रामायण के अनमोल वचन | Ramayan ke anmol vachan : हेलो दोस्तो नमस्कार स्वागत है आपका आज हम आपके लिए एक Interesting सा Topic लेकर आए हैं जोकि धार्मिकता से जुड़ा है आप लोगों के माध्यम से रामायण के अनमोल वचन के बारे में बताने वाले हैं आज हम आप लोगों के रामायण के कुछ ऐसे अनमोल वचन बताने वाले हैं.
जिनको अपने जीवन में उतारने से आपका जीवन बदल जाता है रामायण से लिए गए अनमोल वचन यह आपके जीवन में बदलने वाले गुणों को बढ़ावा देंगे बल्कि आपके व्यक्तित्व का विकास भी करेंगे.
आपके जीवन में आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आदर्शवादी बने रहेंगे वैसे तो सभी लोग जानते हैं कि हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामायण जो कि भगवान श्री राम के आदर्श जीवन पर आधारित है इसी से कुछ अनमोल विचारों को और उनसे प्रेरणा लेते हैं.
वैसे रामायण से निकाले गए कुछ अनमोल विचार ज्ञान का एक मूल्य खजाना है जो लोगों को धार्मिक और सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं और सदियों से चली आ रही रामायण की पुस्तक भारतीय संस्कृति और जीवन का नेतृत्व करने व धर्म का पालन करने के गुणों को सिखाती है.
तो आइए जानते हैं कि रामायण के अनमोल विचार कौन से हैं जो हमारे जीवन को बेहतर बनाते हैं इसीलिए आज हम आप लोगों को इसकी लेख के माध्यम से रामायण के अनमोल वचन के बारे में बताने वाले हैं अगर आप लोगों में इन अनमोल वचनों को जानना चाहते हैं जानने के लिए बहुत ही प्रेरित है तो आप हमारे इस लेख में अंत तक बने रहे.
रामायण के रचयिता कौन हैं ? | Ramayan ke rachayita kaun hai ?
वैसे दोस्तों आप सभी लोगों ने रामायण का नाम तो सुना ही होगा अगर नहीं सुना है तो हिंदू धर्म वाली लोग तो अवश्य ही जानते होंगे कि रामायण क्या है और उसका हमारे जीवन में क्या महत्व है लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि रामायण के रचयिता कौन थे.
यानी की रामायण की रचना किसने की थी वैसे हम आप लोगों को बता दें कि रामायण हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय ग्रंथ है इस पूरी रामायण में भगवान श्री राम की गाथा गाई गई है.
इस रामायण को संस्कृत का एक अनुपम का कहते हैं इस रामायण का समय त्रेतायुग से माना जाता है. तो चलिए आज हम आप लोगों को बताते हैं कि रामायण के रचयिता कौन थे.
दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी को माना जाता है महर्षि बाल्मीकि जी ने इस काव्य को 600 ईसा पूर्व से पहले लिखा था इसीलिए इनको वाल्मीकि रामायण या फिर बाल्मीकि रामायण भी कहते हैं.
महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित या लोकप्रिय ग्रंथ रामायण में प्रेम ,त्याग ,तप, यश की भावना को महत्व दिया गया है और महर्षि बाल्मीकि ने अपनी इस रामायण की रचना से हर किसी को सद मार्ग पर चलने की राह दिखाई थी.
बाल्मीकि का जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नवम पुत्र वरुण यानी कि आदित्य से हुआ था इन्हें प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषि में से एक माना जाता था महर्षि बाल्मीकि आदित्य कवि के रूप में भी प्रसिद्ध थे.
महर्षि बाल्मीकि ने संस्कृत रामायण काव्य में भगवान श्री राम की गाथा का वर्णन किया था इन्होंने उनके पिता राजा दशरथ द्वारा राज्य से उनके निर्वासन, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ भारत के जंगलों में उनकी यात्रा की थी.
उसके बाद उसी जंगल में लंका के राजा जानी की लंका का राक्षस रावण द्वारा भगवान श्री राम की पत्नी के अपहरण का वर्णन किया गया है और उसमें भगवान श्री राम और रावण का युद्ध भी हुआ था उसके बाद श्रीराम की जीत हुई और अयोध्या वापस आए और भगवान श्री राम को राजा का ताज पहनाया.
महर्षि बाल्मीकि जी ने रामायण में कुल 17 अध्याय लिखे हैं जो कांड के नाम से जाने जाते हैं इस पूरी रामायण में कुल 24000 लोग हैं. यह पूरी रामायण हिंदू स्मृति का वह अंग है जिसके माध्यम से पूरी रामायण की रचना की गई है.
