वैसे तो मालाओ का प्रयोग सभी धर्मो में किया जाता है , हर धर्म में इसकी अलग अलग मान्यता और महत्ता है | परन्तु मंत्रो एवं साधनाओ में माला के प्रयोग का विशेष वर्णन हमे धर्म ग्रंथो में मिलता है | तब यह प्रश्न मन में उठना लाजमी है की आखिर mantra jaap ke liye mala ka hi prayog kyu kare ?
आज के लेख में इसी बारे में हम आप को विस्तारित जानकारी देंगे , साथ में mala ke prakar aur mala ke prayog के बारे में भी बतायेंगे |
प्रिय पाठको आपको यह तो पता ही है कि हमारा हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुरातन धर्म है। जब किसी अन्य मत या मजहब की उत्पत्ति नहीं हुई थी तब से सनातन हिंदू धर्म चला आ रहा है और यह कभी खत्म भी नहीं होगा क्योंकि सनातन हिंदू धर्म का ना आदि है न अंत है इसीलिए इसे सनातन हिंदू धर्म कहा गया है।
हिंदू धर्म को दुनिया का सबसे प्रमाणित धर्म होने का गौरव भी प्राप्त है, क्योंकि हमारे हिंदू धर्म में बताई गई सभी चीजों का वैज्ञानिक महत्व है परंतु हमारे हिंदू धर्म की एक ऐसी शाखा भी है जिसका पता आज तक कोई भी वैज्ञानिक नहीं लगा पाया हैं, उस शाखा का नाम है यंत्र तंत्र और मंत्र।
यंत्र तंत्र और मंत्र यह तीनों शब्द वैदिक संस्कृत के हैं और इन तीनों का ही हिंदू धर्म में काफी महत्व है।( आप यह लेख osir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है ) यह तीनों आपस में एक दूसरे के पूरक है परंतु इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मंत्र, क्योंकि हिंदू धर्म में मंत्रों को काफी महत्व दिया गया है।
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार मंत्रों के अंदर अभूतपूर्व शक्तियां और सिद्धियां होती है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि हर मंत्र से अलग तरह का प्रभाव और शक्ति उत्पन्न होती है और अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग मंत्र है।
जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी मंत्र को प्रयोग में लाने के लिए उसे सिद्ध करना आवश्यक होता है और मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसे एक निश्चित मात्रा में जाप करना होता है। मंत्र का जाप करने के लिए माला का उपयोग किया जाता है परंतु क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है।
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अगर आप नहीं जानते तो चिंता करने की कोई बात नहीं है कयोंकि आज के आर्टिकल में हम आपको यही बताने वाले हैं कि आखिर मंत्र जाप करने के लिए और मंत्र को सिद्ध करने के लिए माला का इस्तेमाल क्यों किया जाता है तथा माला कितने प्रकार की होती है चलिए जानते हैं विस्तार से।
- 1. मंत्र जाप के लिए माला क्यों ? Why garland for chanting mantras ?
- 2. माला के प्रयोग के नियम : Rules for the Use of “Mala”
- 3. माला कितने प्रकार की होती है : Type of necklace
- 3.1. 1. रुद्राक्ष की माला : Rudraksh Mala
- 3.2. 2. स्फटिक की माला : Rhinestone Garland
- 3.3. 3. हल्दी की माला : Turmeric Rosary
- 3.4. 4. चंदन की माला : Sandal Mala
- 3.5. 5. तुलसी की माला : Basil Rosary
- 3.6. 6. वैजयंती माला : Vejayanti garland
मंत्र जाप के लिए माला क्यों ? Why garland for chanting mantras ?
