Shani dev ki puja kaise ki jati hai ? हिंदू सनातन धर्म में 33 कोटि के देवी देवताओं के अंतर्गत शनिदेव का भी अपना एक विशिष्ट महत्व और स्थान है। जब शनिदेव की दृष्टि किसी व्यक्ति के ऊपर पड़ जाती है तो उसके सभी काम बिगड़ जाते हैं। जहां एक और सही प्रकार के देवी देवताओं को स्त्री और पुरुष पूजा करते हैं वही कुछ देवी देवताओं कोई स्त्री और पुरुष के लिए पूजा करने से बाध्य किया जाता है।
हिंदू धर्म में कुछ ऐसे देवी देवता हैं जिनको केवल पुरुष वर्ग के लिए पूजा हेतु बताया गया है वहीं दूसरी तरफ कुछ देवी देवताओं को केवल स्त्रियां ही पूज सकती हैं। इन्हीं देवी देवताओं के अंतर्गत शनि देव भी आते हैं जिनकी पूजा स्त्रियों के लिए मना किया जाता है।
धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों को देखा जाए तो स्त्रियों को शनिदेव के मंदिर में पूजा करने के लिए नहीं जाना चाहिए शनिदेव की पूजा महिलाओं को करनी चाहिए या नहीं तो आपको बता दें कि स्त्रियों को शनिदेव की पूजा नहीं करनी चाहिए
स्त्रियों को शनिदेव की पूजा करने के लिए जब मना किया जाता है तो बहुत सी महिलाएं यह सोचती होंगी कि जब देवी देवता सभी लोगों के लिए हैं तो स्त्रियों को शनिदेव की पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए
औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं ?
जब किसी महिला को शनिदेव की पूजा करने के लिए मंदिर में प्रवेश से रोका जाता है तो स्त्रिया यही सोचती होंगी कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है परंतु इनके असल कारण कुछ और ही हैं शास्त्रों के अनुसार यदि महिलाएं किसी शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा करेंगे तो उनके लिए कोई नुकसान हो सकता है क्योंकि शनि देव की नजर हमेशा नीचे रहती है अर्थात उनकी दृष्टि सीधी नहीं होती है जिससे बुरा प्रभाव पड़ता है
1. तांत्रिक शक्तियों की नकारात्मक ऊर्जा
ऐसे मंदिर जहां पर शनिदेव की पूजा करके तांत्रिक शक्तियों को सिद्ध किया जाता है वहां पर तांत्रिक शक्तियों के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दिखाई देता है। इस प्रकार के शनि मंदिर में महिलाओं के जाने की वजह से उन पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव पड़ सकता है इसलिए महिलाओं को शनि मंदिर में नहीं जाना चाहिए और उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए
शनि मंदिर में तांत्रिक क्रियाएं सिद्धकी जाने के कारण सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जा का प्रभाव होता है जिसकी वजह से महिलाओं में प्रभाव अधिक पड़ता है इसीलिए महिलाओं को शनिदेव की पूजा ऐसे मंदिरों में नहीं करनी चाहिए
जहां पर तांत्रिक क्रिया से देखी जाती है वहां पर यदि महिलाएं जाती हैं तो उनके मन में अशांति फैल सकती हैं और मानसिक रूप से बेचैनी के कारण उथल-पुथल हो सकती है। शनिदेव के मंदिर अधिकांश था तंत्र-मंत्र के लिए ही होते हैं जब किसी भी व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव घातक हो जाता है ऐसे में शनि मंदिर का निर्माण करके पूजा की जाती है
अगर किसी भी व्यक्ति के ऊपर भूत प्रेत जिन्न चुड़ैल आदि का साया होता है तो शनि मंदिर के अंदर इलाज किया जाता है इसलिए यदि महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी है तो ऐसे मंदिर में जाएं जहां पर तंत्र मंत्र या तांत्रिक सिद्धि ना की जाती हो
2. गर्भवती महिला का गर्भ प्रभावित हो सकता है
यदि कोई महिला गर्भवती है और वह शनि मंदिर में जाकर शनि की पूजा करती हैं तो उसके गर्भ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है तथा गर्व को कोई नुकसान हो सकता है ऐसे में महिलाओं को शनिदेव के मंदिर में पूजा नहीं करनी चाहिए।
3. शारीरिक और मानसिक कष्ट हो सकता है
शनि मंदिर में यदि महिलाएं पूजा करने के लिए जाना चाहती है तू वहां पर बैठे हुए पुजारी की अनुमति लेकर ही प्रवेश करें क्योंकि तांत्रिक शक्तियों को सिद्ध करने के कारण यहां पर नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है।
ऐसे में यदि आप पुजारी की आज्ञा लेकर पूजा करती हैं तो वह पुजारी आप की सुरक्षा के लिए कुछ कर सकता है क्योंकि शनि मंदिर के पास भूत प्रेत आत्माएं भी हो सकती है यदि कोई महिला कोई अच्छे पकवान लेकर या खा कर जाती है तो उसको भी प्रभाव पड़ सकता है
ऐसे मंदिर जहां पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक क्रियाएं होती हैं वहां पर यदि महिलाएं पूजा के लिए जाते हैं तो उनके मन में बेचैनी उत्पन्न हो सकती हैं इसीलिए इस प्रकार के मंदिरों में महिलाएं शनि की पूजा के लिए ना जाएं
शनि मंदिर घर में बनाकर पूजा करें
अगर महिलाओं को शनिदेव की पूजा करनी ही है तो वह अपने आसपास या घर के अंदर शनिदेव का मंदिर बनवा कर उनकी पूजा कर सकती हैं हालांकि महिलाओं को शनिदेव की पूजा करने के लिए वर्जित नहीं किया जाता है लेकिन जहां पर तांत्रिक क्रियाएं सिद्ध होती हो वहां पर शनिदेव की पूजा करने के लिए महिलाओं को नहीं जाना चाहिए
जिस प्रकार से भैरवी गर्भ गृह ने पुरुषों को जाना वर्जित है उसी प्रकार से शनिदेव के मंदिर में महिलाओं को नहीं जाना चाहिए अगर वह पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घर में या गांव के इसी स्थान पर शनि मंदिर बनवा कर पूजा कर सकती है
शनि देव के मंत्र
यदि कोई भी महिला या पुरुष शनिदेव की पूजा करती हैं तो उसको नीचे दिए गए मंत्रों के द्वारा पूजा अर्चना संपन्न करनी चाहिए किसी भी प्रकार के शारीरिक कष्ट होने पर इन मंत्रों के माध्यम से कष्टों को दूर किया जा सकता है
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
जय जय श्री शनिदेव
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
जय जय श्री शनिदेव
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
जय जय श्री शनिदेव
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
जय जय श्री शनिदेव
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
जय जय श्री शनिदेव
इस लेख को पढने के बाद अब आप जान गए होंगे की औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं ? साथ ही शनि देव का मंत्र और शनि देव की आरती भी आप लोगों को इस लेख में जानने को मिल गयी है .