रामायण के प्रसिद्ध अनमोल वचन | Ramayan ke prasidh anmol vachan
उत्साह सबसे बड़ी ताकत होती है।
उत्साह से बड़ी कोई ताकत नहीं है।
ऐसा कुछ भी नहीं है जो उत्साही लोगों के लिए इस दुनिया में प्राप्त योग्य नहीं है।
चाहे दुःख में हो या सुख में एक दोस्त हमेशा एक दोस्त का सहारा होता है।
एक बड़ा भाई और शिक्षक जो ज्ञान देते हैं वो धर्म के मार्ग पर चलते हुए, एक के पिता के रूप में माने जाते हैं।
रामायण के अनमोल वचन | Ramayan ke anmol vachan
दोस्तों वैसे क्या आप जानते हैं की कहानी,श्लोक और रामायण से उपजे अनमोल वचन का ज्ञान एक बहुत ही अमूल्य खजाना है यह अनमोल वचन सभी व्यक्तियों को धार्मिक और सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं.
इसीलिए आज सदियों के बाद रामायण की पुस्तक भारतीय संस्कृति का और जीवन का नेतृत्व करने व धर्म का पालन करने वाले गुणों को सीखने जा रहे हैं तो आज हम आप लोगों को इस लेख के माध्यम से रामायण के अनमोल वचन के बारे में बताने वाले हैं.
क्रम संख्या | रामायण के अनमोल वचन |
1 | जो व्यक्ति निरंतर शोक करते रहते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता। |
2 | मैं रिश्तेदारों के आचरण से भलीभाँति परिचित हूँ। वे अपने रिश्तेदारों की मुसीबत में आनंदित होते हैं। |
3 | उदासी अत्यंत बुरी चीज होती है। हमें कभी भी अपने मस्तिष्क का नियंत्रण उदासी के हाथ में नहीं देना चाहिये। उदासी एक व्यक्ति को उसी प्रकार मार डालती है, जैसे कि एक क्रोधित साँप किसी बच्चे को। |
4 | अपने जीवन का अंत कर देने में कोई अच्छाई नहीं होती, सुख और आनंद का रास्ता जीवन से ही निकलता है। |
5 | दया, सदभावना व मानवीयता महा पुण्यकारी गुण हैं। |
6 | दुष्टों व राक्षसों से समझौते की बात या नम्र शब्दों से कोई लाभ नहीं हो सकता। इसी प्रकार किसी धनवान व्यक्ति को कोई छोटा मोटा उपहार दे कर उसे शांत नहीं किया जा सकता। |
7 | बड़े कहते हैं कि विद्वानों व बुद्धिमानों से परामर्श ही विजय का आधार होता हैं। |
8 | उत्साह हीन, निर्बल व दुःख में डूबा हुआ व्यक्ति कोई अच्छा कार्य नहीं कर सकता। अतः वह धीरे धीरे दुःख की गहराइयों में डूब जाता हैं। |
9 | बिन पानी के बादलों के गरजने से बरसात नहीं होती। सच्चे वीर और पहलवान फालतू में नहीं दहाड़ते, वे युद्ध में अपना शौर्य दिखाते हैं। |
10 | जो अपनों को त्याग कर दुश्मनों के शिविर में चला जाता हैं, उसी के पुराने शिविर के अपने ही साथी दुश्मन को मारने के पश्चात उसे भी मार डालते हैं। |
11 | सत्यवादी व्यक्ति कभी झूठे वचन नहीं देते। दिए हुए वचन का पालन करना ही उनकी महानता का चिंह होता है। |
12 | पतिव्रता स्त्री के आँसू धरती पर बेकार नहीं गिरते, वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारणवश वे आँखों से बहार निकलें। |
13 | धर्म किसी देश के सभी लोगों को एक जुट रखने में समर्थ होता हैं। |
14 | जिनके पास धर्म का ज्ञान हैं, वे सभी कहते हैं कि सत्य ही परम धर्म हैं। |
15 | अभिमानी व्यक्ति, चाहे वह आपका गुरु, पिता व उम्र अथवा ज्ञान में बड़ा भी हो, उसे सही दिशा दिखाना अति आवश्यक होता हैं। |
16 | दुःख ऐसी वस्तु हैं जो ज्ञान और बल दोनों का विनाशक होता है। दुःख से बड़ा कोई शत्रु नहीं होता। |
17 | झूठे व्यक्ति से लोग उसी प्रकार डरते हैं जैसे जहरीले साँप से। |
18 | धर्म सत्य में ही समाया हुआ हैं और ये संसार सत्य द्वारा ही चल रहा है। |
19 | चाहे चंद्रमा की सुंदरता चली जाए, हिमालय हिम रहित हो जाये, और सागर जल रहित हो जाए, तो भी मैं अपने पिता को दिया हुआ वचन नहीं तोडूंगा। |
20 | उत्साह में अपार शक्ति होती हैं। उत्साहित व्यक्ति के लिए कुछ भी असम्भव नहीं होता। |
रामायण के अन्य अनमोल वचन | Ramayan ke any anmol vachan
दोस्तों अगर आप लोग रामायण के इन अनमोल वचनों को अपने जीवन में उतारते हैं तो आपके जीवन को बदलने में और उन्हें गुणवान बनाने में आपकी मदद करता है और ना सिर्फ आपके व्यक्तित्व का विकास करेगा.