अगर हम बहुत ही सामान्य शब्दों में कहें तो मंत्र जाप और मंत्र सिद्धि के लिए माला का उपयोग इसीलिए किया जाता है क्योंकि मंत्र सिद्धि के लिए मंत्रों को एक निश्चित संख्या में जपना होता है और माला का प्रयोग इसलिए किया जाता है |
ताकि मंत्र जाप की संख्या में कोई गलती ना हो जाए क्योंकि अगर मंत्र जाप की संख्या में गलती हो जाएगी तो मंत्र सिद्ध नहीं होगा, जिसके कारण आपका समय भी बर्बाद होगा और आपको कोई लाभ भी नहीं होगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सामान्य तौर पर एक माला में 108 मनके (दाने,मोती) होते हैं। इसके अलावा कुछ मालाओं में 27 या फिर 54 मनके भी होते हैं। इसके साथ ही अलग-अलग मंत्र के जाप के लिए अलग-अलग प्रकार की माला का इस्तेमाल किया जाता है।
मंत्र सिद्धि के लिए सवा लाख की संख्या काफी महत्वपूर्ण है।कहा जाता है कि जो व्यक्ति किसी मंत्र को सवा लाख बार जप करके सिद्ध करता है, उस व्यक्ति की उस मंत्र पर बहुत ही तगड़ी पकड़ हो जाती है और वह मंत्र सिद्ध हो कर काफी प्रभावी होता है।
माला के प्रयोग के नियम : Rules for the Use of “Mala”
1. अगर आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप मंत्र सिद्ध करने के लिए जिस माला का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें हर मनके के बाद एक गांठ जरूर लगी हो।
इसके साथ ही माला हमेशा खुद की होनी चाहिए। दूसरे की माला मंत्र सिद्धि करने के लिए इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। अगर आप दूसरे की माला मंत्र सिद्ध करने के लिए इस्तेमाल करेंगे तो आप का मंत्र सिद्ध नहीं होगा।( आप यह लेख osir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है )
2. आप जब भी कोई मंत्र सिद्ध करने की तैयारी करें तो मंत्र जाप के पहले अपने हाथ में माला लेकर अपने इष्ट से यह प्रार्थना जरूर करें कि आपके द्वारा किया गया जाप सफल हो।
3. मंत्र जाप के समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि आपके हाथों की तर्जनी उंगली से माला स्पर्श ना हो।
4. मंत्र जप के समय माला किसी वस्त्र से ढंकी होनी होनी चाहिए या गोमुखी में होनी चाहिए. यह याद रखना चाहिए जिस माला से मंत्र जाप करते हैं, उसे धारण नहीं करें.
माला कितने प्रकार की होती है : Type of necklace
साधना,मंत्र जाप और पूजा में अलग अलग तरह की मालाओ के प्रयोग के बारे में बताया जाता है , प्रयेक माला का अलग-अलग प्रभाव भी होता है इसलिये चलिए अब जान लेते है की माला कितने तरह की होती है और उनका क्या प्रयोग है |
1. रुद्राक्ष की माला : Rudraksh Mala
अधिकांश मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से कर सकते हैं।महामृत्युंजय और लघुमृत्युंजय मन्त्र केवल रुद्राक्ष पर ही जप सकते हैं.
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2. स्फटिक की माला : Rhinestone Garland
मां सरस्वती और मां लक्ष्मी के मन्त्र इस माला से जपना उत्तम होता है
3. हल्दी की माला : Turmeric Rosary
हल्दी की माला का उपयोग बगलामुखी साधना और विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही इस माला का उपयोग ज्ञान और संतान प्राप्ति के मंत्रों का जाप करने के लिए भी किया जाता है।
4. चंदन की माला : Sandal Mala
चंदन की माला दो प्रकार की होती हैं। एक लाल चंदन की माला, एक सफेद चंदन की माला। अगर साधक देवी के मंत्रों का जाप करना चाहता है तो उसे लाल चंदन की माला का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा अगर साधक भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहता है तो उसे सफेद चंदन की माला का इस्तेमाल करना चाहिए।
5. तुलसी की माला : Basil Rosary
साधक इस माला का प्रयोग भगवान विष्णु और उनके अवतारों के मंत्रों को सिद्ध करने के लिए करता है। इस माला को धारण करने वाला साधक वैष्णव परंपरा का पालन करता है। इसके साथ ही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तुलसी की माला से कभी भी देवी और शिवजी जी के मंत्रों का जाप नहीं करना चाहिए।
6. वैजयंती माला : Vejayanti garland
यह माला राधा ने श्री कृष्ण को उपहार स्वरूप दी थी इस लिए इसे श्री कृष्ण की प्रिय माला माना जाता है | इस माला का प्रयोग मुख्यतः आकर्षण के लिए, आत्म-विस्वाश में वृद्धि, मन को शांत करने और समस्याओ के निराकरण के लिए प्रयोग किया जाता है |
इस वेबसाइट OSir.in पर आगे चल कर सारी मालाओ के प्रयोग फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बतायेंगे इस आप इस वेबसाइट की सदस्यता अवस्य ले ले इससे आप को यह अमूल्य जानकारी मिलती रहे |