है और अपने दाहिने हाथ पर फूक मारनी है|

उसके बाद आपको अपने पूरे शरीर पर फूक मारनी है, उसके बाद आपको चाकू के ऊपर 7 बार दिए गए मंत्र का जाप करना है और उसी चाकू के द्वारा आपको अपने चारों तरफ गोलाई में घेरा बना लेना है, ऐसा करने से आप कितनी भी भयंकर साधना क्यों न करें, आपके ऊपर कोई भी बुरी शक्ति अपना प्रभाव नहीं डाल पाएगी|

छोटी-मोटी थमंत वार को वार बांधे

पार को पार बांधे, मरघट मसान बांधे

टोना-टँवर बांधे, जादू वार बांधे

दीठ और मूठ बांधे, बिच्छू-साँपा बांधे

भेडि़या-बाघ बांधे, लखूरी सियार बांधे

अस्सी-अस्सी दोष बांधे, काली का लिलार बांधे

योगिनी संहार बांधे, ताडिका कलेज बांधे,

उत्तर-दक्षिण-पूरब-पश्चिम बांधे, मरी मसानी बांधे,

और बांधे डायन भूत के गुण.

लाइल्लाह को कोट इलल्लाह की खाई,

मोहम्मद रसूलिल्लाह की चोकी हजरत अली की दुहाई।

देह रक्षा शाबर मंत्र और शरीर बांधने का शाबर मंत्र क्या है ? 

इस मंत्र का जाप करने के लिए रविवार का दिन उत्तम माना गया है, इस मंत्र का जाप करने के लिए आपको सफेद आसन पर बैठना है और इसका जाप आपको रात के 10:00 बजे के बाद करना है,आपका मुंह इस मंत्र का जाप करने के समय उत्तर या फिर पूरब दिशा की ओर होना चाहिए और आपकी माला रुद्राक्ष की माला होनी चाहिए|

इस मंत्र का आपको उसी रात में 10000 बार जाप करना है और फिर 101 बार आपको हवन में आहुति देनी है, ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है,फिर जब भी आपको इस मंत्र का इस्तेमाल करना हो तो आपको अपने हाथ पर थोड़ा सा गंगाजल लेना है और दिए गए मंत्र को 4 बार बोल कर गंगाजल पर फूक मारनी है और उस पानी को अपने ऊपर छिड़क लेना है|

इसके बाद आपको लोहे की कील से अपने चारों तरफ घेरा बना लेना है, ऐसा करने से आपके शरीर की रक्षा बुरी शक्तियों से होगी|

ॐ परब्रम्ह परमात्मने नमः मम शरीरे पाहि पाहि कुरु कुरु स्वाहा।

मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र क्या है ? 

शरीर की सुरक्षा के लिए माता काली का सुरक्षा घेरा मंत्र भी काफी असरदार होता है, इस मंत्र को आपको रात को 9:00 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे के बीच में जाप करके पूरा कर लेना है|

इस मंत्र को आपको रात को 9:00 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे के बीच में लगातार 11 दिन तक 1008 बार जप करना है, आपको यह जाप मंगलवार से चालू करना है और जाप करते समय आपको माता काली के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाना है|

जाप पूरा होने के बाद आपसे यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा, फिर जब आपको इस मंत्र का इस्तेमाल करना हो तो थोड़ी सी काली मिर्च के दानों पर आपको 1008 बार इस मंत्र को पढ़ना है और काली मिर्च पर फूंक लगानी है और काली मिर्च को अपने आसन के चारों दिशाओं में फेंक देना है,ऐसा करने से आपके शरीर की रक्षा बुरी शक्तियों से होगी| ॐ कालिका देवी, काल रूपिणी, महाकाली, नव नाड़ी, बहत्तर जाली, मम भयम् हर हर, रक्षाम् कुरु कुरु स्वाहा।

चेतावनी disclaimer :-

यह सारी जानकारी इंटरनेट से ली गयी है , इसलिए इसमें त्रुटि होने या किसी भी नुकसान के जिम्मेदार आप स्वयं होंगे | हमारी वेबसाइट OSir.in का उदेश्य अंधविश्वास को बढ़ावा देना नही है, किन्तु आप तक वह अमूल्य और अब तक अज्ञात जानकारी पहुचाना है, इस जानकारी से होने वाले प्रभाव या दुष्प्रभाव के लिए हमारी वेबसाइट की कोई जिम्मेदारी नही होगी , कृपया-कोई भी कदम लेने से पहले अपने स्वा-विवेक का प्रयोग करे !  

❤ इसे और लोगो (मित्रो/परिवार) के साथ शेयर करे जिससे वह भी जान सके और इसका लाभ पाए ❤

Leave a Comment