बल्कि आने वाली पीड़ा के लिए भी आदर्शवादी रहता है इसीलिए आप लोगों ने रामायण के इन अनमोल वचनों को अपने जीवन में अवश्य उठाएं और अपने जीवन को बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश करें.
1. जैसे कमल के पत्तों पर पड़ी पानी की बूँदें पत्तों से नहीं चिपकतीं,
उसी प्रकार चरित्रहीन व्यक्तियों से होने वाली मित्रता होती है।
2. अपना जीवन त्याग देना कोई अच्छा फल नहीं देता,
जीना जारी रखना आनंद और प्रसन्नता का मार्ग है।
3. हर मनुष्य में दया और प्रेम होना चाहिए,
हर किसी के मन में अपने से छोटे के प्रति दया और अपने से बड़ों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।
4. जो व्यक्ति जो कार्य निश्चित है उसे छोड़कर,
जो कार्य अनिश्चित है उसके पीछे भागे तो वह व्यक्ति उसके हाथ में आया कार्य भी खो देता है।
5. जो आपका कुमित्र है उन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए,
और जो मित्र है उन पर भी अँधा विश्वास नहीं करना चाहिए।
6. किसी भी नेक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक हैं
: उदास व दुखी न होना , अपने कर्तव्य पालन की क्षमता, अथवा कठिनाइयों का बल पूर्वक सामना करने की क्षमता।
7. सत्यवादी व्यक्ति कभी झूठे वचन नहीं देते।
दिए हुए वचन का पालन करना ही उनकी महानता का चिंह होता है।
8. उदासी अत्यंत बुरी चीज होती है।
हमें कभी भी अपने मस्तिष्क का नियंत्रण उदासी के हाथ में नहीं देना चाहिये।
उदासी एक व्यक्ति को उसी प्रकार मार डालती है, जैसे कि एक क्रोधित साँप किसी बच्चे को।
9. किसी भी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति का ज्ञान उसके आचरण से होता हैं
10. पतिव्रता स्त्री के आँसू धरती पर बेकार नहीं गिरते,
वे उनका विनाश करते हैं जिनके कारणवश वे आँखों से बहार निकलें।
11. वीर व बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।
12. बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होते हैं,
परन्तु बोलने के बाद मनुष्य शब्दों के वश में हो जाता है।
13. अगर किसी व्यक्ति से भूतकाल में कोई भूल हो तो उसे अपने वर्तमान को सुधारकर अपने भविष्य को अच्छा बनाना चाहिए।
14.अगर कोई व्यक्ति कमजोर है तो उसे हमेशा वह ताकतवर है
ऐसा ही प्रदर्शित करना चाहिए।
15. जब भी कोई भय आपके नजदीक आए तब आपको उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।
16. वे जो हेमशा सच्चाई का पालन करते हैं गलत वचन नहीं देते.
अपना वचन निभाना, निश्चित रूप से एक महान व्यक्ति की निशानी है।
17. सौंदर्य चंद्रमा को छोड़ सकता है, हिमवान बिना बर्फ के हो सकता है,
समुद्र अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर सकता है
लेकिन मैं कभी भी अपने पिता के दिए वचन को नहीं तोड़ सकता।
18. दूसरों की संपत्ति को चोरी करना,
किसी अन्य की पत्नी की लालसा करना और मित्रों की ईमानदारी और चरित्र पर शक करना
ये तीनों व्यक्ति को विनाश तक ले जाते हैं।
FAQ : रामायण के अनमोल वचन
[faqschema id=58001]निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आज मैं आप लोगों को इस लेख के माध्यम से रामायण के अनमोल वचन के बारे में बताया इसके अलावा रामायण के प्रसिद्ध अनमोल वचन रामायण के रचयिता कौन है इन सारे विषयों के बारे में विस्तार से बताया है उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी और आपके लिए होते होगी यह साबित हुई होगी.